पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/५३४

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प्रेतधूम प्रेतेश, प्रेतेश्वर प्रेतधूम-सज्ञा पु० [सं०] चिता मे से निकलनेवाला धुआँ । वह प्रतशरीर-सपा स्री० [सं०] दे० 'प्रेतदेह' । धूपा जो मृतक को जलाने से निकलता है। प्रेतशुद्धि, प्रेतशौच-सच्चा श्री० [सं०] सवधी के मरणाशौच से प्रेतनदी-सचा डी० [स०] वैतरणी नदी। शुद्ध होना [को०] । प्रेतनाथ-सज्ञा पु० [म.] प्रेतपति । यमराज [को०] । प्रेतश्राद्ध-सज्ञा पु० [स० किसी के मरने की तिथि से एक वर्ष प्रेतनाह-सञ्ज्ञा पुं० [सं० प्रेतनाथ ] यमराज । के बदर होनेवाले सोलह श्राद्ध जिनमे सपिंडी, मासिक प्रेतनिर्यातक-सञ्चा पु० [सं०] धन लेकर प्रेत का दाह मादि करने- पौर पाएमासिक प्रादि श्राद्घ समिलित है। वाला । मुरदाफरोश। प्रेतहार--सधा पुं० [सं०] १ सनिकट संबंधी जन (को०)। २ प्रेतनिरिक-सचा पुं० [स०] वह जो मृतक को उठाकर श्मशान मृत शरीर को उठाकर श्मशान प्रादि तक ले जानेवाला। तक ले जाय। मुरदा उठानेवाला। प्रतनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं० प्रेत+ हिं० नी (प्रत्य॰)] भूतनी। प्रेता-सज्ञा स्त्री॰ [सं०] १ स्त्री प्रेत । पिशाची । २. भगवती चुहल । कात्यायिनी का एक नाम । प्रेतपक्ष'-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] चाद्र आश्विन का कृष्ण पक्ष । पितृपक्ष । प्रेतात्मिका-वि० [स० प्रेत+मात्मिका] प्रेत से सबंधित । उ०- प्रेतपक्ष-वि० दे० 'पितृपक्ष'। मुझे ऐसा लगा जैसे कोई प्रेतात्मिका छाया किसी रहस्यमय लोक ले मा घमकी हो।-जिप्सी, पृ० २५ । प्रेतपटह-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] प्राचीन काल का एक प्रकार का बाजा जो किसी के मरने के समय बजाया जाता था। प्रेताधिप-सशा पुं० [सं०] यमराज । प्रतपति-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] यमराज । प्रेतान-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] वह भन्न जो प्रेत के उद्देश्य से दिया जाय। प्रेतपात्र-सञ्ज्ञा पु० [सं०] वह वर्तन जो श्राद्ध में काम प्राता है [को०)। प्रेतायन-सा पुं० [स०] एक नरक का नाम । को०] । प्रेवपावक-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] वह प्रकाश जो प्रायः दलदलो, जंगलों प्रेतावास-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] श्मशान [को०] ण कनिस्तानो में रात के समय चलता हुप्रा दिखाई पड़ता है प्रेताशिनी-सच्चा स्री० [स०] भगवती का एक नाम । २ मृतकों और जिसे लोग भूतो और पिशाचो की लीला समझते हैं । को खानेवाली। शहावा । लुक । उ०-उभय प्रकार प्रेतपावक ज्यो घन दुख प्रेताशौच-सञ्चा पुं० [ स०] वह प्रशौच जो हिंदुप्रो में किसी के प्रद श्रुति गायो।-तुलसी (शब्द०)। मरने पर उसके सबधियो प्रादि को होता हैं। मरने का प्रेतपिंड-सञ्ज्ञा पुं० [स०] अन्न प्रादि का बना हुआ वह पिंड जो मृतक के उद्देश्य से उसके मरने के दिन से लेकर सपिंडी के प्रेतास्थि-सञ्ज्ञा पुं० [स०] मुर्दे की हड्डी । दिन तक नित्य दिया जाता है और जिसके विषय में यह यौ०-प्रेतास्थिधारी। माना जाता है कि इससे प्रेतदेह बनती है। प्रतास्थिधारी-सज्ञा पुं॰ [सं० प्रेतास्थिधारिन् ] मुरदो की हड्डियों प्रतपुर-मज्ञा पुं॰ [सं०] यमपुर । यमालय । माला पहननेवाले, रुद्र। प्रतभाव-सज्ञा पुं० [सं०] मृत्यु [को०] प्रेवि-सञ्ज्ञा पुं० [म०] १. मरण। मरना। २. गमन । जाना । प्रतभूमि-सबा सी० [स०] श्मशान [को०] पलायन (को०) । ३ धन्न । भनाज । पाहार । भोजन । प्रेतमेध-सा पुं० [सं०] म तक के उद्देश्य से होनेवाला श्राद्ध । प्रेतिक-सा पुं० [०] मृतक । प्रेत । प्रेतयज्ञ-सा पृ० [सं०] एक प्रकार का यज्ञ जिसके करने से प्रतिनी-सज्ञा स्त्री० [सं० प्रेत + हिं. नी (प्रत्य०) ] प्रेत की स्त्री। प्रेतयोनि प्राप्त होती है। प्रेतनी । पिशाचिनी। प्रेतराक्षसी-शा सी० [सं०] तुलसी। प्रेतो-सज्ञा पुं० [स०प्रेत + हिं० ई (प्रत्य॰)] प्रेत की उपासना विशेप-कहते हैं कि जहाँ तुलसी रहती है, वहाँ भूत प्रेत नहीं करनेवाला । प्रेतपूजफ । उ०-प्रजापति कहं पूजे जोई। माते । इसी से उसका यह नाम बहा है। तिनकर वास यक्षपुर होई । भूती भूतहि यक्षो यक्षन प्रेती प्रेतराज-सजा पु० [सं०] १ यमराज । २. महादेव । शिव । प्रेतन रक्षो रक्षन ।-गोपाल (शब्द०)। प्रतलोक-सज्ञा पुं० [सं०] यमपुर । यमालय । प्रेतीवाल-सा पुं० [देश॰] वह मनुष्य जो कभी खास अपने लिये प्रतवन-सा पु० [ स० ] श्मशान । मरघट । मौर कभी अपने मालिक के लिये काम करे । (वाजाल)। प्रेतवाहित-वि० [सं०] प्रेताविष्ट । भूतबाधा पीडित (को०] प्रेतीवाला-सा पुं० [देश॰] दे० 'प्रेतीवाल'। प्रतविधि-वया स्री० [सं०] मृतक का दाह मादि करना। प्रेतीपणि-सा स्त्री॰ [स०] पग्नि का एक नाम । प्रतविमाना-सशास्री० [०] पच प्रेत के विमानवाली भगवती । प्रतेश, प्रेतेश्वर-सा पुं० [सं०] यमराज । प्रशौच । सूचक।