पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/३२०

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  • परीक्षा ली जा रही है' में 'ली' देखिए। उसी तरह निरनुनासिक है। लड़

कियाँ गई हैं लड़कियाँ गईं थीं में ‘गई’ निरनुनासिक है। उदाहरणों में सर्वत्र कर्तृत्व प्रधान है। यह विशेष भूतकाल तथा भविष्यत् काल में भी लग जाता है--- १--लड़कियाँ गाती हुई गई थीं २- लड़के खेलते हुए जाएँगे। क्या कारण कि वर्तमान काल का 'त' प्रत्यय भूत और भविष्यत् में चला गया ? सामञ्जस्य कैसे ? गई थीं' क्रिया भूतकाल की है और बाएँ गे' भविष्यत् काल की । लड़- कियाँ जो गई, गा रही थीं, जाते समय । लड़के जो जाएँ गे, खेलते रहे थे, जाते-जाते भी । यानी भूतकाल की क्रिया ‘गई थी' के साथ गाना-क्रिया वर्तमान । जब लड़कियाँ गइ, तो उन का माना जारी था । थी मून काल की क्रिया के साथ गाने की वर्तमानता बताने के लिए “गाती हुई’ ठीक है। इसी तरह जब लड़कों का जाना हो गा, तब खेलना जारी रहे गा, वर्तमान रहे गा । यही बतलाने के लिए वर्तमानकाल के ‘त' प्रत्यय का विशेषण है। त' में पुंचिभक्ति लग कर “ता' । स्त्रीलिङ्ग में 'ती' हो ही जाता है । परन्तु असल बात तो यह है कि यह 'त' प्रत्यय फाल-निरपेक्ष है। सर्वत्र अन्वित हो जाता है, वैसा ही बन जाता है । भावप्रधान तु' प्रत्यय ‘त' प्रत्यय ( काल-निरपेक्ष ) भावप्रधान भी होता है; यानी सदा पुल्लिङ्ग एकवचनी रहती है- १-लड़कियाँ पुस्तकें पढ़ते-पढ़ते हैरान हो गई २-चलते-चलते मैं थक गयो ३-कास करते-करते बुढ़िया थक गई

  • त' में पुंविभक्ति लगी है और वह ‘आ? ' हो गया है-मरते सरते

बुढ़िया मर गई; पर पैसा खर्च न किया ! चाहें, तो कर्तृ-प्रधान ‘मरती- मरती' भी कर सकते हैं- “मरती-मरती भी एक काम कर ही गई ।