लपित ४२५० घुमाव । फेरा। लपित'-वि० सं०] कहा हुँप्रा । वोला हुमा । कथित । मोडे वपडे आदि के अंदर पार के पद परना । कपडे ग्रादि के लपित'-सज्ञा पुं० कथन । बोल । आवाज (को०] । अदर बाँचना । जैस,-पुस्तक लपेटकर रख दो। ५ हाथ पैर प्रादि अगा को चारो और सटाकर घेरे मे करना। पकड में वर लपिता-सज्ञा स्त्री॰ [ स० ) शाङ्गिका नामक पक्षी की एक जाति । लेना । जैम,-(क) उगे देखते ही उगने हाथो में लपेट लिया। लपेट-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० लपेटना तुल० स लिप्त ( लेग किया हुआ) १ लपटने की क्रिया या भाव । २ किसी सूत, डोरी या (ख) अजगर ने शेर का चाोपोर में लपेट लिया। ६ ऐमी स्थिति मे करना कि कुछ करने न पावे। गनि विधि बद करना। कपडे की मी वस्तु को दूसरी वस्तु की परिधि से लपेटने या चागे पोर मे चाल रोक्ना । जैसे,—तुमने तो उमे चारो ओर वांधने की स्थिति । वधन का चक्कर । से ऐसा लपेटा है कि वह कुछ कहा नही स्कता । ७ पक्ट जैसे कई लपेट बाँधोगे, तव मजबूत होगा। ३ बंधी मे लाना । कायू में करन । रमना । उ०—जिमि परि निकल हुई गठरी मे कपडे की तह की मोड । २०-खोलिकै लपेट दल मृगराजु । लेइ नहि लवा जिमि बाजू ।-तुनी (गन्द०)। मध्य मपुट निहारि कौडा, समुझि विचारे हार, मत मे न पायो ८. उलझन म जालना। झट में फंनाना । । गोत्री गाढा है।-प्रियादाम (शब्द०)। ४ ऐंठन । बल । मरोड । ५ किमी वस्तु पोतना । लेपन करना । जैसे,—वह बदन मे कांच लबी वस्तु की मोटाई के चारो ओर का विस्तार | घेरा । लपेटे या पहुंचा। परिवि । जैसे,—(क) इस खभे की लपेट ३ फुट है । (ख) इस पेड के तने की लपेट ५ फुट है। ६ उलझन । फैमाव । विशेप-यद्यप लिपटाना' और 'लपेटना' दोनो अकर्मक क्रियाएं जाल या चक्कर । जैसे,-तुम उसकी बातो की लपेट मे पड लिपटना' हा से बनी हैं, पर दानो के प्रयागो म अतर है। 'लिपटाना' मे गलग्न करने या सटाने का भाव प्रधान है। गए । उ०-पाए इश्क लपेट मे लागो चमम चपेट । -रसनिधि इसी से 'छाती से लिपटाना', 'बदन म रुई लिपटाना' प्राद (शब्द०)। ७ कुश्ती का एक पेच । बोलते है । 'लपेटना' मे घुमाकर या मोहार वेरने का भाव विशेप-जब दोनो लडनेवाले एक दूसरे की बगल से मिर निकालते प्रधान है। इसी में 'डोरा लपेटना', 'कपा लपटना' ग्रादि है और कमर को दोनो हाथो से पकटकर भीतर अडानी टाँग बोलत है। से लपेटते हैं, तब उसे लपेट कहते है। लपेटनी-सहा सी० [हिं० लपटन। ] जुलाहो की लपेटन नाम की ८ पकड़ । बघन । उ०-बानर भालु लपेटनि मारत तब हहै लकड़ी । लपेटना । तूर । पछितायो। -(शब्द०)। लपेटवॉ-वि० [हिं० लपेटना ] १ जो लपेटा हो। जिसे लपेट सकें। लपेटन-सज्ञा स्त्री॰ [हिं० लपेटना] लपेटने की क्रिया या भाव । लरेट । २ जो लपेटकर बना हो। ३ जिनम मोने चांदी के तार लपेटे २ फेरा । बल । ३ ऐंठन । मरोड । ४ उलझन । फंसाव । गए हो। ४ जिसका अर्थ छिपा हो। गूढ | व्यग्य । जैस- लपेटन-सचा पुं० १ लपेटनेवाली वस्तु । वह जो चारो ओर सटकर लपेटवां गालो। ५ जो सीचे ढग मे न कहा या फिया गया घेर ले । २ वह वस्तु निसे किसी वस्तु के चारो ओर घुमा हो । घुमाव फिराव का। चक्करदार । जसे,-लपेटवा बात । घुमाकर बाँधे । ३ वह कपड़ा जिसे किसी वस्तु के चारों ओर लपेटा' घुमाकर बाँधे । वाँधने का कपडा । वेष्टन । वेठ्न । ४ पैरो मे '-सज्ञा पुं० [हिं०] ३. 'लपेट' । उलझनेवाली वस्तु । जैसे,—रस्सी का टुकडा। (पालकी मे लपेटा -सशा पुं० [हिं० ] लप्पड़ । झापड । कहारो का प्रयोग)। उ०—काँट कुराय लपेटन लोटन ठोहिं लपेत-तक्षा पुं० [ ] पारस्कर गृह्यमूत्र मे कथित वालरोगो के ठांव वझाक रे।-तुलसी (शब्द०)। ५ वह लकडी जिसपर अधिष्ठाता एक देवता। जुलाहे बुनकर तैयार कपडा लपेटते हैं । तूर । वेलन । लपेरा-सा पुं० [ ] लिसोडा । लवरा। लपेटना - क्रि० स० [ स० लिप्त, हि० लिपटना ] १ किसी सूत, डोरी लपोटा, लप्पड -सज्ञा पुं० [हिं० ] दे॰ 'थप्पड' । या कपडे की सी वस्तु को दूसरी वस्तु के चारो ओर घुमाकर लप्पा-सञ्ज्ञा पुं० [देश०] १ छत मे लगी हुई वह लकडी जिसमे रेशमी बाँचना । घुमाव या फेरे के साथ चारो ओर फैमाना। चक्कर कपड़े बुननेवाले जुलाहो के करघे की रस्सियाँ वैवी रहती हैं। देकर चारो मोर ले जाना । जैसे,—(क) इस लकडी मे तार २. एक प्रकार का गोटा। लपेट दो। (ख) छटो मे कपडा लपेटा हुआ है। लप्सिका-सञ्ज्ञा सी० [सं०] लपसी। सयो० क्रि० - देना।-लेना। २ सूत, डोरी या कपडे की सी वस्तु चारो ओर ले जाकर घेरना । लप्सुद-सज्ञा पुं० [सं०] (बकरे की) दाढ़ी (को०] । परिवेष्ठित क ना । जैसे, - इस डडे को कपडे से लपेट दो। ३ लप्सुदी-वि० [सं० ] दाढीवाला (वकरा) [को०) । डोरी, सूत या कपडे की सी फैली हुई वस्तु को तह पर तह लफगा-वि० [फा० लफ ग] १ लपट । व्यभिचारी। दुश्चरित्र । मोडते या घुमाते हुए सकुचित करना। फैली हुई वस्तु को २ शोहदा । आवारा । कुमार्गी । लच्छे या गट्ठर के रूप मे करना । समेटना । जैसे,—(क) कपडे लफ-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [?] दे० 'लय' । का थान लपेटकर रख दो। (ख) तागा लपेटकर रख दो। ५. लफटट-सञ्ज्ञा पुं० [अ० लेफ्टिनेंट ] सेना का एक छोटा मफसर । CO 1 दश० ।
पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/४९७
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