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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/१७

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धंग. फॉक० क्रि० बंगला भाषा परमी भाषा वहवान घरमी. बहुव० क्रि० प्र० ०ख० वु देलगट की योनी फोंकणी क्रिया क्रिया प्रकर्मफ पिया प्रयोग क्रिया विशेषण क्रिया सकर्मक क्वचित् लोकगीत गुजराती बुदेल. कि०० क्रि.वि. क्रि० स० क्व० गीत गुज. पी० बोल भाव० चीनी भापा भू० कृ० मरा० मल. जापा० जावा. जी०, जीवन ज्या० ज्यो छद जापानी जावा द्वीप की भाषा जीवनचरित ज्यामिति ज्योतिष हिंगल तमिल तर्कशास्त्र मला० मि० मुसल. मुहा० यू० यो हि० राज० तक० ति० तिव्यती भाषा लश० ला. व.कृ. वरण वि० तुल० दे० देश. देशी तुर्को दूहा या दूहला तुलनीय देखिए देशज देशी धर्मशास्त्र नामधातु वि. वि० द्वि० मू बोलचाल भाववाचक सगा भूमिका भूत फुदत मगठी मलयाली या मलयालम भाषा मलाया की भापा मिलाए मुगलमानो द्वारा प्रयुक्त मुहावरा यूनानी यौगिक राजस्थानी लशकरी लाक्षणिक लैटिन वर्तमान फुदत वणविपर्यय विशेषण विषमद्विरुक्तिमूलक वैदिक व्याकरण व्यंग्या में प्रयुक्त हिंदी शब्दसागर प्र० स० सस्कृत सयोजक भव्यय सयोजक किया सकर्मक सकर्मक रूप सघुक्कडी भाषा सवनाम सिंहली भाषा स्पेनी भाषा स्तियों द्वारा प्रयुक्त स्त्रीलिंग हिंदी काव्यप्रयोग, पुरानी हिंदी व्युत्पन्न प्रातीय प्रयोग ग्राम्य प्रयोग धातुचिह्न वै० धर्म नामक व्या. ना० घा० नामधातुज क्रिया नामिक धातु नामिक धातु ने० न्याय० प. परि० पा० पुं० व्यग्य (शब्द०) स० सयो सयो० कि० स० सक० रूप सधु सर्व० सिंहली स्पे० स्वि० पुतं० नेपाली न्याय या सर्कशास्त्र पंजाबी परिशिष्ट पाली पुलिंग पुर्तगाली पुरानी हिंदी पूर्वी हिंदी पृष्ठ प्रकाशकीय या प्रस्तावना प्रत्यय प्राकृत प्रेरणार्थक रूप फरांसीसी भाषा फकीरों की वोली फारसी पू० हिं० पू० प्र० स्त्री० प्रत्यक प्रा० फ० फकीर० फा० lar+v < +++