पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/२९६

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यज्ञयोग ४०५५ यज्ञेष्ट स० स० स० सव स० यज्ञयोग-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] उदुवर वृक्ष । गूलर का पेड । यज्ञश्रेष्ठा-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं० ] सोमलता। यजयोग्य-सज्ञा पुं॰ [ स० ] गूलर का पेड। यज्ञमंभार-सज्ञा पुं० [सं० यजसम्भार ] यज्ञ की सामग्री। यज्ञ मे यज्ञरस-प्रज्ञा पुं० [सं०] सोम। काम पानेवाली सामग्री (को॰) । यज्ञराज-सज्ञा पुं० [सं० यज्ञराज ] चद्रमा । यज्ञसंस्वर-सञ्ज्ञा पु० [सं० ] वह स्थान जहां यज्ञमडप बनाया जाय । यनरुचि-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] एक दानव का नाम । यज्ञभूमि । यज्ञस्थान । यज्ञरेतस--सशा पु० [ ] सोम । यज्ञरस । यज्ञसदन-सशा पु० ] यज्ञ करने का स्थान या मडप । यज्ञलिंग--सञ्ज्ञा पुं० [स० यज्ञलिङ्ग ] श्रीकृष्ण का नाम | यज्ञशाला। यज्ञवराह-शा पुं० [स० ] विष्णु। यज्ञसाधन- सञ्चा पुं० [सं०] १ वह जो यज्ञ को रक्षा करता हो। विशेष-कहते हैं, विष्णु ने वराह का रूप धारण करने के २ विष्णु। उपरात जब अपना शरीर छोडा, तब भिन्न भिन्न अगो से यज्ञ यज्ञसार-सज्ञा पु० [ स०] गूलर का वृक्ष । की सामग्री वन गई। इसी से उनका यह नाम पड़ा। यज्ञसिद्धि - सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ ] यज्ञ की परिसमाप्ति [को०] । यज्ञवद्धन-सञ्ज्ञा पुं० [ ] यन का विस्तार करनेवाला । यज्ञसूत्र-सज्ञा पुं॰ [ स०] यज्ञोपवीत । जनेऊ । यज्ञवल्क-सज्ञा पुं० स० ] एक प्राचीन ऋपि जो प्रसिद्ध याज्ञवल्क्य यज्ञसेन-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ विष्णु । २ एक दानव का नाम । ऋपि के पिता थे। ३ द्रुपद नरेश का नाम । यशवल्ली-सञ्ज्ञा मी० [सं० ] सोमलता। यज्ञस्तभ-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० यज्ञस्तम्भ ] वह खभा जिसमे यज्ञ का पशु यज्ञवाट-सञ्ज्ञा पुं० [ ] यज्ञ के निमित्त घेरा हुआ तथा सुरक्षित वांधा जाता है। यूप। स्थान [को०)। यज्ञस्थल-सक्षा पुं० [सं० ] यज्ञमडप । यज्ञवार।ह-सशा पुं० [सं० ] दे० 'यज्ञवगह' । यज्ञस्थाणु--सचा पुं० [सं०] दे० 'यज्ञस्तभ' । यज्ञवाह-सज्ञा पुं० [सं०] १ यज्ञ करनेवाला । २ कार्तिकेय के एक यज्ञस्थान -सञ्ज्ञा पुं० [ स० यज्ञशाला। अनुचर का नाम। यज्ञहृदय-सञ्ज्ञा पुं० [सं० ] विष्णु । यज्ञवाहन-सञ्ज्ञा पुं० [स० ] १ यज्ञ करनेवाला । २ ब्राह्मण। यज्ञहोता-सञ्ज्ञा पुं० [स० यज्ञहोतृ ] १ यज्ञ में देवताओ का श्रावाहन ३ विष्णु । ४ शिव। करनेवाला । २ भागवत के अनुसार उत्तम मनु के एक पुत्र यज्ञवाही-सशा पु० [ स० यज्ञवाहिन् ] यज्ञ का सब काम करनेवाला । का नाम । यज्ञविभ्रश-सज्ञा पुं० [सं०] यज्ञ मे त्रुटि वा असफलता (को०] । यज्ञाग-सज्ञा पुं० [ स० यज्ञाङ्ग ] १ विष्णु। २ गूलर का पेड । ३ यन्नविभ्रष्ट-वि० [सं० ] यज्ञ मे असफल होनेवाला (को॰] । खैर का पेड । ४ कृष्णसार नामक मृग (को०) । यज्ञवीर्य -सञ्ज्ञा पुं॰ [सं० ] विष्णु । यज्ञागा-सशा स्त्री॰ [ स० यज्ञाङ्गा ] सोमलता। यज्ञवृक्ष-संशा पुं० [०] १ बड का पेड । २ विककत । यज्ञागार-सज्ञा पुं० [सं० ] वह स्थान या महप जहां यज्ञ होता हो । यज्ञवेदी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ स०] यज्ञार्थ निर्मित वेदिका । यज्ञशाला। यज्ञव्रत-सशा पुं० [सं०] वह जिसने यज्ञ रूपी व्रत लिया हो अथवा यज्ञात्मा-सज्ञा पुं॰ [ स० यज्ञात्मन् ] विष्णु । जो यज्ञ करता हो। यज्ञ करनेवाला । यज्ञाधिपति-सशा पुं० [ स०] यज्ञ के स्वामी, विष्णु । यज्ञपुरुष । यज्ञशत्रु-सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] १ राक्षस । २ खर राक्षम का एक सेना यज्ञारि-सज्ञा पुं० [सं०] १ शिव । २ राक्षस । पति जिसे रामचद्र ने मारा था । यज्ञाशन-सज्ञा पुं० [सं०] देवता । यज्ञशरण-सशा पुं० [सं०] दे० 'यज्ञमहप । याज्ञक-सञ्ज्ञा पुं० [ स०] १ वह पुत्र जो यज्ञ के प्रसाद स्वरूप मिला यज्ञशाला-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ सं० ] यज्ञ करने का रयान । यज्ञमडप । हो। २ पलाश का पेड । यत्रिय-वि० [ यज्ञशास्त्र-सज्ञा पुं० [सं० ] वह शास्त्र जिसम यज्ञो और उनके कृत्यो ] १ यज्ञ सबधी । यज्ञोपयुक्त । २ पषिय । प्रादि का विवेचन हो। मीमासा । यज्ञशेप । यज्ञिय-सञ्ज्ञा पु० १ ईश्वर । देवता । २ गूलर का वृक्ष। ३ यज्ञ यज्ञशिष्ट-मज्ञा पु० । ] यज्ञ का बचा हा प्रश। यज्ञ का की सामग्री । ४ तीसरा युग। द्वापर [को०] । अवशेप [को०)। यज्ञीय-वि० [सं० ] यज्ञ मवधी । यज्ञ का। यज्ञशील-सञ्ज्ञा पुं० [ स० ] १ वह जो यज्ञ करता हो । २ ब्राह्मण । यज्ञोय-सञ्ज्ञा पुं० गूलर का पेड । यज्ञशकर-सहा पुं० [सं० ] दे॰ 'यज्ञवराह' । यजेश्वर-सज्ञा पुं० [सं०] विष्णु । यज्ञशेष-सज्ञा पु. [ सं०] दे० 'यज्ञशिष्ट' । यज्ञेष्ट-सभा पु० [ ] रोहिस नाम की घास। स० स० HO