पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४०५

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सुवामा ७०२५ सुविद सुवामा--सज्ञा स्त्री॰ [स०] वर्तमान रामगंगा नदी का प्राचीन ताम। सुविक्रम R-स० पुं० [स०] १ वत्सप्री के एक पुत्र का नाम । २. सुवारपुर-सचा पु० [स० सूपकार रमोइया। भोजन बनानेवाला। प्रबल शक्ति अथवा पराक्रम (को०)। पाचक । उ०--पुनु नप नाम जयत हमारा। राज युधिष्ठिर सुविक्रम'--वि० १ अत्यत साहसी, शक्तिशाली या वीर । २ सुदर केर सुवारा ।--सवलसिंह (शब्द०)। चाल । विशिष्ट गतिवाला (को॰) । सुवार-सज्ञा पु० [स० मु+ वार] उत्तम वार। अच्छा दिन । सुविक्रात'--वि० [स० सुविक्रान्न] अत्यत विक्रमशाली । अतिशय परा- उ०--प्रपाढ की अंधियारी अष्टमी मगलवार सुवागे रामा ।- क्रमी। अत्यत साहसी या वीर । हिंदी प्रदीप (शब्द०)। सुविक्रात'--सज्ञा पु० १ शूर। वीर। वहादुर । २ वीरता। सुवार्ता--भशा सी० [स०] १. श्रीकृष्ण को एक पत्नी का नाम । २ वहादुरी। सु दर वार्ता या बातचीत (को०)। ३. शुभ सूचना या समा- सुविक्लव--वि० [म०] १ अतिशय विह्वल । बहुत वेचैन । २ डरपोक । चार (को०)। भीरु । कायर (को०)। सुविख्यात--वि० [१०] बहुत प्रसिद्ध । मुप्रसिद्ध । बहुत मशहूर । सुवालले--मञ्ज्ञा पु० [फा० सवाल] दे० 'सवाल' । सुवाल'-वि० जिसकी पूंछ वाल से युक्त हो । जैसे,—हाथी । सुविगुण-वि० [स०] १ जिसमे कोई गुण या योग्यता न हो। गुणहीन । योग्यतारहित । २. अत्यत दुष्ट । नीच । पाजी। सुवालुका -सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] एक प्रकार की लता । सुविग्रह--वि० [स०] सु दर शरीर या रूपवाला । सुदेह । सुरूप । सुवास--सा पुं० [स०] १ सुगध। अच्छी महक। खुशबू । २ सुविचक्षण-वि० [स०] कुशाग्रबुद्धि । अत्यत विद्वान् (को०] । उत्तम निवास । सुदर घर । ३ शिव जी का एक नाम । ४ एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण मे न, ज, ल (n, is, i) सुविचार-सञ्ज्ञा पु० [स०] १ सूक्ष्म या उत्तम विचार । २ अच्छा फैसला । सुदर न्याय । ३ रुक्मिणी के गर्भ से उत्पन्न कृष्ण होता है। के एक पुत्र का नाम । सुवास'- वि० [स० सुवासस्] [वि० सी० सुवासा] सु दर वस्त्रो सुविचारित--वि० [स०] सूक्ष्म या उत्तम रूप से विचार किया हुआ । से युक्त। अच्छी तरह सोचा हुआ। सुवास-सज्ञा पुं० [स० एवाम] श्वास । साँस । (डि.)। सुविचित-वि० [स०] १ पूर्णत अन्वेपित । अच्छी तरह खोजा सुवासक-सञ्ज्ञा पु० [म०] तरबूज । हुा । २ जिसका अच्छी तरह परीक्षण किया गया हो [को०] । सुगसन--सज्ञा पुं० [स०] दसवें मनु के एक पुत्र का नाम । सुविश-वि० [सं०] अतिशय विज्ञ या या बुद्धिमान् । बहुत चतुर । सुवासरा-मज्ञा स्त्री० [सं०] हालो नाम का पौधा । चसुर । चद्रशूर । सुविज्ञान-वि० [स०] १ जो सहज मे जाना जा सके । २ विवेकी । सुवासिका-वि० सी० [स० सुवासिक सुवास करनेवाली। सुगध विवेकशील (को०) । ३ अतिशय चतुर या बुद्धिमान् । करनेवाली। उ०-केशव सुगध श्वास सिद्धनि के गुहा किधौं सुविज्ञापक----वि० [स०] जो आसानी से समझाया या सिखाया जा परम पिद्ध शुभ शोभत सुवामिका ।-केशव (शब्द०)। सके किो०] । सुवासित-वि० [स०] सुवासयुक्त । सुगधयुक्त । खुशबूदार । सुविज्ञेय' -वि० [सं०] जो सहज मे जाना जा सके। सहज मे जानने सुवासिनी-सशा स्त्री० [स०] १ युवावस्था मे भी पिता के यहां रहने- समझने योग्य । वाली स्त्री। चिरटी। २ सधवा स्त्री। ३ सधवा स्त्री के सुविज्ञेयः- --सज्ञा पुं० शिव जी का एक नाम । लिये प्रयुक्त आदरार्थक शब्द (को०)। सुवित'--वि० [स०] १ सहज मे पहुँचने योग्य । सहज मे पाने योग्य । सुवासी-वि० [सं० सुवासिन्] उत्तम या भव्य भवन मे रहनेवाला। २ उन्नतिशील (को०)। सुवास्तु-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] एक नदी का नाम जिसे स्वात कहते सुवित--सज्ञा पु० १ अच्छा मार्ग । सुमार्ग । सुपय । २ कल्याण । हैं और जो प्राचीन भारत के उत्तरपश्चिमी सरहदी प्रदेश मे शुभ । ३ सौभाग्य। वहती है। सुवितत-वि० [सं०] अच्छी तरह फैला हुआ । सुविस्तृत । --सशा पु० १ सुवास्तु नदी के निकटवर्ती देश का नाम। सुवितल--सज्ञा पुं० [स०] विष्णु की एक प्रकार की मूर्ति । २ इस देश के रहनेवाले। सुवित्त'--वि० [स०] वहुत धनी । वडा अमीर । सुवास्तुक-सञ्ज्ञा पुं० [मं०] महाभारत के अनुसार एक राजा सुवित्त-सज्ञा पु० अत्यत समृद्धि या ऐश्वर्य (को॰] । सुवित्ति--सज्ञा पुं० [सं०] एक देवता का नाम । सुवाह'-सचा पु० [सं०] १ स्कद के एक पारिपद का नाम । सुविद्--सचा पुं० [स०] पडित । विद्वान् । अच्छा घोडा। सुविद-सज्ञा पु० [स०] १ अत पुर या रनिवास का रक्षक । सोविद् । सुवाह-वि० १ सहज मे उठाने योग्य । २ सुदर घोडोवाला । कचुकी । २ एक राजा का नाम। ३ तिलक । तिलकपुष्प सुवाहन-सज्ञा पु० [स०] एक प्राचीन मुनि का नाम । ग उसका वृक्ष। सुवास्तु- का नाम। २.