पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/१५४

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एक एककु इल एक के दस सुनाना = एक कडी वात के बदले दस कही बातें सुनाना । एक जानः= खूब मिला जुला । जो मिलकर एक रूप हो गया हो। (अपनी और किसी को) एक जान करना= (१) किसी की अपनी सी दशा करना । (२) मारना और मर जाना । जैसे-- 'अब फिर तुम ऐसा करोगे तो मैं अपनी और तुम्हारी जान एक कर दूंगा'। एक जान दो कालिये= एक प्राण दो शरीर । अत्यत घनिष्ठ । गहरी दोस्ती । जैसे-- ‘इन दोनो साहिवों में एक जान दो कालिद का मुग्रामला है।' --प्रेमघन॰, भा० २, पृ० ६२ । एक टाँग फिरना= बरावर घूमा करना । वैठकर दम भी न लेना। एक टक =(१) विना अाँख की पलक मारे हुए। अनिमेष । स्थिर दृष्टि से । नजर गडाकर। उ०—(क) भरतहि चितवत एकटक ठाढ़ा -- मानस, २५१६५। (ख) उदित विमल जन हृदय नेम एकटक रही निहारि ।—मानस, २५३०२ । एक टक असा लगाना लगातार बहुत दिन से अासरी वैध रहना। उ०—जन्म ते एकटक लागि असा रही विपय विप खात नहि तृप्ति मानी। सूर०, १११०। एक ताक समान । वरावर। भेदरहित । सुल्य । उ०.--सखन सग हरि जेवत छाक । प्रेम सहित मैया दं पठ्यौ सबै वनाए है एक ताके ।—सूर (शब्द॰) । एक तार= वि० (१) एक ही नाप का। एक ही रूप रग का । समान । वरावर । (२) (क्रि० वि०) समभाव से । बराबर। लगातार । उ०—का जान कब होयगा हरि सुमिरन एक तार । का जानौ कव छडिहै यह मन विषय विकार ।-- दादू (शब्द॰) । एक तो = पहले तो। पहिली बात तो यह कि । जैसे—(क) 'एक तो वह यो ही उजड्ड है दूसरे अाज उसने भाँग पी ली है'। (ख) 'एक तो वहाँ भले आदमियो का सग नहीं दूसरे खाने पीने की भी तकलीफ' । एक दम = (१) विना रुके। एक ऋम से । लगातार। जैसे—(क) 'यह सडक एकदम चुनार चली गई है' । (ख) 'एक दम घर ही चले जाना बीच में रुकना मत ।' (२) फौरन । उसी समय । जैसे--‘इतना सुनते ही वह एकदम भागा । (३) एक बारगी। एक साथ । जैसे--‘एकदम इतना बोझ मत लादो कि वैल चले हो न सके। उ०--‘साधारण लोग कहेंगे, कहाँ का दरिद्र एकदम से आ गया जो घर की चीजें बेच डालते हैं ।'---प्रताप० ग्र०, पृ० । (४) विल्कुल । नितात । जैसे-'हमने वहीं का आना जाना एकदम बंद कर दिया। (५) जहाज मे यह वाक्य बहकर उस समय चिल्लाते हैं जव बहुत से जहाजियों को एक साथ किसी काम में लगाना होना है। एक दिल = (१) खुव मिला जुला । जो मिलकर एक रूप ही गया हो । जैसे,—'सेव देवाग्री को खरल में घोटकर दिल कर डालो। (२) एक ही विचार की। अभिन्नहृदय । एक दीवार रुपया= हजार रुपए । (दलाल) । एक दूसरे, को, पर, मै, से=परस्पर। जैसे—(क) 'वे एक दूसरे का वडा उपकार मानते हैं । (ख) 'वहाँ कोई एक दूसरे से बात नही कर सकता' । (ग) मित्र एक दूसरे में भेद नहीं मानते' । (५) ‘वे एक दूसरे पर हाथ रखे जाते थे। एक न चलना या एक एक नहीं चल पाना= कोई 'युक्ति सफल न होना । एक न माननी = विरोध में कोई बात न सुनना । एक पोस= पास पास । एक ही जगह । परस्पर निकट । उ०—(क) रची सार दोनो एक पासा । होय जुग जुग प्रावहिं कैलासा।—जायसी (शब्द०) । (ख) जलचर वृद जाल अतरगत सिमिटि होत एक पासा ---तुजसी (शब्द॰) । एक पेट के = सहोदर । एक ही माँ से उत्पन्न (माई) । एक व एक = अकस्मात । अचानक । एपवारगी। एक बात =(१) दृढ़ प्रतिज्ञा । जैसे--मर्द की एक वात' । (२) ठीक वात । सुच्ची वति । जैसे-एक बात कहो । मोलचाल मत करो।' एकमएका होना = एक दिन होना। तुव भिनाजुले जाना। उ०--एकम एका होन दे पिनसन दै कैनास । धरत अवर जान दे मा में मेरे दासे |--कवीर ना०, सं०, मी १, पृ० २१ ! एक मामलो = कई प्रदमियों में परस्पर इतना हेलमेल कि किसी एक का किया हुम्रा दूसरों को स्वार हो । जैसे-'हमारी उनका तो एक मामला है । एक मुंह से कहना, बोलनी आदि = एक मत होकर कहना । एक स्वर से कहना। जैसे-- सब लोग एक मूह से यही वो कहते हैं। एक मुह होकर फहना वोलना इत्यादि एक मत्र होकर कहना 1 एक मुश्त या एक मुटठ = एक साथ । एक बारगी । इकट्ठा (रुपये पैसे क संबध में) । जैसे—-जो कुछ देना हो एक मुश्त दोजिए. थोडा थोड़ा करय नहीं।' एकमेक होना =एकाकार होना । परस्पर मिलाकर एक समान होना । एक तख्त = एकदम । एकबारगी । एक समझना-भेद न मानना । अभिन्न समझना । उ०-- ‘वादले गौर असमान को यह लोग एक समझते हैं । सर०, भा० १, पृ० १२ । एक सा= समान । बरावर। एक से एक, एक ते एक= एक से एक बढ़कर । जसे, ‘वहाँ एक से एक महाजन पड़े हैं।' उ०--एक ते एक महा रनधीरा --मानस (शब्द०)। एक से इक्कोस होना= वढ़ना । उन्नति करना । फल ना फूलन । एक स्वर से कहना या बोलना =एकमत होकर कहना । जैसे-'सब लीग स्वर से इसका विरोध कर रहे हैं ।' एक होना। (१) मिलना जुलना । मैल करना । जैसे-'ये लड़के अभी लडते हैं, फिर एक होगे ।' (२) तद्रूप होना । एकइस+ -वि० [स० एकविंशति ] इक्कीस' । उ०—-एकइसे वह महल के भीतर 1--घरम०, भा० १, पृ० ६६ ।। एकक-वि० [सं०]१ अकेला । विना किसी व्यक्ति के साथ । २ वही । एककपाल-सज्ञा पुं० [सं०] वह पुरोड़ाश जो यज्ञ में एक कपाल में | पकाया जाय । एककलम –क्रि० वि० [फा यक + प्र० फलन] एफ धार हो । | पुर्णरूपेण । पूरी तरह से ।। एककालिक- वि० [सं०] एक ही समय में होनेवाला । एके कान का । एक समय का [को॰] । एककालीन-~-वि० [सं०] दे॰ 'एककालिक' (को०] ।। एककु डल--सा'पुं० [सं० एककुण्डल] १ बलराम । २ कुवेर । ३ शेषनाग [को॰) ।