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पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४२०

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रिकामटरी स्कूल ४१७१ रिव्यू रिफार्मटरी स्कूल-सा पुं० [अ० रिफार्मेटरी रफूल] दे० 'रिफार्मेंटरी'। रिस्सा-सरो० [स] १ गंभोग की इज्या। २ प्रानद सेन की इन्छा 20 रिवन-सज्ञा पुं० [अ०] १ सिल्क, माटन या मूती कपरे पाद की पतली लवी पट्टी जिससे कोई वस्तु बांधने का काम लेते है। रिर@1-पानी० [हिं० गर) हठ । जिद । उ०-रन मैं रिसान्यो फोता। २ टाइप राइटर मे लगाया जानेवाना म्याही का अनरस के पिनान्यो देश पीच परितान्यो यो बगेपत रिर फना। ३ स्त्रियो, कन्याग्रो को चाटी में लगाया जानवाला परयो ।-दव (शब्द०)। रेशम, गूत अादि का कुछ चौडा फीता। उल-पाउडर, रिवन रिरकना-कि, अ० [स. VIJ१ गरकना । पितरना। उ०- आदि शृगार प्रमाधन की प्राय सभी अावश्यक वस्तु खरीद प्यो लखि मुदरि मुदरि सज ते या रिसी थिरग यानी । फर में होटल को लोट चला।-जप्मी, पृ०७१ । बान के लागे नहीं ठहरात हूँ ज्या जनजान के पात 4 पानी । -पाकर ग्र०, पृ० १६६ । २ गिरगिटाना। रिभु-सा पुं० [म० अ.भु] 10 'भु' । गिरियाना। रिया-सा पुं० [स० रिभ्वन्] चोर । तस्कर (को०) । रिम-सशा पु० [० अरिम् या ऋषु ] शत्रु । (हिं०)। रिग्ना-क्रि० प्र० [अनु० ] बहुत दीनता प्राट करता । गिढ- गिडाना। रिम-सा सी० [अ० रीम] दे० 'रोम' | रिरियाना-क्रि० अ० [हिं० रिरना दरिरना' । रिमझिम'-सा स्त्री० [अनु०) छोटी छोटी वू'दो का लगातार रिरिहा - पुं० [हिं० रिना (= गिटगिडाना ) ] वह जा गिरना । हलकी फुहार पडना । गिटांगडाकर पार रट लगाकर कुछ मागता हो। उ०- रिमझिम-क्रि० वि० वर्षा की छोटी छोटी वू'दो मे। उ०-पादल द्वार ही भार ही का अाज । रटत रिरिहा पारि और न फौर घिरे हुए हैं, विजली चमक रही है, रिमझिम झड़ी लगी हुई ही ते काज -तुलसा (शब्द०) । है।-बालमुकुद (शब्द०)। रिरी'-संज्ञा सी० [ 0] पीनल । ( धानु )। रिमहर-सगा पुं० [सं० भरिम् + हर] शनु । (दि०)। रिरी-वि० [हिं० रिर + ई (प्र य०)] जिद्दा । हठो । रिमाइडर-सज्ञा पुं० [अ० अनुस्मारक । याददाश्त । रिलना-मि० अ० [हिं० रखना । तुल० प० रलना (%3D रिमार्क-सज्ञा पुं० [अ०] मत । राय । मिलना )प्रवेश करना । पैठना । घुमना । ७०-औरंग रिमिका-सझा [हिं०] काली मिर्च की लता । (अनेकार्य)। भरि भामिनी दिखायात मी रंग हिय रिलि ।-मुकवि रिम्मनाए-क० अ० [हिं० रमना) रमण करना। रमना । उ० (शब्द०)। २ हिल मिलकर एक हा जाना । मिल जाना । नारि सो धिकु जेहि पुरुप न रिम्मे, पुरुष सो धियु जीवन अप 30-बमर मानिक नास न परत यो रग रह्यो रिलि । फारी । वचन सो विकु जो बोलि पलट्टिय दानि सो धिक जो -मुकवि (शब्द०)। फरकस भारी।-प्रकवरी०, पृ० ३२२ । रिलीफ-सा पु० [अ० रिलीक] वर महावना जो ग्रात पोटित या रिया-सशा भी [अ०] दिखावा । मककारी (को०] । दीन दुखी जना का दा जाय । नहायता | माहाय । मदद । यो०-रियाफार = मक्कार । रियाकारी = फरेय । मक्कार।। जंने,-मारवाडी रिलीफ मोमाइटो । रिलीफ यकं । रिवाज-सा पुं० [अ०]प्रया । रम्म । रीति । चलन । रियाज-मशा पुं० [अ० रियाज, रोज़ का बहुव०] १ बाग । उपवन । क्रि० प्र०-उटना ।-घाना ।निकलना ।-पहना।-होना। उद्यान । २ मिहनत । श्रम । ३ अभ्यास । ४ दे० 'रियाजत' । मुहा०-रियाज मारना = (१) कमरत फरना। (२) परिश्रम रिवाल्वर- पुं० [अ० ] एक प्रकार का तमचा जिसमे .. साथ रुई गोलिया भरन का चक्र होता है जो घूमना पारना। गोलियां लगातार एक क बार दूसरी पाटी जा सकती है। गमरत । व्यायाम । २ रियाजत-राग सी० [अ० रियाजत J१ सायत । जपतप । ३३० परवान' को०) । रिव्यू- -मा पी० [प्र. J१ मिगी नर्गन प्रकाशित पुस्तक परीक्षा कर उसके गण दारा का प्रकट परना। मालाचना रियाजो-वि० [अ० रियाज़ी | १ मेहनती। २ यमरती । समालोचा । जो,-प्रापत माने मन मभी मरी पुन्नर रियाजी-तसा मी० [अ० रियाजी ] गणित विधा (को०)। को रिव्यू नहीं की। रियायत-5 सी० [५० रिवायत ] ३० रियायत'। क्रि० प्र०-करना।-दोना । रियासत-1 सी० [अ०] २ राज्य । ममलदारी। २. रईस २ यह लेख या न जिगम ET प्रकार मा पुनः होने का भाव । प्रमोरी। भव । ऐसर्व । स्वामित्व । घालावना पा गईमालाचना । जंग,-गम' सरदारी। 'समाजमा जरियू नितीन मदनामत नहार रियासबी-० [प्र. रियासत + हिं०६ ( प्रस० )] रियामत से जामती ३ व माता पारसए नाम गजतीति समधित । सामाजिर, घातिक यानि पारि विपदा पर मानापना रियाह-सा मी० [म.] 1. वायु । २ मपान वायु | संखोपा मह रन क ग हानबीन माउ पु-