पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/१२२

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उलट पलट उलटानी क्रि० प्र०--करना ।—होना । उलट पलट-वि० १ परिवर्तित । वदला हुमा । ३ इधर का उधर | किया ग्रा । अड वइ । अव्यवस्यितु । गडवड । अस्त व्यस्त । क्रि० प्र०-परना |-जाना ।—देना ।—होना । उलट पुलट-या पुं० [हिं० वि०] दे॰ 'उन्नट पलट' ।। उलट फेर--स पुं० [हिं० उलटना + फेर] परिवर्तन । अदल बदल । हेर फेर । जैसे,- (क) मय का उलट फेर । (ख) इन दो तीन महीनों के बीच न जाने कितने उलट फेर हो गए। उलटवांसी- सग नी० [हिं० उलटा+मुं० वाशी या वासी = बोली] सीधे न कहकर घुमा फिराकर या उलटेकर कही हुई वात या व्यवना । जैसे,—फील दादी बनदु पखावज कौमा ताल बजावै । पहिरि चौलना गदहा नाच भैसा मगति करावे । कबीर ग्रे २, पृ० ३०७ ।। उलटा'–वि० [हिं० उलटना] [स्त्री॰ उलटी १ जो ठीक स्थिति में न हो । जिसके ऊपर का भाग नीचे और नीचे का भाग ऊपर हो । ऋचा । जैसे—उलटा घड़ा । (ख) वैताल पेड़ से उलटा जा लुटा । मुहा०-उलटा तवा = अत्यत कान। काला कलूटा । जैसे,—उसका मुहू उलटा ताबा हैं। उलटा लटकना = किसी वस्तु के लिये प्राण देने पर उतारू होगा । जैसे,तुम उलटे लटक जाओ तो भी तुम्हे वह पुस्तक न देंगे। उलटी टाँगे गले पड़ना = (१) अपनी चाल से आप वराव होना । अापत्ति मोल लेना। लेने के देने पड़ना । (२) अपनी बात से आप ही कायल होना । उलटी सांस चलना= साँस का जल्दी जल्दी बाहर निकलना । दम उखड ना। मॉस का पेट में समाना। मरने का लक्षण दिखाई देना । उलटी सांस लेना = जल्दी जल्दी साँस खींचना। मरने के निकट होना । उलटे मूह गिरना = दूसरे की हानि करने के प्रयत्न में स्वयं हानि उठाना । दूसरे को नीचा दिखाने के बदले स्वय नीचा देना। २ जो ठिकाने से न हो । जिसके आगे का माग पीछे अथवा दाहिनी ग्रोर का भाग बाई मोर हो । इधर का उच्चर। क्रम विरुद्ध । जैम,—उन्नटी टोपी । उलटा जूता। उलटा मार्ग । उलटा हा ग । उलटा परदा (अँगरसे का) । उ०—उलटा नाम जपत जग जाना। वालमीकि भए ब्रह्म समाना । तुनी (शब्द॰) । महा०-उलटा पडा बाँधना=ौर का गौर करना। मामले को फे, देना । ऐसी युक्ति रचना कि विरुद्ध चाल चलनेवाले की चाल का बुरा फ7 घूमकर उसी पर पड़े । उलटा फिरना या तौटना= तुरत लौट पडना । विना छड 'भर ठहरे पलटना । च नवे चलते धूम पटना । जैसे,- तुम्हें घर पर न पाकर वह उनटा फिरा, दम मारने के लिये भी न यहा। उलटा हथि= या हाच उलटो गना सहना = अनहोनी बात होना । उलटी गगी चहानी जो कभी नहीं बुझी ही, उनको करना । विरुद्ध रोति चलाना । उल्टो माला फेरना = मारण या उच्चाटन के निये जप करना ! बुरा मानना । अहित चाहना । उलटे काटे तीननी = कम उनना 17 मारना। उलटे झुरे से मडना = उन्ना बनाएर काम निशानन ! बेवकूफ बनाकर लूटना । हँसना । उलटे पांव फिरना= तुरत लौट पडना। विना क्षण भर ठहरे पलटना। चलते चलते घूम पड़ना । उलटे हथि को दाँव = बाएँ हाथ का खेल । बहुत ही सहज काम । ३ कालक्रम मे जो आगे का पीछे और पीछे का अागे हो । जो समय से आगे पीछे हो । जैसे, उसका नहाना खाना सर्व उलटा । ४ अत्यत असमान । एक ही कोटि में सबसे अधिक भिन्न । विरुद्ध विपरीत । खिलाफ । वरअक्स। जैसे -- हमने तुमसे जो कहा थी उसका तुमने उल्टा किया । ५ उचित के विरुद्ध । जो ठीक हो उससे अत्यत भिन्न । अडवई । अयुक्त। और का और बेठीक । जैसे,--उलटा जमाना । उलटी समझ। उलटी रीति । उ०—सहित विपाद परस्पर कहीं, विधि करतव सव उलटे अहही ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा०—उलटी जमनि= वह समय जवे भली वात बुरी समझ जाय और कोई नियत अवस्या न हो । अधेर का समय ।' उलटी सीघा = विना क्रम का। अंडव छ । वैसिर पैर का । विना ठीक ठिकाने का । अव्यवस्थित । ६ला बुरा । जैसे,—(क) उन्होने जो उलटा सीधा बतलाया वही तुम जानते हो ।(ख) हमसे जैसा उलटा सीधा बनेगा, हम कर लेंगे। उलटी खोपडी का= आधी समझ का । जड । मूर्ख । उलटी पट्टी पढ़ना= टेढी सीधी समझाना । और की और सुझान।। भ्रम में डालना। वहकाना । उलटी सुनना = जैसा न हो वैसा सुनना। विपरीत सुनना। उ०- अपने जो बात सुनी है उलटी हो सुनी है !-संर० पृ० १६ । उलटी सीधी सुनना = भला बुरा सुनना । गाली खाना। जैसे-तम विना दस पाँच उलटी सीधी सुने न मागे । उलटी सीधी सुनाना= खरी खोटी सुनाना। भला बुरा कहना । फटकारना । उलटा--क्रि० वि० १ विरुद्ध क्रम से । और तौर से । वेठिकाने । ठाक रीति से नहीं । अडबड । २ जैसा होना चाहिए उससे और ही प्रकार से । विपरीत व्यवस्या के अनुसार । विरुद्ध न्याय से । जैसे,—(क) उलटा चोर कोतवाल को डाटै । (ख) तुम्ही ने काम बिगाड़ा, उलटा मुझे दोष देते हो । उलटा-संज्ञा पुं० १ एक पकवान । पपरा । पोपर।। विशेप-यह चने या मटर के बेसन से बनाया जाता है। वैसन को पानी में पतला धोलते हैं, फिर उसमें नमक, हलदी, जीरा आदि मिलाते हैं । जव तवा गरम हो जाता है तब उसपर घी या तेल डालकर घोले हुए वेसन को पतला फैला देते हैं । हैं । जब यह सुखकर रोटी की तरह हो जाता है तब उलटकर उतार लेते हैं। २ एक पकवाने । गोझा । विशेप--यह ग्रा? और उरद की पीठी से बनती है। माटे का चकवा बनाते हैं फिर उसमें पीठी भरकर दोमड़ देते हैं। इससे पानी की भाप से पकाते हैं । ३. विपरीत। । उलटाना(५f-क्रि० स० [हिं० उलटन] १ पलटना । लौटाना । पीछे फेरना। उ०—विहारीलाल, अवहू, आई छाकि । 'भई अवार गाई वहुवहु उलटावहु दे कि । सूर (शब्द॰) । (ख) जो शोक सों भइ मातुगने की दिशा सो उलटा इहैं ।-हरिश्चंद्र (शब्द०)। २. अौर का गौर करना या कहना । अन्यथा करना या कहना । उ ०---हुरि चे हित