पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/२९५

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यज्ञक यज्ञयूप FO म० यज्ञकर्म- 40 नाम जिनका है। यह यज्ञ वास्तव में एक प्रकार के पुण्योत्सव थे। अब भी विवाह, यज्ञोपवीत आदि उत्सवो को कही कही यज्ञ करते हैं। पर्या-सव । श्रध्वर । सप्तततु | ऋतु । इष्टि । वितान । मन्यु । श्राइव । सवन । हव । अभिपय । होम । हवन । मह । २ विष्णु । ३ अग्नि का एक नाम (को॰) । यज्ञक-सज्ञा पुं० [सं०] १ यज्ञ । २ वह जो यज्ञ करता हो । यज्ञकर्ता-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] यज्ञ करनेवाला । याजक । यजमान । -सञ्ज्ञा पुं॰ [म०] यज्ञ का काम । यज्ञकर्मा-वि० [स० यज्ञकर्मन्] यज्ञ का काम करनेवाला [को०] । यज्ञकल्प-सज्ञा पुं० [सं०] विष्णु । यज्ञकाम-वि० [सं०] यज्ञ करने की कामनावाला [को०) । यज्ञकारो–सञ्चा पु० [सं० यज्ञकारिन् ] वह जो यज्ञ करता हो। यज्ञ करनेवाला। यज्ञकाल-सज्ञा पुं० [स०] १ यज्ञादि के लिये शास्त्रो द्वारा निर्दिष्ट समय । २ पौर्णमासी। यज्ञकीलक-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] काठ का वह खूटा जिसमे यज के लिये बलि दिया जानेवाला पशु बाँचा जाता था । यूपकाष्ठ । यज्ञकुड-सज्ञा पुं॰ [ स० यज्ञकुण्ड ] हवन करने की वेदी या कुड। यज्ञकृत्-वि० [सं०] यज्ञ करनेवाला । यज्ञकृत्-सज्ञा पुं० १ विप्नु । २ यज्ञ करनेवाला पुरोहित [को०] । यज्ञकेतु -सञ्ज्ञा पुं॰ [स० ] वह जो यज्ञ की क्रियानो का ज्ञाता हो । २ एक राक्षस का नाम । यज्ञकोप-सचा पुं० [स०] १ वह जो यज्ञ से द्वेष करता हो। २ रावण के दल का एक राक्षस जिसका उल्लेख वाल्मीकीय रामायण मे है। यज्ञक्रतु-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] विष्णु । यक्रिया - सज्ञा स्त्री॰ [सं०] १ यज्ञ का काम । २ कर्मकाड । यज्ञगम्य - वि० [सं०] (विष्णु) जिनकी प्राप्ति यज्ञ से सभव हो । यज्ञगिरि-सझा पु० [म०] पुराणानुसार एक पर्वत का नाम । यज्ञगुध-सज्ञा पुं॰ [स०] कृष्ण का एक नाम (को०) । यज्ञन-सज्ञा पुं० [सं०] १ वह जो यज्ञ विध्वम करता हो। २ राक्षस । यज्ञज्ञ-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] वह जो यज्ञो के विधान प्रादि जानता हो। यज्ञतत्र-सज्ञा पुं॰ [सं० यज्ञतन्त्र] यज्ञ का विस्तार [को०] । यज्ञतुर ग-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० यज्ञतुरङग ] यज्ञ का घोडा [को०] । यज्ञत्राता-सञ्ज्ञा पुं० [सं० यज्ञनातृ ] १ वह जो यज्ञ की रक्षा करता हो। २ विप्रा । यज्ञदक्षिणा-सज्ञा स्त्री० [सं० ] यज्ञ के लिये ब्राह्मणो को दिया जानेवाला धन । यज्ञशुल्क [को०] । यज्ञदत्तक-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] वह पुत्र जो यज्ञ के प्रसाद स्वरूप प्राप्त हुश्रा हो। यन्नद्रव्य-सञ्ज्ञा पुं० [वि.] यज्ञ की सामग्री । यगृह-मशा पु० [ सं० यशदुह् ] राक्षस । यज्ञधर- सज्ञा पुं० [०] विष्णु । यज्ञधूम-सज्ञा पुं० [ ] यज्ञ का धुआँ । यजनेमि-सज्ञा पुं० [म. ] श्रीकृष्ण का एक नाम । यज्ञपति-सशा पुं० [ स०] १ विष्णु । २ वह जो यज्ञ करता हा, यजमान। यज्ञपत्नी-सज्ञा सी० [ ] १ यज्ञ की सी, दक्षिणा । २ पुराणा- नुमार यज्ञ करनवाले माथुर ब्रह्मणो का वे स्त्रियां जो अपने पतिया क मना करने पर भी श्रावृष्ण के लिये भाजन लेकर वन में गई यो। यज्ञपर्वत-सज्ञा पुं० [स०] पुराणानुसार एक पर्वत का नाम जो नर्मदा के उत्तरपश्चिम में है। यज्ञपशु-मशा पु० [ मं०] १ वह पशु जिमका यज्ञ मे बलिदान किया जाय । २ घाडा । ३. बकरा। यजपाच-सा पु० [ म० ] यज्ञ में काम आनेवाले काठ के बने हुए बरतन । यज्ञपाव-सशा पु० [ ] एक प्राचीन ऋपे उल्लेख पराशर स्मृति में है। यज्ञपाल-मज्ञा पुं० [अ० ] यन का सरक्षक । यज्ञ की रक्षा करनेवाला। यज्ञपुरुप-सज्ञा पुं० [ स०] विष्णु । उ०—यज्ञपुरुष प्रसन्न जव भए । निकसि कुड से दरशन दए । —सूर (शब्द॰) । यज्ञफलद-सज्ञा पुं॰ [ सं० ] यज्ञ का फल देनवाले, विष्णु । यज्ञबाहु-मज्ञा पुं॰ [ सं०] १ अग्नि का एक नाम । २ पुराणानुसार शाल्मलि द्वीप के एक राजा का नाम । यजभाड-सज्ञा पुं॰ [ स० यज्ञभाण्ड ] दे० 'यज्ञपात्र' । यज्ञभाजन-मज्ञा पुं० [सं० यजपाय। यज्ञभूमि-सज्ञा ली. सं० ] वह स्थान जहां यज्ञ होता हो। यज्ञक्षेत्र। यज्ञभूपण-मश पुं० [सं० ] कुश । यज्ञभृत् -सहा पुं० [ सं० ] विष्णु । यनभोक्ता-सञ्ज्ञा पु० [सं० यज्ञभोक्त ] विष्णु । यज्ञमडप-तशा पुं० [ मे० यज्ञमण्डप] यज्ञ करने के लिये बनाया हुधा मडप । यज्ञमडल-सक्षा पुं० [सं० यज्ञमण्डल ] वह स्थान जो यज्ञ करने के लिये घेरा गया हो। यज्ञमदिर-सज्ञा पु० [ स० यज्ञमन्दिर ] यज्ञशाला । यज्ञमय-सज्ञा पुं॰ [ स० ] विष्णु। यज्ञमहात्सव-सज्ञा पुं० [ स०] महायज्ञ । बडा यज्ञ । यज्ञमुख-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] यज्ञ का प्रारंभ | यज्ञयूप-सज्ञा पुं॰ [ सं० ] वह खभा जिसमे यज्ञ का बलिपशु बांधा जाता था। यूपकाष्ठ ।