पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 6.djvu/९८

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पदार्थधु २९०७ पद्माधोश जिसमे भक्षरो को ऐसे क्रम से लिखते हैं जिससे एक पम या पद्मवेश-राज्ञा पुं॰ [स०] विद्याधरो का एक राजा (पो०] । कमल का प्राकार बन जाता है । पद्मव्याकोश-तमा पुं० [स०] वह संघ जो सकुचित या कोशबद्ध पद्मबंधु-पञ्चा पुं० [सं० पनवन्धु ] १. सूर्य जिनके उदय से कमल कमल के पाकार की हो [को०] । खिलता है। २ भौंरा । भ्रमर (को०] । पद्मव्यूह-यज्ञा पुं० [सं०] १ प्राचीन काल मे युद्ध के समय किसी पद्मवीज-सञ्ज्ञा पुं० [ स० ] कमलगट्टा । कमल का वीज वस्तु या व्यक्ति की रक्षा के लिये सेना को रसने की एक पभबीजाभ-सज्ञा पुं० [सं०] मखाना । विशेष स्थिति जिसमे सारी सेना कमल के प्राकार की हो पद्मभव-सया पुं० [सं०] पद्म से उत्पन्न-ब्रह्मा । जाती थी। २ एक प्रकार की समाधि । पद्मभास-संज्ञा पुं॰ [ स०] १ विष्णु । २ शिव (को॰) । पद्मश्री-संज्ञा पुं० [सं०] एक वोधिसत्व का नाम । २ एक पदवी या अलकार जो भारत सरकार की अोर से विशिष्ट व्यक्तियो पद्मभू-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] ब्रह्मा । को दी जाती है। पनभूपण-सज्ञा पुं॰ [स० पद्म + भूपण] एक पदवी या अलंकार जो भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। यह पप्रथी पद्मपंड-सज्ञा ० [सं० पद्मपण्ड ] दे० 'पद्मखड' (को०। । से बडी होती है। पद्मसंकाश-वि० [सं० पद्मसकाश ] कमल के समान । कमल के पद्मालिनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [०] लक्ष्मी [फो०] । सघश । कमलवत् [को०] । पद्ममात्री-सञ्ज्ञा पुं० [सं० पद्ममालिन् ] एक राक्षस का नाम । पद्मसंभव-सज्ञा पुं॰ [ मं० पद्मसम्भव ] ब्रह्मा [को०] । पद्ममुखी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [सं०] १ दुरालमा या घमासा नाम का कटीला पद्मसद्मा-सञ्ज्ञा पुं० [सं० पद्मसमन् ] ब्रह्मा [को०) । पौधा । २ दूर्वा । दूब । पद्मसमासन-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] ब्रह्मा [को०] । पद्ममुद्रा-सज्ञा स्त्री० [सं०] तात्रिको की पूजा मे एक मुद्रा जिसमे पद्मस्नुपा-सज्ञा स्त्री० [ सं०] गगा का एक नाम । २ दुर्गा का एक दोनो हथेलियो को सामने करके उंगलियां नीचे रखते हैं और नाम । ३ लक्ष्मी का एक नाम (को॰) । अंगूठे मिला देते हैं। पद्मस्वस्तिक-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] वह स्वस्तिक चिह्न जिसमे कमल पद्मयोनि-सज्ञा पुं० [स०] १ बुद्ध का एक नाम । भी बना हो। पद्मराग-सज्ञा पुं० [सं०] मानिक या लाल नामक रत्न । उ० पद्महस्त-सज्ञा पुं० [म.] १ प्राचीन काल की लवाई नापने की सौगधिक, गुरुविंद और स्फटिक इन तीन भांति के पत्थरो से एक प्रकार की नाप । २ दे० पद्मपाणि । पपराग (लाल) का जन्म होता है ।-वृहत्०, पृ० ३८५ । पद्महस्ता-सज्ञा स्त्री॰ [ म० ] लदमी का एक नाम (को०) । पद्मरेखा-सञ्ज्ञा सी० [ स०] सामुद्रिक के अनुसार हथेली की एक पद्महास--सञ्ज्ञा पुं॰ [ म०] विष्णु । प्रकार की प्राकृतिक रेखा जो बहुत भाग्यवान् होने का लक्षण पद्मांतर-सञ्ज्ञा पुं० सं० पद्मान्तर ] कमल पत्र । कमल दल [0] | मानी जाती है। पद्मा-सा स्त्री.] सं०] १ लक्ष्मी। २ वगाल मे बह्नवाली गगा पद्मलाछन-सा पुं० [सं० पमलाञ्छन ] १ ब्रह्मा। २ कुवेर । ३ सूर्य । ४ राजा (को०)। ५ एक बुद्ध (को०)। की पूर्वी शाखा । ३ भादो सुदी एकादशी तिपि । ४ गेंदे का वृक्ष । ५ कुसुम का फूल । ६ लौंग। मनसा देवी का पालांछना-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ सं० पालाञ्छना ] १ सरस्वती का एक एक नाम । ७ वृहद्रथ की कन्या का नाम जो कल्कि देव के नाम । २ लक्ष्मी का एक नाम (को०)। ३ तारा का साथ व्याही गई थी। ९ पद्मचारिणी लता । एक नाम । पालोचन-वि० [सं०] कमल सदृश नेत्र । कमलनेत्र [को०] । पद्माकर-संज्ञा पुं॰ [स०] १ बडा तालाव या झील जिसमे कमल पनवनयाँधव-सज्ञा पुं० [सं० पनवनवान्धव ] सूर्य, जिनके उदय से पैदा होते हो। २ तालाव । सरोवर (को०)। ३ पपपुष्णो की राशि या समूह । ४ हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि का नाम । कमल खिलते हैं को०] । विशेष-पद्माकर तेलग प्राह्मण थे । इनका जन्मनमय मन् पद्मावर्ण--सया पुं० [सं०] १ पुराणानुसार यदु के एक पुत्र का १८१० है। इनके पिता का नाम मोहनलाल भट्ट था और नाम । २ ३० 'पद्मवर्णक'। ये मध्यप्रदेशांतर्गत 'सागर' में निवास करते थे। पद्मवर्णक-संज्ञा पुं० [सं०] पुष्करमूल । पद्याक्ष-परा पुं० [सं०] १ कमलगट्टा। कमन के बीज। पद्मवासा-सशा सी० [सं०] लक्ष्मी (को०] । २ विपणु। पद्मविभूषण-संज्ञा पु० [सं०] स्वतत्र भारत की सरकार द्वारा पद्माख-पया पुं० [ स० पनकाए ] पदुमकाठ या पदुम नामक वृक्ष । दिया जानेवाला खिताव या अलकार । विशेप-दे० 'पदम'। पद्मवीज-सज्ञा पुं० [०] कमलगट्टा । पद्माचल-राणा पुं० [२०] पुराणानुसार एक परत का नाम । पद्यबीजाभ-सचा पु० [सं०] मखाना । पद्माट-सज्ञा पुं॰ [स०] चकवंट। पफमदं । पप्रया-समापुं० [सं०] पदमकाठ । पदम । पपास । पद्याधीश-मत पुं० [सं०] विष्णु ।