पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/५५५

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ले= इस लेनिहार ४३१४ लेवर नही । उ०—मागि के खैबो, मसीत को सोइबो लबे को एक न लेपक-सज्ञा पुं० [स०] १ लेप करनेवाला । पोतने या लगानेवाला । देवे को दोऊ। तुलसी (शब्द०)। लं निकलना = लेकर चल २ एक जाति या वर्ग। राजगोर (को०)। ३ साँचे बनाने- देना । ले पडना (१) अपने साथ जमीन पर गिरा देना । वाला । ढलाई करनेवाला (को०) । (२) सभोग करने लगना। ले पालना = गोद लेना। दत्तक लेपकर र-सज्ञा पुं॰ [ सं० ] लेप करनवाला । दे० 'लेपक' [को॰] । लना । ले बैठना = (१) बोझ लिए डूब जाना । (नाव आाद लेपकामिनी-सञ्चा पी० [सं० ] साँचे के द्वारा ढाली हुई नारीमूर्ति । का ) । (२) अपने साथ नष्ट या खराव करना । ३ किसी दे० 'लेप्यनारी-२' को०) । व्यवसाय का नाट होकर लगे हुए धन को नष्ट करना । जैसे- लेपची - सज्ञा पुं॰ [ श० ] नेपालियो की एक जाति । यह कारखाना सारा पूजी ले बैठेगा। ले भागना = लेकर भाग जाना। ले मरना अपने साथ नष्ट या वरवाद करना। लपचू-सञ्ज्ञा पुं० [अ० ? ] एक किस्म की उत्तम कोटि को चाय । ले रखना = लेकर रख छोडना। कान मे लेना = सुनना । लेपन -सरा पुं० [सं०] [वि॰ लेपिता, लेप्य, लिप्त ] १ गाढी गीली उ.- करें घरी दस ता मैं कोऊ जो खवरि देत लेत नहिं वस्तु की तह चढाना । लेई सी गीली चीज पोतना या छोपना। कान और मरवावही ।—प्रियादास (शब्द॰) । २ तुरुष्क नामक एक गवद्रव्य (को॰) । ३ लेपनीय वस्तु, शब्द का प्रयोग किसी को सबोधन करके इन अर्थो का बोध उबटन, अगराग, आदि (फो०)। ४ माम (को॰) । कराने के लिये किया जाता है-(१) अच्छा, जो तू चाहता लेपना - क्रि० स० [सं० लेपन ] गाढी गोली वस्तु को तह चढाना । है, वही होता है। जैसे - ले, मैं चला जाता हूँ, जो चाहे सो कीचड या लेई सी गाढी चीज फैलाकर पीतना। छोपना। कर । (२) अच्छा, जो तू किसी तरह नही मानता है तो मैं लेपभागी-सशा पुं० [सं० लेपभागिन् ] पिता की भोर चौथो, पांचवी यहाँ तक करता हूँ। जैसे,-ले, तेरे हाथ जोड़ हूँ, क्यो न और छठी पीढी के पूर्वज (को०] । गावेगी ?-हरिश्चद्र (शब्द०)। ३ किसी के प्रतिफूल फोई लेपभुज-सञ्ज्ञा पुं० सं०] दे० 'लेपभागी' (को०] । बात हो जाने पर उसे चिढाने या लज्जित करने के लिये प्रयुक्त । लेपालक-सञ्ज्ञा पु० [हिं० लेना+पानना ] गोद लिया हुआ पुत्र । देख । कैसा फल मिला। जैस,—(क) ले । और बढ़ बढकर दत्तक पुत्र पालट। वातें कर । (ख) ले । कैसी मिठाई मिली। लेपी -वि० [सं० ले पेन् ] लेप करनेवाला । विशेष-इस क्रिया का प्रयोग सयो० क्रिया के रूप मे सकर्मक और लेपी-सज्ञा पुं० १ लेखक । लिपिकार । २ राजगीर । थवई (को॰) । अकर्मक दोनो क्रियानो के धातुरूप के आगे कही तो (क) केवल पूर्ति सूचित करने के लिये होता है, जैसे-इस बीच में न लेप्य -वि० [सं०] १ लेपन करने योग्य । लेपनीय । ढालने लायक । अपना काम कर लिया । और (ख) कही स्वय वक्ता द्वारा किसी सांचे के द्वारा ढालने के योग्य (को॰) । क्रिया का किया जाना सूचित करने के लिये । जैसे,—तुम यौ०-लेप्यकार: लेप्यत् = दे० 'लेपक', 'लेपकर' । लेप्यनारी। रहने दो, मैं अपना काम आप कर लूंगा। लेप्पमयी। लेप्यस्त्री = दे० 'लेप्यनारी। लेप्यनारी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [ लेनिहार-वि० [हिं० लेना+हार ] लेनेवाला । लेनदार। लहने- ] १. वह स्त्री जिसपर चदन आदि का दार । उ०-जनु लेनिहार न लेहि जिउ हरहिं तरासहिं ताहि । लेप लगा हो । पत्थर या मिट्टी को वनी स्त्री की मूर्ति । एतने बोल पाय मुख कर कर तराहि तराहि ।- जायसी लेप्यमयो-सा स्री० [स०] मिट्टी, पत्थर या काठ को बनी ( शब्द०)। पुतली (को॰) । लेप-सज्ञा पुं० [सं० ] १ गीली या पानी प्रादि के साथ मिली हुई लेफ्टिनेंट-सचा पुं० [अ० लेफ्टिनेन्ट] १ वह सहायक कर्मचारी जिसे वस्तु जिसकी तह ।कसी वस्तु के ऊपर फैलाकर चढाई जाय । यह अधिकार हो कि अपने से उच्च कमचारी के आज्ञानुसार पोतन, छोपने या चुपडने की चीज । लेई के समान गाढी या उसकी आज्ञा के अभाव मे यथाभिमत काई काम कर सके। गीली वस्तु । मरहम । जैस, जहाँ चाट लगो है, वहां यह जैसे, लेफ्टिनेंट कर्नल, लेफ्टिनेंट गवर्नर, लेफ्टिनेंट जनरल लेप चढ़ा देना। इत्यादि । २ सेना का वह अध्यक्ष जो कप्तान के मातहत क्रि० प्र०-चढ़ाना ।—रखना ।—लगाना । होता है और कप्तान को अनुपस्थिति मे सेना पर पूर्ण अधि- कार रखता है। २ गाढी गीली वस्तु की तह जो किसी वस्तु के ऊपर फैलाई जाय । लेफ्टिनेंट कर्नल-सा पुं० [अ०] सेना का एक अफसर जिसका दर्जा ३ उबटन । बटना। ४. लगाव । सवध । ५ धब्बा । दाग कर्नल के बाद ही है। (को०)। किसा वस्तु मे मिट्टी लगाना। मृत्तिकालेपन (को०)। ७ नैतिक पतन या दोष । पाप । ६ खाद्यपदार्थ । लेफ्टिनेंट जनरल-सच्चा पुं० [अ० ] सेना का एक अफसर जिसका १० श्राद्ध के समय पिडदान के अनतर हाथो मे लगा हुआ दर्जा जेनरल के बाद ही है। सहायक सैन्याध्यक्ष । ) पिंड का अन्न जिसे वेदी पर विछे हुए कुशमूल मे लगाते है। लेवर-सञ्ज्ञा पुं० [ अ.] १ श्रम । मेहनत (विशेषत शारीरिक)। यह अन्न चौथी, पांचवी और छठी पीढ़ी के लेखभागी पितर २ श्रमिक वर्ग [को०)। प्राप्त फरते हैं। यौ०-लेबरपार्टी = वह सगठन या दल जो पमिको का प्रति-