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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/३२३

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स० 80 योनिकंद ४०६३ यौतुक योनिकद-सज्ञा पु० [सं० योनिकन्द ] योनि का एक रोग जिसमे रुक जाता है और गर्भ का मुंह बंद हो जाने से सांस रुकवर उमके प्रदर एक प्रकार की गाँठ हो जाती है और उसमे से रक्त बच्चा मर जाता है। इस रोग मे गभिणी के भी मर जाने की या पीव निकलता है। अाशका रहती है। योनिज-वि० [स०] जिमकी उत्पत्ति योनि से हुई हो। योनि से योनी-मज्ञा स्त्री० [ ] योनि । उत्पन्न । योन्यर्श-सज्ञा पुं० [सं० योन्यर्शम् ] योनि का एक गग जिसम योनिज-सज्ञा पु० वह जीव जिसकी उत्पत्ति योनि से हुई हो। उसके अदर गांठ सी हो जाती है । योनिकद । विशेष—ऐसे जीव दो प्रकार के होते हैं - जरायुज और अडज। योम-मज्ञा पुं० [अ० यौम ] १ दिन । रोज । २ तिथि । तारीख । जो जीव गर्भ मे पूरा शरीर धारण करके योनि के बाहर योरोप-सञ्ज्ञा पुं० [अ० ] दे० 'युरोप' । निकलते हैं, वे जरायुज कहलाते है, और जो अडे से उत्पन्न योरोपियन-सञ्ज्ञा पुं॰ [अं॰] दे॰ 'युरोपियन' । होते हैं, वे अडज कहलाते हैं । योपणा-सज्ञा स्त्री० सं०] १ वह स्त्री जो मती और पतिव्रता न योनिदेवता-सज्ञा पुं॰ [ स० ] पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र । हो । दुश्चरिया स्त्री । २ युवा लडकी । नवयुवती। योनिदोष-सञ्ज्ञा पु० [ सं० ] उपदश रोग । गरमी । पातशक । योपा-सज्ञा स्त्री॰ [ म० ] नारी । स्त्री । औरत । योनिफूल-सज्ञा पुं० [स० योनि + हिं० फूल ] योनि के अंदर की योपित्-सज्ञा स्त्री० [सं०] नारी । स्त्री। वह गांठ जिसके ऊपर एक छेद होता है । इमी छेद मे मे होकर योपत्प्रिया-सशा सी० [सं० ] हलदी। वीर्य गर्भाशय मे प्रवेश करता है। योषिता-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [सं०] स्त्री । नारो। औरत [को०] । योनिभ्र श-सज्ञा पुं० [सं० ] योनि का एक रोग जिसमे गर्भाशय अपने स्थान से हट जाता है। योपिद्ग्राह-सज्ञा पु० [ ] मृत व्यक्ति की स्त्री को रखनेवाला योनिमुक्त-सञ्ज्ञा पुं० [ सं० ] वह जो वार वार जन्म लेने से मुक्त हो वा, ग्रहण करनेवाला व्यक्ति [को०] । गया हो। वह जिमने मोक्ष प्राप्त कर लिया हो। यौ@f-अ० [ स० एवमेव ] दे० 'यो' । उ०--पहिरत ही गोरे योनिमुद्रा-सज्ञा स्त्री॰ [सं० ] तानिको को एक मुद्रा जिसमे वे पूजन गरे यी दौरी दुति लाल । मनौ परसि पुनकित भई मोलमिरी की माल ।-विहारी (शब्द०)। के समय उंगलियो से प्राय योनि का सा आकार बनाते हैं । यौल-सर्व० [हिं० यह ] यह । उ०—ऐसी एक पाप कहि योनियत्र-सज्ञा पुं० [सं० योनियन्त्र ] कामाक्षा, गया आदि कुछ राजा सो यो वात कही, लैके जावी वाग स्वामी नेकु देखी विशिष्ट तीर्थ स्थानो मे बना हुआ एक प्रकार का बहुत ही प्रीति को । - प्रियादास (शब्द॰) । मकीर्ण मार्ग, जिसके विषय मे यह प्रसिद्ध है कि जो इस मार्ग यौक्ताश्व-सशा पुं० [ स० ] एक प्रकार का माम। से होकर निकल जाता है, उसका मोक्ष हो जाता है । यौक्तिक'-वि० [सं०] जो युक्ति के अनुसार ठीक हो। युक्तियुक्त । योनिरजन-मज्ञा पुं॰ [स० योनिरञ्जन] ऋतुस्राव । रजोधर्म [को०] । वाजिव । उचित । ठीक । योनिवेश-सज्ञा पु० [ ] महाभारत के अनुसार एक देश का यौक्तिक–समा पुं० विनोद या क्रीडा का साथी । नर्म सखा । प्राचीन नाम जिसमे क्षत्रियों का निवास था । योगधर-सज्ञा पुं० [ स० यौगन्धर ] अस्यो के निष्फल करने का योनिशूल-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] योनि का एक रोग जिसमे बहुत पीडा एक प्रकार का प्रस्त्र। होती है। योगधरायण-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १. वह जो युगवर के गोत्र मे योनिशुलनी-सच्चा स्त्री॰ [ स० ] शतपुष्पा । उत्सन्न हुआ हो । २ राजा उदयन के एक मंत्री का नाम । योनिसकर-सञ्ज्ञा पु० [स० योनिसकर ] वह जिसके पिता और योग-सज्ञा पुं० [सं० ] वह जो योगदर्शन के मत के अनुसार माता दोनो भिन्न जातियो के हो । वर्णसकर । चलता हो योनिसकोचन-सज्ञा पु० [ स० योनिसकोचन ] १. योनि को फैलाने योगक-वि० [सं० ] योग सवधी । योग का। और सिकोडने की क्रिया। २ योनि के मुख को सिकोडने या यौगिक-सञ्ज्ञा पुं० [ ] १ मिला हुआ। २ प्रकृति और प्रत्यप के तग करने की श्रीपध। योग से बना हुआ शब्द । व्युत्पन्न शब्द । ३ दो शब्दो से मिल- विशेष—यह क्रिया अथवा इसका उपाय प्राय सभोगसुख के कर बना हुआ शब्द । ४ अट्ठाइस मात्रायो के छदो की सजा । लिये किया जाता है। यौजनिक-वि० [सं०] जो एक योजन तक जाता हो। एक योजन योनिसभव-सञ्ज्ञा पु० [स० योनिसम्भव ] वह जो योनि से उत्पन्न तक जानेवाला। हुमा हो । योनिज । यौतक-सञ्चा पुं० [स०] दे० 'यौतुक' । योनिसवरण-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स०] गर्भवती स्त्रियो का एक प्रकार का यौतुक -सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ वह घन आदि जो विवाह के समय वर रोग, जिसमे योनि का मार्ग सिकुड जाता है, गर्भाशय का द्वार और कन्या को मिलता हो । दाइजा । जहेज । दहेज । स० HO