पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/२४५

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स्वच्छ। 1 साधुज साध्या साधुज-मज्ञा पु० [स०] वह जिसका जन्म उत्तम कुल मे हुआ हो । साधुमात्रा-सज्ञा सी० [म.] उचित या ठीक ठीक परिमाण [को०] । कुलीन। साधुम्मन्य--वि० [स०] अपने को साधु या सज्जन माननेवाला (को०)। साधुजात-वि० [सं०] १ सुदर। खूबसूरत । २ उज्ज्वल । साफ । साधुवाद-सज्ञा पु० [स०] किसी के कोई उत्तम काय करने पर 'साधु साधु' कहकर उसकी प्रशसा करने का काम । साधुता-सञ्ज्ञा स्रो॰ [स० | १ साधु होने का भाव या धर्म । २ साधुग्रो साधुवादी-वि० [स० साधुवादिन् | १ न्यायसगत बात कहनेवाला । का धर्म । साधुनो का आचरण । ३ सज्जनता । भलमनसाहत । २ प्रशमक । प्रशसा करनेवाला। उ०-तदपि तुम्हारि साधुता देखी।-मानस, ७.१०६ । ४ साधुवाह--मज्ञा पु० [म०] घोडा जो अच्छी तरह मे मिखाया गया हो। भलाई । नेकी । ५ सीधापन । सिधाई। निकाला हुआ घोडा । [को०] । साधुति--सज्ञा स्त्री॰ [म० साधु] सग । साथ । उ०--फुर फुर कहत साधुवाही--वि० [म० साधुवाहिन्] १ अच्छी तरह वहन करने का मारु सब कोई। झूठहि झूठा साधुति होई ।-कबीर बी० (सवारी) आदि खीचनेवाला । २ जिसके पास अच्छी किस्म (शिशु०), पृ० १६४ । के शिक्षित अश्व हो (को०] । साधुत्व-सज्ञा पु० [स०] दे० 'साधुता' । साधुवाही--सज्ञा पु० दे० 'साधुवाह' । साघुदर्शन -वि० [स०] १ सु दर । सुरूप । प्रियदर्शन । २ विचार- साधुवृक्ष-सज्ञा पु० [स०] १ कदग का पेड । कदव । २ वरुण युक्त । विचारपूर्ण किो०)। का वक्ष । सावुदर्शी-वि० [स० साधुदशिन्] विवेकी [को०] । साधुवृत्त'-वि० [स०] १ उत्तम स्वभाव और चरित्रवाला। साधु साधुदेवी-सज्ञा स्त्री॰ [म०] सास [को०)। आचरण करनेवाला । २ ठीक वृत्तवाला । खूब गोला। साधुधर्म-सञ्ज्ञा पु० [स०] जैनो के अनुसार साधुओ का धर्म। यतियो साधुवृत्त'--सन्ना पु० १ साधु एव सच्चरित्र व्यक्ति । २ सदाचार । का धर्म। दे० 'साधुवृत्ति' [को०)। विशेष - यह दस प्रकार का कहा गया है--क्षाति, मार्दव, आर्जव साधुवृत्ति'-मञ्ज्ञा स्त्री० [स०] उत्तम और श्रेष्ठ वृत्ति । सद्वृत्ति । भुक्ति, तप, सयम, सत्य, शौच, अकिंचन और ब्रह्म। साधुवृत्ति'-वि० साधुवृत्त । सदाचारी [को०] । साधुधी' '--सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ पत्नी या पति की माता। सास । साधु शब्द - सज्ञा पु० [स०] प्रशसा । साधुवाद । २ अच्छी बुद्धि (को०)। साधुशील-वि० [म.] सत् स्वभाव का । धर्मात्मा। सत्पुस्प (को०] । साधुधी-वि० [स०] मृदु या उत्तम स्वभाव का । दयालु (को०] । सावृशुक्ल-वि० [स०] विल्कुल सफेद [को०) । साधुध्वनि-भज्ञा स्त्री० [स०] साधुवाद । वाहवाही । साधुसमत--वि० [स० साधुसम्मत] सत्पुरुषो द्वारा मान्य । उ०—सुद्ध करतल ध्वनि (को०] । सो भए उ साधुसमत अस। मानस, २२४७ । साधुपद-सज्ञा पु० [स०] सत्पथ । सत् का मार्ग (को०] । साधुमसग-सञ्ज्ञा पु० [स०] सत्सगति [को०) । साधुपुष्प-सज्ञा पु० [सं०] स्थल कमल । स्थल पद्म। साधुसाधु--अव्य० [स०] एक पद जिसका व्यवहार किसी के बहुत साधुफल-वि० [स०] उत्तम फल देनेवाला [को॰] । उत्तम कार्य करने पर किया जाता है । धन्य धन्य । वाह वाह । साधुभवन--सञ्ज्ञा पु० [सं०] १ साधुप्रो के रहने की जगह । कुटीर । बहुत खूब । उ०- (अ) अस्तुति सुनि मन हर्ष बढायो। साधु कुटी । २ मठ। साधु कहि सुरनि सुनायो।-सूर (शब्द॰) । साधुभाव-सज्ञा पु० [स०] विनम्रता । दयालुता [को०] । साधू-ज्ञा पु० [स० साधु] १ धार्मिक पुरुष । साधु । सत महात्मा । साधुमत्र-मज्ञा पु० [स० साधुमन्त्र] प्रभावशाली मन्न । फलदायक या २, सज्जन । भला आदमी। ३ सीधा आदमी । भोला भाला। कारगर मन को०] । ४ दे० 'साधु'। उ०-साधू सनमुख नाम से, रन मे फिरै न साधुमत्-वि० [सं०] १ अच्छा। उत्तम । २ प्रसन्नता या मानद पूठ। दरिया० वानी, पृ० १२ । साधूक्त-वि० [स०] सज्जनो द्वारा कथित को०) । साधुमत'--वि० [म०] जिसके विषय मे ऊँचे स्तर मे विचार किया साधृत-सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ दुकान । २ आतपत्र । छाता। ३ मोरो गया हो । जिसका उच्च स्तर से मूल्याकन किया गया हो। का झुड [को०] । साघुमत-सज्ञा पुं० माधुजनो, सत्पुरुपो का विचार या मत । भले साधो-सज्ञा पु० [स० साधु धार्मिक पुस्५ । सत । साधु । आदमियो की राय । उ०-भरतविनय सादर सुनिश्र, करिअ, साध्य'-वि० [स०] १ सिद्ध करने योग्य । साधनीय । २ जो सिद्ध विचारु बहोरि । करव साधुमत, लोकमत, नृपनय निगम निचोरि । हो सके । पूरा हो सकने के योग्य । जैसे,—यह कार्य साध्य नही -मानस, २।२५७ । जान पडता। ३ सहज । सरल । आसान। ४ जो प्रमाणित साधुमती-सज्ञा स्त्री० [स०] १ तात्रिको की एक देवी का नाम । २ करना हो। जिसे साबित करना हो। ५ प्रतिकार करने के बौद्धो के अनुसार दसवी पृथ्वी का नाम । योग्य । शोधनीय । ६ जानने के योग्य । ७ (चिकित्सा मादि प्रशसात्मक देनेवाला [को०]