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एकजोक्यूटिव कमेटी
एकतारा
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राजकर्मचारी जिसका काम प्रवध करना हो। नियमों का पालन राजा परोपकारी तथा प्रजाहितैषी होते थे ।-५० म० करनेवाला कर्मचारी । अामिल । अधिशासी अधिकारी। मा०, पृ० १०१ । एकजीक्यूटिव कमेटी-सूझा जी० [अ० एग्जीक्यूटिव कमिटी! प्रबंध यौ ०–एक्तय शासन प्रणाली = वह शासन पद्धति जिसमें केवल कारिणी समिति । प्रबंध समिति ।। राजा की इच्छा पर शासन चलता हो । एकजीक्यूटिव काउ सिल - सच्चा स्त्री० [अ० एकजीवयूटिव काउंसिल] एकत ---क्रि० वि० [सं० एकत] एक ग्रोर से । कायकारिणी सभा । वह स मा जो निश्चित नियमों के पालन एकत--क्रि० नि० [सं० एकत्र, प्रा० एकत्त] एकत्र । एक जगह । का प्रबंध करती है । अधिशासी समिति । इकट्ठा। उ०---(क) नहि हरि ला हियर व नहि हर एकजीव-वि० [सं०] १ एकरूप । अभिन्न । समान [को॰] । लौं अरधग । एरुत ही करि राखियं अग अग प्रति अग । एकटगा-दि० [हिं० एक+ग] एक दोगवाला । लँगडा ।। बिहारी र०, दो० ४६४ (छ) कहलाने एकत वसत अहि एकट' (G)--वि० [सं० एकम्थ, एकल ३० एल' । उ०—-ए रुट चीता मयूर, मूग वाघ । जगतु तपोवन सी कियो दोरघाघ निदाध। रद्दीले नीता र छुटीले सव ग्रामा !--दक्खिनी॰, पृ० १६। -विहारी र०, दो० ४८६ । एकट-सज्ञा पुं० [अ० एक्ट] नियम । कानून । ग्राईन । एकतन--क्रि० वि० [हिं० एक+तन = र, तरफ दे० 'इकतन'। एकटको सद्या स्त्री० [हिं० एकटक] स्तब्ध दृष्टि 1 टकटकी । उ० - इकन नर एतन भई नारी। खेल मच्यो व्रज के विव एकटग -वि० [हिं०] अनिमेप । एकटक । उ०—राम जी भारी ।—सूर०, २१३५१६ । रुचि साधु कौं, साधु जपं रुचि राम। दादू दोन्यू एकटग यहु । एकतरफा-वि० [फा०] १ एक ओर का । एक पक्ष को। २ आर म यहु काम ।-दादू०, पृ० ११६ । जिममै तरफदारी की गई हो। पक्षपातग्रस्त । ३ एकरुढी । एकटा--वि० [सं० एकस्थ, एकत या एक, मि० बैं० एकटा, एक पाश्वं का।। एकटि] एक । एक सा । एकत्र । उ०—गुरु धनि धन हूँ मुहा०—एकतरफा डिगरो= वह व्यवस्या जो प्रतिवादी का पाइए शिप्य सुरक्षण लेहि । उभय अभागी एकटे कहा लेय उत्तर विना सुने दी जाय । बह डिगरी जो मुद्दालेह के हाजिर कहा देहि ।—रज्जव॰, पृ० १४ ।। न होने के कारण मुद्दई को प्राप्त हो । एकतरफा फैसला एकट्ठा--वि० [स० एकस्य] [वि० जी० एकट्टी] दे० 'इकट्ठा' । एकतरफा डिंगरी । एकतरफा राय या विचार= एक ही पक्ष एकer--सच्चा पुं० [हिं० एक+काठ = एकक] एक प्रकार की नाव की बात सुनकर बनी हुई धारणा । जो एक लकरी की होती है ।। एकतरी -सी पुं० [सं० एकोपर, या एकान्तर एक दिन अतर देकर एकठापु–वि० [हिं०] [वि० सी० एकठी] दे॰ 'एकट्ठा' । उ०- आनेवाला ज्वर । अंतरा ।। | (क) गउसे व इठा एकठा, मालवणी नइ ढोल –ढोला० एकतल्ला--वि० [हिं०] ए के मजिलवला । जैसे, एकतल्ला मकान । दू०, ३४३। (२) सातौं घात मिलाइ एकठी तामै रग एकता'--सच्चा ली० [सं०] १ ऐक्य । मेल । २ समानता । बराबरी । निचोय |--सुदर० ग्र० मा० २, पृ० ८७८।। यौ॰—एकताचारी= अगिन्नता का व्यवहार या अचरण । एकठोG –वि० [हिं०] दे॰ 'एकट्ठा' । उ०—और वह वटोर यौ आत्मीयता । उ०—ता पाढे वा ब्रजवासिनी ते श्री गोवर्धनमाखन सब एकठो करि के घी तायो’ ---दो सौ बावन०, नाथ जी ते एरुताचारी मई ।--दो सौ व.वन०, भा॰ २, मा०, २, पृ० ४।। एकड-सज्ञा पुं० [अ० एकर] पृथ्वी की एक माप जो १३ वीघे या एकता--वि० [फा० यकता] अकेली । एका । अद्वितीय । बेजोड । ३२ विस्से के वर राबर होती है । अनुपम । जैसे- 'वह अपने हुनर में एकता है। उ०--'कोई एकडाल’--वि० [हिं० एक + डाल] १ एक मेल का । एक ही मुर्ग लड़ाने में एकता, कोई किस्सा खा ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० ८७ ।। | तरह का एक ही टुकड़े का बना हुअा।। एकताई--सज्ञा स्त्री० [सं० एकता+हि० ई (प्रत्य॰)] दे एकडाल-सबा पु० वह कटार या छुर। जिसका फल और वैट एक । 'एकता' ।। | ही लोहे का हो । एकतान-वि॰ [स] तन्मयं । लीन । एकाग्रचित । उ०—तुझमें एकडेमी–सझा जी० [अ० एकाडमी] १ शिक्षालय । विद्यालय । इस तरह ए कतान हुई उस वाला को देख मैंने अपना प्रयास स्कुल । २ वह सभा या समाज जो साहित्य, ललितकला, सफल समझा ।'--सरस्वती (शब्द॰) । शिल्पकला या विज्ञान की उन्नति के लिये स्थापित हुआ हो । एकतानता--संज्ञा स्त्री॰ [स० एकतान+ता (प्रत्य०)] तल्लीनता । विज्ञान समाज ।। तन्मयता। उ०--'वास्तव में विपय और विषयी की यह एकण ---वि० [सं० एकल 7] एक । एक ही । उ०—अकवर । एकतानता कोई दुर्लभ या निराली वस्तु नहीं है।' एकण वार दागल की सारी दुनी। पृथ्वीराज (शब्द०)। प्राचार्य, पृ० १४८ ।। एकतत्र-- वि० [सं० एकतन्त्र] जिम व्यवस्था में शासन सूत्र एक एकतारा--सा पुं० [हिं० एक+तार] एक तार का सितार या बाजा। दमी के हाथ में हो। उ०—- एकतत्र शासन होते हुए भी विशेष :-इनमे एक डडा होता है जिसके एक छोर पर चमड़े से