पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/३७०

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पूराम्ल TOWE पूर्णकाम कमी या कसर न रह गई हो । पूर्ण । कामिल । जैसे, पूरा पूरी'-नज्ञा स्त्री० [सं० पूलिका, पूरिका ] १ एक प्रकार का प्रसिद्ध मर्द, पूरा अधिकार, पूरा दबाव प्रादि । पकवान जिसे साधारण रोटी आदि की तरह महीन बेलकर क्रि० प्र०-पड़ना ।-उतरना।-डालना |-होना । खौलते घी मे छान लेते हैं । २ मृदग, तबले, ढोल प्रादि के ४ भरपूर । यथेच्छ । काफी। बहुत । जैसे--मेरे पास पूरा मुंह पर मढ़ा हुआ गोल चमडा । सामान है, डरने की कोई बात नहीं। क्रि० प्र०-चढ़ना।-चढ़ाना।-मदना । मुहा०—किसी बात का पूरा = (१) जिसके पास कोई वस्तु ३ घास, ज्वार प्रादि की पूली। यथेष्ट या प्रघुर हो। जैसे विद्या का पूरा, बल फा पूरा। (२) पक्का । दृढ । मजबूत । अटल । जैसे, बात का पूरा, पूरी'- वि० सी० [हिं० ] 'पूरा' शब्द का स्त्रीलिंग रूप । (मुहावरो पादि के लिये दे० 'पूरा' ।) धादे का पूरा । किसी का पूरा पड़ना = कार्य पूर्ण हो जाना 'सामग्री न घटना । सामग्री की कमी से बाधा न पाना । जैसे- पूरी-वि० [ स० पूरिन् ] पूरा करनेवाला । पूर्ण करनेवाला (को॰] । (क) मैं समझता हूँ कि इतनी सामग्री से तुम्हारा सब काम पूरीकरण -मञ्ज्ञा पुं० [हिं० पूरी+करना ( = करना ) ] १ पूरा पूरा पड जायगा। (ख) जानो, तुम्हारा कभी पूरा न पडेगा। करने का भाव । २. पूर्णता । उ०-तुम्हारी प्रेरणा से मैं ५ संपन्न । पूर्ण। सपादित । कृत। जिसके किए जाने में ध्वनित हो उठता हूँ, और उस ध्वनि की प्रेरणा से हमारी कुछ कसर न रह गई हो। जैसे, काम पूरा होना । (इसका चिरतन प्रणय कामनाएँ पूरीकरण मे लीन हो जाती हैं। व्यवहार प्राय करना' क्रिया के साथ होता है।) -चिता, पृ० ३६ । क्रि० प्र०—करना । —होना । पूर-सञ्ज्ञा पुं० [ सं०] १ मनुष्य । २ वैराज मनु के एक पुत्र का मुहा०-( कोई काम ) पूरा उतरना = अच्छी तरह होना। नाम । ३ जह.के एक पुत्र का नाम । ४ एक राक्षस का नाम । जैसा चाहिए वैसा ही होना । जैसे-काम पूरा उतर जाय तो जानें । यात पूरी उतरना = ठीक निकलना । सत्य उतरना। पूरुजित् - ज्ञा पुं॰ [ म० ] विष्णु का एक नाम । सच होना। जैसा कहा गया हो वैसा ही होना । दिन पूरे पूरुव–सञ्चा पु० [ सं० पूर्व ] २० 'पूरब' । करना = (१) समय बिताना । विसी प्रकार कालक्षेप करना । पूरुष-सज्ञा पुं० [०] १ पुरुष । २ प्रात्मा । (२) किसी अवधि तक समय बिताना । जैसे, बनवास के पूर्ण वि० [सं०] १ पूरा। भरा हुमा । परिपूर्ण । पूरित । २ दिन पूरे करना। (दिन) पूरे होना = प्रतिम समय निकट जिसे इच्छा या अपेक्षा न हो। प्रभावशून्य । ३ जिसकी माना । जैसे, अब उनके दिन पूरे हो गए। इच्छा पूर्ण हो गई हो। प्राप्तकाम | परितृप्त । ४ भरपूर । ६ तुष्ट । पूर्ण । जैसे,-हमारी इच्छाएं पूरी हो गई। जितना चाहिए उतना । यथेष्ट । काफी। ५ समूचा। पूराम्ज-सञ्चा पुं० [सं०] विषाविल । वृक्षाम्ल । महाम्ल । प्रखडित । सकल । ६ समस्त । सारा। सब का सब। ७ पूरि-मक्षा नी० [हिं०] दे० 'पूरी-१'। उ०-लुवुई पूरि सिद्ध । सफल । ८ जो पूरा हो चुका हो । समाप्त । जैसे,- सोहारी परी। एक ताती मो सुठि कोवरी ।—जायसी ग्र० उसका दह काल पूर्ण हो गया। ६ बीता हुआ। व्यक्ति । (गुप्त०), पृ० ३१३ । अतीत (को०) १० शक्तियुक्त । पूरिक-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] कचौड़ी [को० । पूर्ण -सज्ञा पुं० १ एक गधर्व का नाम । २ एक नाग का नाम । पूरिका-सहा [सं०] कचौढी। ३ बौद्ध शास्त्र के अनुसार मैत्रायणी के एक पुत्र का नाम । पूरिणी-वि० स्त्री० [स० पूरिन्] पूर्ण करनेवाली। तृप्त या तुष्ट करने ४. जल । ५ विष्णु। वाली। उ०—फिर क्या तेरा घाम स्वर्ग है, जो तप बल से पूर्ण अतीत-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] ताल ( सगीत ) में वह स्थान जो प्राप्त । होती है वासना पूरिणी वहीं अप्सरा प्राप्त । 'सम प्रतीत' के एक मात्रा के बाद माता है। यह स्थान भी -हिम०, पृ०५०। कभी कभी सम को काम देता है। पूरिस-वि० [सं०] १ भरा हुमा । परिपूर्ण । लबालब । २ तृप्त । पूर्णक-सञ्ज्ञा पु० [सं०] १ मुर्गा । कुक्कुट । ताम्रचूड । २ ३ गुणा किया हुपा । गुणित । देवतामों की एक योनि । ३. चाष या चाख पक्षी (को०)। पूरिबला-वि० पुं० [हिं० पूरब ] दे० 'पूरवला'। उ०-कामी ४ दे० 'पूर्ण'। फदे न हरि भज, जपे न केसी जाप । राम कहां थे जलि पूर्णककृत-सञ्चा पुं० [ स० पूर्ण ककुद् ] कुहानदार बछडा । युवा मरे, को पूरिबला पाय।-कवीर ग्र०, पृ० ४१ । बछड़ा। उ०-जब तक बछडा बडा नहीं हो जाता था पूरिया-सञ्ज्ञा पुं॰ [देश॰] षाडव जाति का एक राग जो सध्या समय अर्थात उसकी पीठ पर डिल नही निकल पाता था तबतक गाया जाता है। इसमें पंचम स्वर वजित है। किसी के मत वह प्रजातककुत और युवा हो जाने पर पूणककुत क्हलाता से यह भैरव राग का पुत्र और किसी के मत से सकर राग है । था। -पूर्णानद अभि० प्र०, पृ० २४६ । पूरियाफल्याण-ज्ञा पुं० [हिं० पूरिया + कल्याण (राग)] सपूर्ण पूर्णकाम'-वि० [ म०] १ जिसे किसी बात की कामना या चाह जाति का एक सकर राग जिसके गाने का समय रात का न रह गई हो। जिसकी सारी इच्छाएँ तृप्त हो चुकी हो । पहला पहर है। माप्तकाम । २. निष्काम । कामनाशून्य ।