पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१६६

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हस्तकला हसद-सज्ञा पुं० [अ०] ईर्ष्या । डाह । हसिका-सज्ञा स्त्री० [सं०] १ हेमने की क्रिया या भाव । हमी । २ हसन'--सज्ञा पु० [स०] १ हास करना । हँसना। २ परिहास । दिल्लगी । मजाक । ३. उपहाम । ठट्ठा। दिल्लगी। ३ विनोद । ४ स्कद के एक अनुचर का नाम । हसित'--वि० [स०] १ जो हँसा गया हो। जिमपर लोग हंसते हो। हसन--सञ्चा पु० [अ०] अली के दो बेटो मे से एक जो अजीद के साथ २ जो हम रहा हो । हँमता हुा । ३ विकसित । प्रफुल्लित । लडाई करने में मारे गए थे और जिनका शोक शीया मुसलमान ४ जो हंसा हो। मुहर्रम मे मनाते है। इनके दूसरे भाई का नाम हुसेन था। हसित-सग पुं० १ हंसना । हाम । हास्य । २ हंसी। ठट्ठा । उ०-एक दिवस जवरैल जो पाए। हसन हुसेन को दुख उपहास । ३ कामदेव का घनुप । सुनाए । --हिंदी प्रेमा०, पृ० २३३ । हसिता-वि० [स० हमित] हँसने या उपहान करनेवाला [को०] । हसन-वि० १ सुदर । सौदर्ययुक्त । शोभन । प्रियदर्शन । २ अच्छा। हसिर-सज्ञा पुं० [म०] एक प्रकार का चूहा। श्रेष्ठ (को०] । हसीन-वि० [अ०] १ सुदर । रूपवान । खूबसूरत । २. प्रियदर्शन । हसनी-सञ्ज्ञा रही [स०] अँगीठी । गोरसी। वोरसी । [को०] । शोभन । खुशनुमा । हसनीमणि-सज्ञा खो० [म०] अग्नि । प्राग (को॰] । यो०- हसीन तरीन = अत्यत रूपवान । सुदरतम । हसनीय-वि० [स०] हँसने योग्य । उपहास्य (को॰] । हसीना-समा स्रो० [अ० हसीन] सुदरी स्त्री । खूबसूरत औरत [को॰] । हसव'-अव्य० [अ०] अनुसार । रू से । मुताविक । हस्व । जैसे-- हसीर'—सशा पुं० [अ०] चटाई । बोरिया । उ०--पगफूर वी मैं फकीर हसव हैसियत, हसव कानून । वी मैं । जरवपत जुवू हसीर वी में -दक्खिनी०, पृ० १७३ । यौ०--हसब हाल = समयानुसार । उपयुक्त । उ०-गजल जवानी हसीर'-वि० १ दुखी। रजीदा। २ क्लात । थका मांदा · को०] । शुतुर्मुर्ग परी हसब हाल अपने के।-भारतेंदु ग्र०, भा० २, पृ० ७६०। हसील -वि॰ [देश॰] सीधा । सरल । हसव-सञ्ज्ञा पुं० १ गणना । गिनती । शुमार । २ अदाज । अनुमान हसुलो--सञ्ज्ञा स्त्री॰ [हिं० हँसुली] दे० 'हेसुली'। उ०-स्त्री पुरुप दोनो ३ बडप्पन । वडाई । श्रेष्ठता [को०] । ही हसुली और छाप पहनते थे।-हिं० पु० स०, पृ० २१ । यौ०-हसवोनसव = कुलीनता और श्रेष्ठता । वश एव प्रतिष्ठा । हस्त-सा पुं० [सं०] १ कर । हाथ । २ हाथी को सूंड । ३ कुहनी से हसव--सज्ञा स्त्री॰ जलाने की लकडी । ईंधन (को०] । लेकर उँगली के छोर तक की लवाई या नाप। एक नाप जो हसम--सञ्ज्ञा पुं० [अ० हशम] स्वामी का काम करनेवाले नोकर। २४ अगुल की होती है । हाथ । ४ हाथ का लिखा हुआ लेख । वेतनभोगी सेवक । नोकर चाकर । उ०-अव गढ कोट हसम पुर लिखावट । ५ एक नक्षन्न जिसमे पांच तारे होते हैं और जिसका जेते । तुम रक्षक हम जानत तेते । --ह० रासो, पृ० ७७ । आकार हाथ का सा माना गया है। विशेप-दे० 'नक्षत' । हसर-सञ्ज्ञा पुं० [अ० हजर रिसाले के मवारो के तीन भेदो मे से ६ सगीत या नृत्य मे हाथ हिलाकर भाव बताना। एक जो हल्के होते हैं और जिनके अस्त्र तथा घोडे भी हलके विशेष—यह सगीत का सातवां भेद कहा गया है और दो प्रकार होते है । अन्य दो भेद लैंसर और डेंगून है । का होता है--लयाश्रित और भावाश्रित । हसर--सज्ञा पुं० [अ० हस्र ] दे॰ 'हस्र' । ७ वासुदेव के एक पुत्र का नाम । ८ छद का एक चरण । हसरत-सज्ञा स्त्री० [अ०]१ रज । अफसोस । शोक । २ दुख । कष्ट । ६ गुच्छ । समूह । जैसे,—केश हस्त । १० मदद । सहयोग । मुसीवत (को०) । ३ नैराश्य । नाउम्मेदी । ४ अरमान । इच्छा । महायता (को०) । ११ एक वृक्ष का नाम (को०) । १२ चमडे की चाह । लालसा । उ०-न पाया वो दिलवर औ पाई घटा। तो धौकनी । भाथी (को०) । १३ अाभास । सकेत । प्रमाण (को०) । हसरत की वस दिल पे छाई घटा ।-भारतेंदु ग्र०, भा० २, हस्त'-वि० जो हस्त नक्षत्र मे उत्पन्न हो [को॰] । पृ०४८६ । यौ०-हसरत भरा = अरमानो से भरा हुआ | आकाक्षायुक्त । हस्तक-सज्ञा ० [सं०] १ हाथ । २ सगीत का ताल । ३ प्राचीन काल का एक वाजा जो हाथ मे लेकर वजाया जाता था। जैसे,-हसरत भरा दिल । हसरत भरी जिंदगी । करताल । ४ हाथ से बजाई हुई ताली । उ०--वहु हाव भाव मुहा०-हसरत टपकना = अरमान या इच्छा व्यक्त होना। हसरत निकलना = अकाक्षा या इच्छा पूरी होना । हसरत हस्तक सुदेव । यह चद्र कला पातुर सुभेव ।-ह० रासो, पृ० निकालना = मन की लालसा पूरी करना । हसरत वाकी रहना = १११ । ५ एक हाथ या २४ अगुल की माप (को०)। ६ हाथ का इच्छा अपूर्ण रहना । हसरत मिटाना = हवस पूरी करना। अवलवन, टेक या सहारा (को०)। ७ हाथो की स्थिति (को०)। हसावर-सञ्ज्ञा पु० [हिं० हस] खाकी रग की एक बडी चिडिया । हस्तकमल-सज्ञा पुं० [सं०] १ कमल के समान हाथ । २ विशेप-इस पक्षी की गरदन एक हाथ लवी और चोंच केले के जो हाथ मे लिया हुआ हो (को०)। फल के समान होती है । इसके बगल के कुछ पर और पैर हस्तकला-सज्ञा स्त्री० [सं०] हाथ से किया हुआ कलापूर्ण कार्य । लाल होते हैं। दस्तकारी। कमल