पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/४७३

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प्रभात ३१८२ प्रभास हो। प्रात कालीन कृत्य । प्रभातकरूप = प्रभात सा। सुवह प्रभावकर-वि॰ [ स०] प्रभाव डालनेवाला। प्रभावक । की तरह । प्रभातकाल = सुबह । सवेरा। प्रभातप्राय = दे० प्रभावज-वि० [०] प्रभाव से उत्पन्न । प्रभावजात । 'प्रभातकल्प' । प्रभावज-मन्ना पुं० १ एक प्रकार का रोग जो देवता, ऋषि, प्रभात'-वि० जो स्पष्ट, साफ या द्योतित होने लगा हो [को०] । वृद्धादि के शाप या ग्रहादि के हेरफेर से उत्पन्न होता है । प्रभातफेरी-सझा स्त्री० [सं० प्रभात+हि. फेरी ] प्रातःकालीन २ एक प्रकार की राजशक्ति जो कोष मोर दंड के रूप में मामूहिक भ्रमण जो धार्मिक या किसी अन्य उत्सव को व्यक्त होती है। मनाने के उद्देश्य से किया जाता है । इस अवसर पर भजन, प्रभावती'-सज्ञा स्त्री॰ [स०] १ महाभारत के अनुसार सूर्य की कीर्तन अथवा उद्देश्यवोधक नारे भी लगाते हैं। पत्नी का नाम । २ तेरह अक्षरों का एक छद जिसे 'रुचिरा' प्रभाती-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] १ प्रत्यूष और प्रभास नामक वसुमो की कहते हैं। ३ शिव के एक गण को वीणा का नाम । ४. माता (महाभारत )। २ एक प्रकार का गीत जो प्रात.. कुमार के एक अनुचर मातृगण का नाम । ५ महाभारत के काल गाया जाता है । ३ ५तुअन । दातुन । दतधावन । अनुसार अग देश के राजा चित्ररथ की रानी । ६. प्रभाती प्रभान-सशा पु० [सं०] ज्योति । दीप्ति । प्रकाश । नाम का एक राग या गीत । ७ सगीत में एक श्रुति (को॰) । प्रभापन-सज्ञा पुं० [स०] प्रकाशयुक्त करना। प्रकाशित करना। प्रभावती-वि० सी० प्रभावाली । कातिमती। दीप्तियुक्त करना [को०] । प्रभावन-वि० [सं०] १ प्रमुख । प्रधान । २ प्रभावशाली। प्रभापाल- सज्ञा पुं० [स०] एक बोधिसत्व । प्रभावक। ३ रचनात्मक । ४ स्पष्ट करनेवाला। प्रगठ प्रभापूर्य-वि० [सं०] १ प्रभापूर्ण । दीप्तिमान । कांतियुक्त। करने वाला [को०] । २ ज्योतित या दीप्त करनेवाला। दीप्ति या प्रमा भरने प्रभावना-सशा सच्चा [सं०] उद्भावना । प्रकाश । वाला। उ०-भारत के नभ का प्रभापूर्य । शीतलच्छाय प्रभाववाद-चचा पु० [स० प्रभाव+वाद ] काव्य का प्रधान गुण सास्कृतिक सूर्य । -तुलसी०, पृ० ३ । हृदय को प्रभावित करना है यह माननेवाला साहित्यिक मत प्रभामडल-मसा पु० [सं० प्रभामगहत ] प्रकाशचक । प्रकाश का या सिद्धांत । (मं. इम्प्रेशनिज्म)। घेरा [को०] । प्रभाववादी-सशा पुं० [ स० प्रभाव+वादिन् ] वह जो प्रभाववाद प्रभायg--सज्ञा पुं० [सं० प्रभाव, प्रा० पहाव, पहाय, प्यहाय ] का सिद्धात मानता हो। उ०-प्रमाववादियो के अनुसार दे० 'प्रभाव' । उ०-श्रीपति कृपा प्रमाय, मुखो बहुदिवस किसी काव्य की ऐसी आलोचना कि 'यहाँ रूपक का निर्वाह निरतर । -प्रेमघन॰, भा०१, पृ०१। बहुत अच्छा हुमा है, यहाँ यतिभग है, यहां रसविरोध है, प्रभारक-सज्ञा पुं० [सं०] एक नाग । यहाँ पूर्णास है, यहाँ च्युतसस्कृति या पतत्प्रकर्ष है', कोई प्रभालेपी-वि० [सं० प्रभालेपिन् ] १. प्रभामहित । ज्योति से प्रावृत । पालोचना नहीं ।-चितामणि, भा॰ २, पृ०६२। २. जिससे ज्योति निकलती हो । जो चमक देता हो [को०] । प्रभाववान्-वि० [सं० प्रभाववत् ] १. शक्तिशाली । प्रतापी। प्रभाव-सचा पु० [सं०] १ उद्भव । प्रादुर्भाव । २ सामर्थ्य । २ असरदार । प्रभावित करनेवाला [को०] । शक्ति । कोई बात पैदा कर देने की ताकत । असर । जैसे,- प्रभावान्-वि० [सं० प्रभावत् ] प्रभायुक्त । दीप्तिमय [को०] । मत्र का घड़ा प्रभाव है । उ०-सुखदेव कह्यो सुनो हो राव । प्रभावान्वित-वि० [सं०] १ प्रभावित । २ प्रभावमय । प्रभाव- जैसो है हरिभक्ति प्रभाव ।-सूर (शब्द॰) । ३ महिमा । युक्त [को०)। माहात्म्य । ४ इतना मान या अधिकार कि जो बात चाहे कर या करा सके। साख या दबाव । जैसे.-राजा के प्रभावान्विति-सचा स्त्री० [सं०] प्रभावित होने की स्थिति । प्रभाव की अन्विति । असर। दरबार में उसका बहुत कुछ प्रभाव है। ५ मत करण को किमी पोर प्रवृत्त करने का गुण । ६. प्रवृत्ति पर होनेवाला प्रभावित-वि० [ स० ] जिसने प्रभाव ग्रहण किया हो। जिसपर फल या परिणाम। प्रसर । जैसे,—उसपर प्रभाव पड़ा हो। उ०-है समाज सुख साधक दुख बाधक का कुछ प्रभाव नहीं पड़ा। ए । देश प्रेम प्रासाद प्रभावित फरहरे ।-पारिजात, पृ०७। क्रि० प्र०-डालना।-पढ़ना-जमना । प्रभावी-वि० [ मं० प्रभायिन् ] [ मी० प्रभाविनी ] प्रभावान् । ७ मार्कंडेय पुराण में वर्णित स्वरोचिष मनु के एक पुत्र जो शक्तिशाली।२ प्रभावित करनेवाला । असरदार (को०] । कलावती के गर्भ से उत्पन्न थे। ८. प्रभा के गर्भ से उत्पन्न प्रभावोत्पादक-वि० [सं० प्रभाव + उत्पादक] प्रभाव उत्पन्न करने- सूर्य के एक पुत्र । ६ सुग्रीव के एक मत्री का नाम । १०. वाला । प्रभावशील । उ०, इन रचनामों में उनकी शैली कोप और दर से उत्पन्न राजतेज । प्रताप (को०)। ११. के अनुरूप ही उनके विचार भी अधिक स्पष्ट एव प्रभावो- विस्तार (को०)। स्पादक हो गए हैं। -युगात (भू०), पृ० 'ज' । प्रभावक-वि० [सं० ] प्रमुख । शक्तिशाली प्रधान । प्रभाव प्रभाष-सचा पुं० [सं०] एक वसु का नाम । वाला (को०] । प्रभास-वि० [स०] पूर्ण प्रभायुक्त । .