पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/१८७

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सर्व ५००७ सर्वजनप्रिया जो सबसे महान् हो । सर्वरक्षण =जो सब का रक्षण करे या सर्वकेसर--सचा पु० [सं०] बकुल वृक्ष या पुष्प । मौलिमिरी। सवसे रक्षा करनेवाला। सर्वरक्षी= सबकी सुरक्षा करनेवाला। सर्वक्षार--मन्ना पु० [म०] १ मोखा। मुप्कक वृक्ष । २ एक प्रकार सर्ववल्लभ = सवका प्यारा । जो सवको प्रिय हो । सर्ववातसह % का क्षार । महाक्षार (को०) । ३ सव कुछ नष्ट कर देना या पोत या यान जो सभी प्रकार की वायु को सहन करने मे काम लायक न रहने देना। सक्षम हो। सर्ववादिसम्मत = जिससे सभी सहमत हो। सर्व- यौ०-सर्वक्षारनीति = युद्ध मे सेना द्वारा पोछे हटते हुए सब वासक = पूर्णत वस्त्राच्छादित । सर्वविज्ञान = सभी विपयो का सामान नष्ट कर देना जिसमे शत्रुपक्ष उसका उपयोग न कर ज्ञान । सर्वविज्ञानी = सभी विपयो का ज्ञाता। सर्वविनाश = सके और उसे आगे बढने मे बाधा हो। सर्वनाश । सर्वविपय = जो सब विपयो से सवद्ध हो । सर्ववीर्य = समग्र शक्ति से युक्त । सर्वशका = सत्र के प्रति शक की सर्वगध-सज्ञा पु० [म० सर्वगन्ध] १ दाल चीनी । गडत्वक् । २ एला। इलायची । ३ तेजपात । ४ नागकेसर । नागपुप्प। ५ शीतल भावना । सर्वशक = दे० 'सर्वशक्तिमान्'। सर्वशास्त्री = सभी चीनी । ६ लौग। लवग । ७ अगर । अगरु । ८ शिलारस। प्रकार के शस्त्रो से युक्त । सर्वशीघ्र जो सबसे तोन या तेज हो । सर्वश्राव्य = जिसे सभी लोग सुन सके। सवसपन्न = जो ६ कर्पूर । १० वह जो सभी प्रकार के गव से युक्त हो । सभी चीजो मे सपन्न या युक्त हो । ११ केसर। सर्वगधिक-सञ्ज्ञा पुं० [स० सर्वगन्धिक] . ' 'सर्वगध' (को०] । सर्व' -सञ्ज्ञा पुं० १ शिव का एक नाम । २. विष्णु का एक नाम । ३ पारा । पारद। ४ रसौत। ५. शिलाजतु । सिलाजीत । ६. एक सर्वग'--वि० [स०] [वि॰ स्त्री० सर्वगा] जिसकी गति सव जगह हो । जो सब जगह जा सके। सर्वव्यापक । मुनि का नाम (को०) । ७ जल (को०)। ६ एक जनपद (को०)। सर्वग-सञ्ज्ञा पुं० १ पानी। जल । २ जीव । आत्मा। ३. ब्रह्म । सर्व-सञ्चा पु० [अ०] एक वृक्ष । दे० 'सरो' (को॰] । ४ शिव का एक नाम । सर्वक-वि० [स०] सव समस्त । पूरा । तमाम । कुल। समग्र [फो०] । सर्वगण-सज्ञा पु० [स०] खारो मिट्टी। रेह । सवकर-सज्ञा पुं॰ [स०शिव का एक नाम (को०] । सवगत-वि॰ [म.] जो सव मे हा । सवव्यापक । सवकर्ता-सदा पुं० [स० सर्वकर्त | १ ब्रह्मा। २ ईश्वर (को॰) । सवगति--० [०] जिसका शरण सब लोग हा। जो सवको गति सर्वकर्मा-सञ्ज्ञा पुं० [सं० सर्वकर्मन् ] शिव [को०] । हा। जिसम सब पाश्रय ल । सवकर्मीए -वि० [स०] सव कार्य करनवाला [को०] । सर्वगा--सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] प्रियगु क्षुप । सवकाम-- चा पु० [स०, १ सब इच्छाए रखनेवाला। २ सब इच्छाएं पूरा करनवाला। ३ शिव का एक नाम । ४ एक सवगामी--वि० [स० सवगामिन्] द० 'सवग' । सवन थि-सञ्ज्ञा पुं० [स० सवग्रन्थि] पीपला मूल । वुद्ध या अहत् का नाम । यौ०--सवकामगम = इच्छानुसार सभी जगह गमन करनेवाला। सवनायक-चा पु० [स० सवग्रान्यक] २० सवयाथ' । सवकामद। सवकामदुघ = समा कामनाएं पूरण करनेवाला । सवग्रह-1 [स] एक बार म सब कुछ भक्षण करनवाला फो०] । सवकामवर सवग्रहापहा -सक्षा खा. [40] नागदमना । नागदान । सर्वकामद--वि० [स०] [वि० स्रो० सवकामदा] सब कामनाए पूरी सवनाम-पचा १० [स०११ चद्र या सूय का वह ग्रहण जिमम उनका करनेवाला । मडल पूर्ण रूप स छिप जाता है । पूण ग्रहण । पन्नास ग्रहण । सर्वकामद'--पञ्चा पु० शिव (को०] । २. वह जा सब कुछ खा जाय, बचा न रहन द । सवकामवर-तचा पु० [] शिव [को०] । सवचक्रा-सचा बा [° वाद्धा का एकतानिक दवा। सवकाभिक--वि० [स०] १. सारो इच्छाएं पूरी करनेवाला। २ सवचमाए--वि० [१०] १. जा पूणत. चनानामत ह।। २ जिसम जिसको सारा इच्छाएं पूरी हो गई हा का०] । सभा प्रकार क चमड लग हा । सर्वकामो-वि० [स० सर्वकामिन्। समो इच्छाएं पूर्ण करनेवाला । सवचारी-व० [स० सवचारन्। ३० का सवारिया, सवम २ जिसको सभी इच्छाएं पूण हा। ३. स्वच्छा से काम रमनवाला। व्यापक। करनेवाला (को०]। सवचारी--संक्षा पु० शिव का एक नाम । सर्वकारी-वि० [स० सर्वकारिन्। १. जो सब कुछ करने में समर्थ सवच्छदक-व० [स० सर्वच्छन्दक सर्वका अनुकूल १॥ नू। हो । २. सवका निर्माण करनेवाला (को०] । करनवाला । सर्वकाल--क्रि० वि० [सं०] हर समय । सव दिन । सदा । सवज-वि० [सजा निदाप क कारण उद्भूत हा या०] । सर्वकालप्रसाद-सचा पु० [सं०] शिव का एक नाम (को०] । सवजन-संक्षा पु० [सं०] समा जन । सव लाग (फा०] । सर्वकालिक, सर्वकालीन--वि॰ [म०] सब समय या काल का [को॰] । सवजनाप्रया-बाबा (स०] १. ऋाद्ध नामक अष्टवर्गीय प्रोपधि। सर्वकेशी-सज्ञा पुं० [स० सर्वकेशिन्] अभिनेता । एक्टर । नट [को०] । २. वश्या, जा सभा लाना का प्रिया है।