पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५४५

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दंडोत २१६३, दंतधावन कर सकते हैं। मरने पर दहियों के शव का दाह नही होता, लोग एक दूसरे से सुनते चले भाए हों, तथा जिसका कोई या तो शव मिट्टी में गाड दिया जाता है या नंदी में फेंक और पुष्ट प्रमाण न हो। सुनी सुनाई बात । मनुश्रुति । उदिया जाता है। काशी में पहत से दंडी दिखाई पड़ते हैं। इति वेद वदति न दतकथा । रवि भातप भिन्न न मिन्न यथा । ६. सूर्य के एक पापर्वचर का नाम । ७ जिन देव । ८. घृतराष्ट्र -तुलसी (शब्द०)। के एक पुत्र का नाम । ६. दमनक वृक्ष । दोने का पोषा। १०. दंतकर्षण-सज्ञा पुं० [स. दन्तकपण] जमीरी नीबू । मजुनी । ११. शिव । महादेव । १२. नाविक । केवट (को०)। दंतकार-संज्ञा पुं० [स० दन्तकार] १ वह व्यक्ति जो हाथीदौत का १३. संस्कृत के प्रसिद्ध कवि जिनके बनाए हुए दा प्रथ मिलते है काम करता हो। २ दौत बनानेवाना शिल्पी । दंत चिकित्सक 'दशकुमारचरित' पौर काव्यादर्श'। ऐसा प्रसिद्ध है कि डापटर। दडी ने तीन प्रय लिखे ये दशकुमारचरित (गद्यकाव्य) दंतकाष्ठ-सज्ञा पुं० [स० दन्तकाष्ठ ] तुवन, दनून । मुखारी। काव्यादर्श (लक्षण न थ) पौर अवंतिसुदरी कथा, पर तीसरे दंतकाष्टक सज्ञा पुं० [सं० दन्तकाष्ठक] प्राहरय वृक्ष। वरवट का पता बहुत दिनों तक नहीं लगा था। इधर उक्त प्रथ का पेड। प्राप्त हो गया है और प्रकाशित भी है। अनेक लोगों का दंतकुली-सदा श्री० [सं० दन्त + कुल ( समुदाय) ] दांतों की मत है कि ईसा की छठी शताब्दी मे दडी हुए थे। 'शंकर पक्ति । उ०-दंतकुली अगुली करी कोपरी कपालवीर देत दिविजय मे 'बाणमयूरदडि मुख्यान' से ज्ञात होता है कि ये विश्यरी, फरी विहरी किरमाला।-रा० रु०, पृ० २५१ । वाण पोर मयूर के समकालीन थे। इतना तो निश्चय है कि दंतकूर-समा पृ० [सं० दन्तकूर] युद्ध । सग्राम। ये कालिदास प्रौर शूद्रक धादि के पीछे के हैं। इनकी वाक्य दंतक्षत-सा पुं० [सं० दन्तक्षव] फामशास्त्र के अनुसार कामकेलि में रचना माडंबरपूर्ण है। नायक नायिका द्वारा प्रेमोन्माद में एक दूसरे के मघर पौर दंडोत -सच्चा श्री० [सं० दण्डवद] दे० 'दंडवत'। उ०-बंधन फपोल में लगा हुमा दांत काटने का चिह्न। दांत काटने का सबही सुरन को विधि ह को दंडोत । कमन को फल देतु हैं निशान को इनको कहा उदीत ।-प्रज० ग्र०, पृ०७२ । दंतधर्ष-सबा पुं० [सं० दन्तपर्यं] बात पर दांत दवाकर घिसने की दंडोत्पल-संका पु. [सं० दण्डोसल] एक पौधे का नाम जिसे कुछ क्रिया । वात किरकिराना। लोग गूमा, कुछ लोग कुकरॊषा और कुछ लोग बडी सहदेया विशेप-निद्रा की अवस्था में बच्चे कभी कभी दांत फिरफिरावे समझते हैं। हैं जिसे लोग मशुभ समझते हैं। रोगी के पक्ष में यह पोरगी दंडोत्पला-संह सी० [सं० दण्डोरपला] दे० 'दढोत्पल' । बुरा समझा जाता हैं। दंडोपनव-वि० [सं० दण्ड+ उपन] कौटिल्य के अनुसार पराजित दंतधात-सा पुं० [सं० दन्तपात] दे० 'दताधात' मोर मषीन (राजा)। इंतच्छद-सचा पुं० [सं० दम्तच्छद) मोष्ठ । नोंठ । दंडीत -सका स्त्री० [सदएडक्त्] दे॰ 'दडवत्'। उ.-सनमुप देवच्छदोपमा सच्चा सौर [से० दन्तच्छदोपमा] विवाफल । कुंदरू। अजुलि जाकरी दडौत सवन कहुँ । कुसुमजलि सिर महि दंतछत -सया पु० [सं० दन्तक्षत] दे० 'दतक्षत'। धूप नैवेद समुह सहुँ ।-पू० रा०, ६।५८ । दंतछद -सम पुं० [सं० दन्तच्छद] दतच्छद । दव्य-वि० [सं० दरड्य] दंव पाने योग्य । जिसे दंड देना उचित हो। दंतछद-सज्ञा पुं० [सं० दन्तक्षत] दे० 'दंतक्षत। दंत-सया पुं० [सं० दन्त] १ दांत । स०-दत कवाडया नह रेग्या। दंतजात-वि० [सं० दन्तजात] १ (बच्चा) जिसे दांत निकल पाप चालउ सखी होली खेलवा बाई-ची. रासो, पु०६८ । हों। २ त निकलने योग्य (काल)। यो०-दतकथा। दत चिकित्सक दांत की चिकित्सा करने- विशेष-गर्मोपनिषद् में लिखा है कि बच्चे को सातवें महीने में वाला । दतचिकित्सा- दाँत का इलाज । दांत निकलना चाहिए। यदि उस समय दात न निकलें तो २ ३२ को सख्या । ३ गाँव के हिस्सो में बहुत ही छोटा हिस्सा मनोच लगता है। जो पाई से भी बहुत कम होता है। (कौडियो में दौत के दंतजाह--संघा पुं० [सं० दन्तजाह] पोतो की लड़ [को०। चिह्न होते हैं इसी से. यह सख्या बनी है)। ४ कुज । ५. देवताल- सच्चा पु० [सं० वन्तताल ] एक प्रकार का प्राचीन वाजा पहाड की चोटी। ६ वाण का सिरा या नोक (को०)। ७ जिससे ताल दिया जाता है। हाथी का दौत (को०)। दंतदर्शन-सा पुं० [सं० दन्तदर्शन] क्रोध या चिडचिडाहठ में दांत यौ०-दतकार। निकालने की क्रिया। दंतक-संपा पुं० [म० दन्तक] १ दौठ। २. पहाड की चोटी। ३. विशेषमहाभारत (वन पर्व) में लिखा है फि युद्ध में पहले दाँत पहाड़ से निकलनेवाला एक प्रकार का पत्थर । ४ दीवाल दिखाए जाते हैं फिर शब्द फरके वार किया जाता है। में लगी हुई खूटी (को०)। दंतधाव-सा पुं० [सं० पन्तवाव दे० 'दतधावन' को । दंतकथा--सज्ञा खो० स० दन्तकथा ऐसी बात जिसे पहव दिनों से दंतधावन-सपा पुं० [सं० दन्तधावन] १.दीत घोने या साफ करने