पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२४३

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साधन ५०६३ साधार जाना। गमन । ११ धन । दौलत । द्रव्य । १२ पदार्थ । ३. नापना। पैमाइश करना। जैसे,-लकडी साधना, टोपी चीज । १३ घोडे, हाथी और सैनिक आदि जिनकी सहायता साधना। ४ अभ्यास करना। प्रादत डालना। स्वभाव से युद्ध होता है। १४ उपाय । तरकीव । १५. सिद्धि। डालना। जैमे,-योग साधना, तप साधना । उ०-जव १६ प्रमाण। १७ तपस्या आदि के द्वारा मन्त्र सिद्ध करना। लगि पीउ मिले तुहि साधि प्रेम की पीर। जैसे सीप स्वाति साधना। १८ यत्र । (को०)। १६ दमन करना। जीत लेना कहँ तपं समुंद मंझ नीर ।-जायसी (शब्द०)। ५ शोधना । (को०) । २० वशीकरण (को०) । २१ वसूली का प्रादेश प्राप्त शुद्ध करना। ६ सच्चा प्रमाणित करना। ७ पक्का करना। कर द्रव्य, दस्तु, ऋण प्रादि को वसूल करना (को०)। २२ ठहराना। ८ एकत्र करना। इकट्ठा करना। उ०-वेदिक मारण । बध । विनाश (को०)। २३ व्याकरण मे करण कारक विधान अनेक लोफिक माचरन सुनि जान के । बलिदान पूजा (को० । २४ मोक्ष या मुक्ति पाना (को०) । २५ निगेद्रिय । मूल कामनि साधि राखी प्रानि के -तुलसी (शब्द०) । शिश्न (को०)। २६ शरीर को इद्रियाँ या अग (को०) । २७ ६ अपनी ओर मिलाना या काबू मे करना। वश मे करना । कुच । स्तन (को०) । २८ प्राप्ति । लाभ (को०) । २६ गणना । उ०-गाधिराज को पुत्र साधि सब मित्र शत्रु वल ।-केशव सगणना (को०)। ३० बाद मे जाना। अनुगमन (को०) । (शब्द०)। ३१ मंत्री। मित्रता (को०)। ३२ अधिकार मे करना या लेना सावनी-सज्ञा स्त्री० [सं० साधन] लोहे या लकडी का एक प्रकार का (को०) । ३३ तैयार करना । तैयारी (को०)। ३४ नीरोग या लवा औजार जिससे जमीन चौरस करते है। स्वस्थ करना (को०) । ३५ तुष्ट करना (को०)। साधनीय-वि॰ [स०] १ साधना करने के योग्य । साधने या सिद्ध साधन' वि० १ पूरा करनेवाला। २ प्राप्त करनेवाला। ३ प्रेतादि करने लायक । २ जो हो सके। जो साधा जा सके। ३ उपयोगी। आत्मानो को बुलाने या वशीभूत करनेवाला। ४ अभि- ४ प्राप्य । अर्जन या प्राप्त करने योग्य । जैसे,-ज्ञान । ५ व्यजक (को०)। निर्माण या रचना करने योग्य । जैसे,-शब्द (को०)। साधनक-सज्ञा पु० [स०] साधन । उपकरण [को०] । सावयत-सचा पु० [स० साधयत्] भिक्षुक । भिखारी (को०] । साधन क्रिया सज्ञा स्त्री० [स०] १ समापिका क्रिण। २ कारक से साधयती-सज्ञा स्त्री॰ [स० साधयतीन्ती] साधना करनेवाली उपासिका। सबधित क्रिया (को०)। पाराधिका [को०)। साधनक्षम-वि० [स०] जिसके लिये प्रमाण दिया जा सके [को०] । साधयितव्य-वि० [स०] साधन करने के योग्य । साधने या सिद्ध साधनचतुष्टय-सञ्ज्ञा ॰ [स०] चार तरह के प्रमाण (को०] । करने लायक । साधनता-संज्ञा स्त्री० [सं०] १ साधन का भाव या धर्म । २ साधन साधयिता-सञ्ज्ञा पु० [स० साधयितु] वह जो साधन करता हो। करने की क्रिया। साधना। उ०-कहि आचार भक्त विध साधन करनेवाला । साधक । भाषी हस धर्म प्रकटायो। कही विभूति सिद्ध साधनता पाश्रम सार्मिक-वि० [स०] साधर्म्य या समान धर्म का अनुकरण करने- चार कहायो।—सूर (शब्द॰) । ३ सिद्धि प्राप्ति की वाला (को॰] । अवस्था (को०)। साधर्म्य-सज्ञा पुं० [स०] समान धर्म होने का भाव। एकधर्मता। साधनत्व-सज्ञा पु० [सं०] दे० 'साधनता' । समानधर्मता । तुल्यधर्मता। इन दोनो मे कुछ भी साधर्म्य साधननिर्देश-सशा पु० [स०] प्रमाण उपस्थित करना। हेतु का नही है। उ०-मनुष्यो के स्प, व्यापार या मनोवृत्तियो के प्रस्तुतीकरण (को०)। सादृश्य, साधर्म्य की दृष्टि से जो प्राकतिक वस्तु व्यापार आदि साधनपत्र-सज्ञा पु० [म.] प्रमाणरूप मे प्रस्तुत या उपस्थित किया लाए जाते हैं, उनका स्थान गौण ही समझना चाहिए। हुआ लेख, पन आदि (को०)। -रस०, पृ०६। साधनहार-सज्ञा पु० [स० साधन + हिं० हार (प्रत्य॰)] १ साधनेवाला। जो सिद्ध करता हो। २ जो साधा जा सके। साववा-सश पु० [स० साधु का बहुवचन साधव] १ साधना करनेवाला । साधक। २ सत् जन । साधु जन ।-दादू० पृ०१। सिद्ध होने के योग्य । साधना'-सज्ञा सी० [स०] १ कोई कार्य मिद्ध या सपन्न करने की साधवी-वि० सी० [सं० साध्वी] दे० 'साध्यो'-१। सात सीय भगनी प्रिथा प्रथा वरन चिनग पर। इन समन क्रिया। सिद्धि। २ किसी देवता या यत्न आदि को सिद्ध वोइ भुवनह भयो न न हहै रवि चक्क तर ।-पृ० रा०, करने के लिये उसकी आराधना या उपासना करना। ३ दे० 'साधन'। २१।२१४॥ साधना-क्रि० स० [स० साधन] १ (कोई कार्य) मिद्ध करना। सावस-सज्ञा पु० [स० साध्वस] दे० 'साध्वस'। पूरा करना । उ०-आसन साधि पवन पुनि पोवें। कोटि वरस साधा-संज्ञा स्त्री० [हिं० साध] अमिलापा । साध । उत्कठा । लगि काहिं न जीव ।-सुदर० ग्र०, भा० १, पृ० ३३७ । साधार-वि० [स०] १ अाधार महित । जिसका कुछ प्राधार हो । २. निशाना लगाना। सधान करना। जैसे,-लक्ष्य साधना । २ जो किसी के सहारे टिका हो (फो०] ।