पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/९७

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भसीड। पद्मकंद २००६ पद्मवंध एक नाम । २१ पुराणानुसार एक नरक का नाम । २२ ३ विष्णु (को०)। ४ शिव (को०)। ५ सूर्य । ६. वुद्ध । ७ एक प्राचीन नगर का नाम । २३ पुराणानुसार जबू द्वीप के एक बोधिसत्व । दक्षिणपश्चिम का एक देश । २४ कार्तिकेय के एक अनुचर पद्मगुणा-सा यी० [सं०] दे० 'पद्मगृहा' को०] । का नाम । २५ जैनो के अनुसार भारत के नवें चक्रवर्ती का पद्मगुप्त-संज्ञा पुं० [सं०] मस्कृत महाकाव्य 'नवसाहसाकचरित' के नाम । २६ एक पुराण का नाम । दे० 'पुराण' । २७ एक रचयिता जो मुज और भोज की सभा मे थे। इनका एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक नगण, एक सगण और नाम परिमल भी है। अन मे लघु गुरु होते हैं। जैसे,-कब पहुंचे सद्य री। लख? पद्मगृहा--सज्ञा पी० [सं०] लक्ष्मी का एक नाम । पद पद्म री । २८ दे० 'पद्मव्यूह' । २६ दे० 'पद्मासन'। ३० पद्मचारिणी-पळा पी० [सं०] १ गेंदा। २ शमी वृक्ष । ३ दे० 'पद्मा' (नदी)। हल्दी। ४ लाख। पद्मकद-सञ्ज्ञा पुं॰ [स० पानकन्द] कमल की जड । मुरार । भिस्सा । पद्मचय-सा पुं० [सं०] कमलसमूह । कमलराशि । उ०—होती है प्रिय सम्र पचय मे पद्मासना की प्रभा ।-पारिजात, पद्मक-सशा पुं० [ म०] १ पदम या पदमकाठ नाम का पेड । २. पृ०११०। सेना का पद्मव्यूह । ३ सफेद कोढ । ४ कुट नाम की प्रोपघि ५ हाथो की सूड पर के चित्र विचित्र दाग (को॰) । पद्मज, पद्मजात-सज्ञा पुं॰ [म० ] ब्रह्मा । पद्मततु-मज्ञा पुं॰ [ म० पनतन्तु ] मृणाल । कमल की नाल । पद्मकर-सज्ञा पुं॰ [स०] १ विष्णु । २ सूर्य । ३ कमलकर । कमल के समान हाथ (को०] । पद्मदर्शन-सज्ञा पुं० [सं० ] लोहवान । पद्मनाभरापा पुं० [१०] १ शत्रु के फेंके हुए मस्त्र को निष्फल करने पद्मकरा-सशा सी० [स०] लक्ष्मी [को०] । का एक मय या युवित । २ विष्णु । ३ धृतराष्ट्र के एक पुष पद्मकर्णिका-तशा स्त्री० [स०] १ कमल का बीजकोश । पद्मकोश । का नाम । ४ जैनो के अनुसार भावी उत्सपिणी के पहले महंत २ पद्मव्यूह में स्थित सेना का मध्य या केंद्रभाग [को०] । का नाम । ५ महादेव । शिव (को०) । ६ एक नाग (को०)। पद्मकाष्ठ-सचा पुं० [सं०] दे० 'पदमकाठ'। पद्मनाभि-नशा पुं० [न०] विष्णु । पद्मकाय-संज्ञा पुं० [म०] पद्माख या पदम नाम का वृक्ष । पद्मनाल-प्रज्ञा सी॰ [ म०] कमलनाल । कमल की डडी [को०] । पद्मकिंजल्क-सज्ञा पुं॰ [ मं० पद्मकिञल्क ] कमल का केसर । पद्मनिधि-या स्त्री॰ [ स०] कुबेर की नौ निधियों में से एक पद्मकी-सशा पु० [ मै० पभकिन् ] १. भोजपत्र का पेड। २ गज । निधि का नाम । हाथी (को०)। पद्मनेा-सशा पुं० [ स०] १ एक प्रकार का पक्षी । २ बौद्धो के पद्मकीट-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का जहरीला कीडा। अनुसार एक बुद्ध का नाम, जिनका अवतार अभी होने को पद्मकेतन-सज्ञा पु० [ मं०] पुराणानुसार गरुड के एक पुत्र का है। ३ वह जिसकी प्राख कमल के समान हो। का नाम । पद्मपा-संज्ञा पुं० [सं०] १ पुहकरमूल । पुष्करमूल । २ कमल का पद्मफेतु-सञ्ज्ञा ॰ [ म० ] वृहत्स हिता के अनुसार एक पुच्छल तारा पत्ता । पुरइन पात (को०)। जो मृणाल के आकार का होता है। यह केतु पश्चिम की पद्मपर्ण-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] दे० 'पद्मपत्र' । मोर एक ही रात भर दिखलाई पडता है। गौर वर्ण का वह केतु जो पश्चिम दिशा में एक ही रात तक दिखाई पद्मपाणि-सज्ञा पुं० [सं०] १ ग्रह्मा। २ बुद्ध की एक विशेष देता है। मूर्ति । ३ एक वोधिसत्व, जो अमिताभ बुद्ध के देवपुत्र कहे गए हैं। इनकी उपासना नेपाल, तिब्बत चीन ग्रादि देशों में पद्मकेशर-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं०] २० 'पद्मकिंजल्क' [को०] । होती है । ४ सूर्य। पद्मकोश-सञ्ज्ञा पुं॰ [ मं०] १ कमल का संपुट । २ कमल के बीच पद्मपाणि-वि० जिसके हाथ में कमल हो (को०] । का छत्ता जिसमे बीज होते हैं। ३. हाथ की उंगलियो की एक मुद्रा जो कमल के आकार की होती है (को०) । पद्मपुराण-सरा पुं० [सं०] अठारह पुराणों मे से एक पुराण। पद्मपुष्प-सच्चा पुं० [सं०] १. कनेर का पेड। २ एक प्रकार पद्मक्षेत्र-सञ्ज्ञा पु० [ मं०] उडीसा प्रात के एक तीर्थ का नाम । का पक्षी । ३ पद्म का फूल । पद्मखंड-ज्ञा पु० [म० पद्मखण्ड ] कमलराशि [को०] । पद्मप्रभ-सच्चा पुं० [सं०] १ वौद्धो के अनुसार एक बुद्ध का नाम पद्मगंध-वि० [म० पनगन्ध ] कमल के समान गंधवाला । जिनका अवतार अभी होने को है। २. जैनो के अनुसार पद्मगध-सञ्ज्ञा पुं० दे० 'पद्मगधि' [फो०] । वर्तमान अवसपिणी के छठे अर्हत (को॰) । पद्मगंधि-शा पुं० [सं० पद्मगन्धि ] पद्माख या पदम नाम पद्मप्रिया-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ मनसा देवी जो जरत्कारु मुनि का वृक्ष । की पत्नी थी। २ गायत्रीस्वरूपा महादेवी (को०] । पद्मगर्भ-सज्ञा सं० [स०] १ कमल का भीतरी भाग। २ ब्रह्मा । पावध-तज्ञा पुं० [ स० पभयन्ध ] एक प्रकार का चित्रकाम्प