पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/५४१

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लीज ४३०० लीलये दाने से उभरे होते हैं। गूदा सफेद खोली की तरह बीज से क्रि० प्र०—करना । —होना । चिपका रहता है, पर बहुत जल्दी छूट कर अलग हो जाता है । लीनता-मना सी० [म०] १ तन्मयता । तत्परता । २ मा मनुचित यह पेड चान से पाया है और वगाल तथा बिहार में अधिक होकर रहना जिममे किगी को दुरा न पहुंचे । (जैन)। होता है। लीनो टाइप मशीन-शा मी० [अ० ] एक प्रकार की कल या यत्र लीज सज्ञा पुं० [अ० लीज़ ] दे० 'लीस'। जिसमे अक्षरा की कपोज हाने ते गमय लाइन की नाइन ढलवर लीमी' सज्ञा सी० [१० J१ देह मे मले हुए उबटन के साथ छूटी निकलती है। हुई मल की वत्ता । २ वह गूदा या रेशा जिसका रस चूम या विशेष-गाजान हिंदुस्तान में बड़े पडे अंगरेजी अखबार इगी निचोड लिया गया हो । मीठी। मशीन से पोज होते है। लीझो—वि० १ नीरस । निस्सार । २ निकम्मा । उ०-श्री रघुराज लोपना-क्रि० स० [सं० लिपुलेपन कहे कह रीझो भई तनु लोझो अजी दशा एतो।-रघुराज ? पुल ए रंग, मिट्टो, गावर या और फिमी गोत्री वस्तु को पतलो नह चढाना । (शब्द०)। पोतना । २ मफाई के निये जमीन या दीवार पर घुलो हुई लीडर-सञ्ज्ञा पुं० [अ० ] अगुना। मुखिया। नेता। २ अग्रलेस । किसी समाचारपत्र मे सपादक का लिखा हुमा प्रधान या मुख्य मिट्टी या गोचर फेरना । पााना । लेख । मपादक य अग्रलेख । जैसे,—पादक महोदय ने इस यो०-नोपना पोना = Tफाई फरना । विषय पर जोरदार लोडर लिखा है। ३ किमी कथन को मुहा-नोप पोत कार वरावर पन्ना = किमी काम को विगाहना। असमाप्ति आदि का बोधक एक टाइप जिममे तीन विदिया रहतो चौपट करना । चौवनगाना । गत्तानाश मारना । है । (मुद्रण)। लीफलेट-सा -सपा पुं० [अ० फलेट ] पुस्तका । पर्चा । लीडर श्राफ दी हाउस-सज्ञा पुं० [अ० ] पालभेट या व्यवस्थापिका लीवर, लोभर-गश पुं० [ "T० बिठना, निभटना ] कीचड। सभा का मुखिया जो प्रधान मग्री या मश्रिमडल का वडा सदस्य, गदगी । मन। विशेषकर स्वराष्ट्र सदस्य, होता है और जिसका काम विगेयी पक्ष का उत्तर देना और सरकारी कामो का समर्थन करना होता जीम-सञ्ज्ञा पुं॰ [ "T० ] १ एक प्रकार का चोट या पेड जिसम त है । प्रातीय शासन मे यही मुख्य मत्री होता है । तारपान या अलकतरा निफरता है। २ एक प्रकार की चिडिया। लोडिग पार्टिकल-मज्ञा पुं० [अ० ] किमो समाचारपत्र मे गपादफ लीमू-सशा पुं० [फा० ] नाव (को०] । का लिखा हुआ प्रधान या मुख्य लेख । सपादकोय अग्रलेख। लीर-मश नी० [२०] कपडे को धज्जो । चीर [को०] । जैसे,—इस पत्र के लीटिंग आर्टिकल बहुत गवेपणापूर्ण होते है। यो०-लोर कोर = कपडे को चोर या धगे। लीढ-वि० [ ] चाटा हुआ । प्रास्त्रादित (को॰) । लील'-+-सज्ञा पुं० [सं० नील ] नीन । लीथो-सज्ञा पुं० [अ० लीयो (= पत्यर)] पत्थर का छापा, जिसपर हाथ से लिखकर अक्षर या चित्र छापे जाते है। लाल-वि० नाला । नालवर्ण का । नीले रंग का । उ०-नालावुज तनु लोथोग्राफ-सज्ञा पुं० [अ० लीथोग्राफ ] दे० 'लोथी'। लील वमन माण चितया न जात धून का भार ।-पूर (शब्द०)। लोयोग्राफर-सज्ञा पुं० [अ० लीथोग्राफ ] वह जो लीयोग्राफी का लीलकठां - सझा पुं० [ स० नीलकण्ठ 1 २० नीलक' । काम करता हो । लीथो का काम करनवाला । लीलक'-'रा० पुं० [हिं० लाल ] वह हरा चमडा जो जूतो की नोक लीथोग्राफी-सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० लीथोग्राफ़ी ) लीथो को छपाई मे एक पर लगाया जाता है। विशेष प्रकार के पत्थर पर हाथ से अक्षर लिखने और खीचने लीलक-वि० नीला । लोलगा-सशा स्त्री० [हिं० नील+गक ] नील गाय । लीद-सज्ञा स्त्री॰ [ दश० । तुल० सं० लेण्ड (लेड)] घाडे, गधे, ऊंट और लीलगर।-सचा ० [हि० नील + गर] रगमाज । नो नगर । रंगरेज । हाथी प्रादि पशुमो का मल । घाडे प्रादि का पुरीप । लीकना--क्रि० स० [सं० गिलन या लीन | गल के नीचे पेट मे मुहा० -लीद करना = घोडे आदि का मलत्याग करना । उतारना । मुह में लकर पेट में गलना । निगलना । खा जाना । लीन-वि० [सं०] १ लय को प्राप्त । जो किमी वस्तु मे समा गया उ०-(क) वालधी विसाल विकराल ज्वालमाल मानो लक हो । २ तन्मय । मग्न । डूवा हुया । ३ विलकुल लगा हुआ । लोलिवे का काल रसना पसारो है।-तुलसी (शब्द॰) । (ख) तत्पर । जैसे,—कार्य मे लोन हाना। ४ ख्याल में हुवा हुप्रा । वाच गए सुरसा मिली और मिहिका नारे। लोलि लिया ध्यानमग्न । अनुरक्त । उ०—प्रति ही चतुर सुजान जानमनि हनुमत तेहेि, चडे उदर कहँ फारि।-केशव (शब्द॰) । या छवि पै भइ मैं लोना ।—सूर (शब्द०)। ५ फिसी के सहारे टिका हुआ (को०)। ६ लुप्त । छिपा हुआ (को०) । ७ अपने रूप सयो० कि०-जाना ।-लना । का त्याग करके मिला हुआ। घुला हुआ । जैसे, जल मे लीलया-क्रि० वि० [सं०] १ खेल में । २ सहज मे । बिना प्रयास। नमक (को०)। लोलयैव-क्रि वि० सं० लीलया+एव | खेल मे ही। सहज मे हो । की कला।