पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर (भाग 2).pdf/१६९

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६८३ एरोप्लेन करना । २ हुडी या चेक की पीठ पर हस्ताक्षर करके उसे एम्बुलेंस--संज्ञा पुं० [अ०] १ युद्ध क्षेत्र का अस्पताल जिसमें घायल हस्तांतरित करना । ३ सकारना । स्वीकार करना। की मरहम पट्टी अादि की जाती है। मैदानी अस्पतान । २. क्रि० प्र०—करना ।—करना । एक प्रकार की गाड़ी जिसमें घायल या बीमारी को श्रीराम एनमद-सा पु० [सं० एणमद] मृगमद । कस्तूरी । उ०--यौ से नेटाकर अस्पतान प्रादि में पहुंचाते हैं। होत है जाहिरे तो हिये स्याम, ज्यों स्वर्नसीसी नरयो एनमद एम्बुलेंसकार-संज्ञा पुं० [अ०] दे० 'एम्बुलेंस'-२। वाम --भिखारी ग्र०, भा० १ पृ० २०१! एग-सझा पु० [सं० एरङ्ग, एलइ] एक प्रकार का मत्स्य [को०] । एनस--सज्ञा पुं० [सं०] १ पाप । २. अपराध । एरंड - सज्ञा पुं० [सं० एरण्ड] । रेडी । उ०--तेल के लिये सिले एनामेल-संज्ञा पुं० [अ०] कुछ विशिष्ट क्रिया से प्रस्तुत किया हुआ भी और एड भी कम नहीं ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० १८॥ एक प्रकार का लेप जो चीनी मिट्टी या लोहे अादि के बरतनो। यी--एरडपत्रिका । एरंडफला । एरंडवीज । तथा धातु के और अनेक पदार्थों पर लगाया जाता है। एरइक-सच्चा ९० [स० एरण्डक] दे० 'एड' [को०] । विशेष -यह कई रगों का होता है और सूखने पर बहुत अधिक एरडखरबूजा--सा पुं० [स० एरण्ड + हिं० खरबूजा? पपीता । रे कदा तथा चमकीला हो जाता है। कभी कभी यह पारदर्शी खरबुजा । । भी बनाया जाता है ! एरंडपत्रिका--सच्चा स्त्री॰ [स० एरण्डपत्रिका] रेड की जाति का एक एनी संज्ञा पुं॰ [देश०] एक बहुत वडा पेड जो दक्षिण में पच्छिमी | वृक्ष । दतीवृक्ष कौ। । घाट पर होती है। एडफला--सच्चा स्त्री० [स० एरण्डफला] दे० 'एरडपत्रिका' (को०)। विशेप--इसकी लकडी मकानो मे लगती है तथा असवाव बनाने एरडवीज -- स्त्री० पू० [स० एरण्डवीज] रेडी । के काम में ग्राती है। इमके हीर की लकड़ी मजबूत और कुछ एरडसफेद-सा पु० [सं० एरण्ड+हि० सफेद मोगली । पीलापन लिए हुए भूरी होती है। एनी ही का दूसरा भेद हील | वाग वरेङ ।। है जिसकी लकडी बहुत चमकदार होती है तथा जिसके वीज एरडा--सच्ची जी० [एरण्डी] पिप्पी । र फ्ले कई तरह से खाए जाते हैं। एडी---सज्ञा स्त्री० [सं०] एक झाड़ी जो सुलेमाने पर्वत और एप्रिल--संज्ञा पुं० [अ०] दे० 'अप्रैल' ।। पश्चिम हिमालय के ऊपर ६०० फुट तक की ऊँचाई पर यो०-~-एप्रिल फूल ! होती है। इसकी छाल, पत्ती अौर लकडियां चमडा सिझाने एप्रवर-संज्ञा पुं० [अ०] किस फौजदारी के मामले का वह अभियुक्त । के काम में आती हैं। इसे तुगा, ग्रामी या दरेगड़ी भी जो अपना अपराध स्वीकार कर लेता है और अपने साथी यो साथियों के विरुद्ध गवाही देता है । वह अभियुक्त या एरफेर--सज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'हेरफेर' ।। अपराधः जो सरकारी गवाह हो जाता है। अपराधी साक्षी । एकि-संज्ञा पुं० [अ०][वि० एकी] १ फारसी सगीत के अनुसार मुजरिम इकरारी । इकवाली गवाह । सरकारी गवाह । वाहर मौकाम या स्थानों में से एक । २ अरव देह का एक विशेप-एप्रवर मामला हो जाने पर छोड़ दिया जाता है ।। प्रदेश जहाँ का घोड़ा अच्छा होता है। एफडेविट संज्ञा पुं० [अं०] १ शपथ । हलफ । २ हलफनामी 1 ए १ को '----वि० [फा०] एक देश का । एराक का । एवा--संज्ञा पुं० [अ० अवा) ६० "अवा' । उ०—-एवा और कदा एराफी- संज्ञा पृ० वह घोडा जिसकी नस्ल एक देश की हो । यह पहिनना छोडा --प्रेमघन, भा० १, पृ० २५८ । अच्छी जाति के घोडो में गिना जाता है। एम+- क्रि० वि० [गुज०] ऐसा । इस तरह । उ०—अहे सीस एफ- संज्ञा १० Tria पर ईसे करारत दीस । जुरते मरद्द मचे एम कद्द । जहाज का पैदा ।--(लश०)। पृ० रा०, २२९ । एमन-सज्ञा पुं० [स० यवन, फा० यमन] एक संपूर्ण जाति का राग एराव-सज्ञा पुं० [अ० एराफ] जहाज का पेंदा । एरिसा –क्रि० वि० [म० ईदृश, ईदृशी] दे० 'ईदश ।' उ०| ॐ कल्याण और केदार राग के मिलाने से बना है। ईवे पित मात्र एरिया अवयव विमल विचार करे वीवाह । विशेप-इसमे तीव्र भुपम स्वर लगता है और यह रात के पन्नूले -वेलि० दू०, ४० । । पहर में गाया जाता है। इसको लोग श्री राग का पुत्र मानते हैं । कोई इमे कौली के ठेके से बजाते हैं और कोई एरे-अव्य० [अनु॰] अरे । है (सुत्रो०)। उ०—एरे दगादार पताल के । मेरे पातक अपार तोहि गगा की कछार मे पठार छोर करिहौं । यौ०–एमन कल्याण । एमने चौताल । एमन धमार । एमने -पद्माकर ग्र०, पृ. २५५ । एरोड्रोम-सज्ञा पुं० [अ०] हवाई अड्डा । मिग्रेशन--म ज्ञा पु० [अ०] एक देश से या दूसरे देश या राज्य में एप्लिन-संज्ञा पुं० [अ०] एक प्रकार की उड़ने की मशीन । वाय वसने के लिये जाना। दंशातरराधिवास । उत्प्रवास | परदेशमन ! यान। हवाई जहाज। -२०