पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 8.djvu/८६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

महानायक ३८४५ महापातक 40 द्व दहु नाभ सुनाभा ।-रघुनाथ (शब्द०)। २ एक दानव का महानेमि-सञ्ज्ञा पु० [स०] कौया । नाम । ३ पुराणानुमार हिरण्यकशिपु के एक पुत्र का नाम । महापक-सज्ञा पुं॰ [ सं० महापड क ] महापाप । ( बौद्ध )। महानायक-सज्ञा पु० [ ] मोतियो की माला के बीच मे का बहा महापक्ति-सज्ञा स्त्री॰ [स० महापहि क्त ] एक प्रकार का छद (को०] । रत्न । २ सर्वोच्च या प्रधान नेता [को०] । महापचमूल-सज्ञा पुं॰ [स० महापञ्चमूल ] बेल, अरनी, सोनापाढा, महानारायण-मज्ञा पु० [ स० ] विष्णु । काश्मरी और पाटला इन पाँचो वृक्षो की जडो का ममूह मदानास-सज्ञा पुं॰ [स० महादेव। जिसका व्यवहार वैद्यक मे होता है। महानिव-सज्ञा स्त्री॰ [ म० महानिम्व ] बकायन । महापचविप-सज्ञा पुं० [मं० महापञ्चविष] शृगी, कालकूट महानिद्रा-सज्ञा पुं० [स० ] मृत्यु । मरण । मौत। मुस्तक, बछनाग और शखको इन पाँचो विपो का समूह । महानिधान-सज्ञा पुं॰ [ स०] बुभुक्षित धातुभेदी पारा जिसे 'बावन महापचागुल संज्ञा पुं॰ [ स० महापञ्चाङ्गुल ] लाल अडी का वृक्ष । तोला पाव रत्ती' भी कहते हैं। उ०—महाराज का कल्याण महापक्ष'-सज्ञा पुं० [स०] १. गरुड। २. उल्लू । ३. एक प्रकार हो, आपकी कृपा से महानिधान सिद्ध हुआ। आपको वधाई का राजहस । है।-हरिश्चद्र (शब्द०)। महापक्ष-वि० १ वडे पखोवाला । २. बडे दल, समूह या परिवार- महानियम-सज्ञा पुं॰ [सं० ] विष्णु । वाला [को०] । महानियुत-सज्ञा पुं० [ स० ] बौद्धो के अनुसार एक बहुत बडी महापक्षी-सज्ञा पुं॰ [ स. महापसिन् ] उलूक । उल्लू (को०] । सख्या का नाम। महापगा-सज्ञा स्त्री० [सं०] १. एक प्राचीन नदी का नाम । २. महानिरय-सञ्ज्ञा पुं॰ [ म० ] एक नरक का नाम । बडी नदी । महानदी। महानिर्वाण J-सञ्ज्ञा पुं० [ म० ] परिनिर्वाण जिसके अधिकारी केवल महापट-सज्ञा पु० [स०] त्वक् । त्वचा (को॰) । अर्हत् या बुद्धगण माने जाते हैं। उ०-महानिर्वाण वह, नही रहते नब कर्म, करण या कारण कुछ ।-अनामिका, महापथ-सज्ञा पु० [सं०] १ बहुत लबा और चौडा रास्ता। पृ० १०१। राजपथ। २. याज्ञवल्क्य स्मृति के अनुसार २१ नरों में से १६ वां नरक । ३. परलोक का मार्ग । मृत्यु । मौत । ४ महानिशा-सज्ञा स्त्री० [स०] १. रात्रि का मध्यभाग। रात्रि का सुषुम्ना नाडी। ५. हिमालय के एक तीर्थ का नाम । ६ वह दूसरा और तीसरा प्रहर। आधी रात । २. कल्पात या प्रलय मार्ग जिससे पाहव स्वर्ग गए थे (को०) । ७ भित्र । को रात्रि । ३ दुर्गा (को०)। महापथगमन-सञ्ज्ञा पु० [ मरण । देहात । महानिशीय-सज्ञा पुं० [ ] जैनियो के एक सप्रदाय का नाम । महापथिक-सञ्चा पु० [ म० ] वह जो मरने के उद्देश्य से हिमालय महानीच-सञ्ज्ञा पुं० [ ] वोबी। पर्वत पर जाय। महानीवू-मश पुं० [ स० महा + नीबू ] विजौरा नीबू । महाप-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० ] १. नौ निधियों में से एक निधि । २ पाठ महानीम-सज्ञा स्त्री० [स० महानिम्ब ] १. बकायन । २. तुन का दिग्गजो मे से एक दिग्गज जो दक्षिण दिशा में स्थित है। ३. हाथी की एक जाति। ४ फनवाली जाति के भतर्गत एक महानील'-सा पु० [ स०] १ भृगराज पक्षी । २. एक प्रकार का प्रकार का साँप। ५ एक प्रकार का दैत्य । ६ सफेद कमल । नीलम जो सिंहल द्वीप मे होता है। ३. एक प्रकार का गुग्गुल । ७ महाभारत काल के एक नगर का नाम जा गगा के किनारे ४. एक पर्वत का नाम जो मेरु पर्वत के पास माना जाता है। पर था। ८६सो पद्म को मख्या। ६. कुवेर के अनुचर एक ५ एक प्रकार का माप । एक नाग का नाम । किन्नर का नाम । १० नारद का एक नाम (को०)। ११ जनो महानील-वि० जो अत्यधिक नीला हो (को०] । के अनुसार महाहिमवान् पर्वत पर के जलाशय का नाम । महानीली-सरा स्त्री० [म.] नीली अपराजिता । १२ नद नरेश का नाम (को०)। महानुभाव-सज्ञा पु० [स०] कोई बडा और आदरणीय व्यक्ति। महापद्य-सज्ञा पुं० [सं० ] महाकाव्य । महापुरुष । महाशय। महापनस-सञ्ज्ञा पुं॰ [ स० ] सुश्रुत के अनुसार एक प्रकार का साँप । महानुभावता-सज्ञा स्त्री० [सं० महानुभाव+ता (प्रत्य॰)] महानुभाव महापर्ण-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं० ] एक प्रकार का शाल वृक्ष । होने का भाव । वडप्पन । जैसे,—यह आपको महानुभावता है महापविमत्र-सज्ञा पुं॰ [ स० ] विष्णु । कि आपने अपनी गलती मान ली। महापातक-सञ्ज्ञा पुं॰ [ सं०] मनु के अनुसार पांच बहुत बडे पाप महानृत्य-सज्ञा पु० [सं०] शिव । जो ये हैं---ब्रह्महत्या, मद्यपान, चोरी, गुरु की पत्नी के साथ महानेत्र-सज्ञा पु० [सं०] शिव । त्रिनेत्र । व्यभिचार और ये सब पाप करनेवालों का साथ करना । 90 so म० पेड।