पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/३६६

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( ३२१ ) सकर्मक क्रियाओं के प्रयोग कभी फर्म के साथ होते हैं, कभी कर्म को साथ लिए बिना भी । “लड़की अच्छी पढ़ती हैं लड़के अच्छा गाते हैं आदि में सकर्मक क्रियाओं के अकर्मक प्रयोग हैं। परन्तु, यदि कर्म सामने उपस्थित हो, तो ( अकारान्त } क्रिया-विशेषण कुछ दूसरे ढंग से आए गा । लड़के पुस्तकें अच्छा पढ़ते हैं या लड़की पुस्तकें अच्छा पढ़ती हैं' बोलने में अच्छा नहीं लगता । ‘पुस्तकें स्त्रीलिङ्ग-- बहुवचन के तुरन्त बाद “अच्छा पुल्लिङ्ग–एकवचन प्रयोग अटपटा लगता है। इस लिए यहाँ प्रयोग-विधि दूसरी है । | यदि क्रिया का फल----‘विशिष्ट क्रिया का फल --- कर्म पर पड़ता हो, तो। क्रिया-विशेषण कर्म के अनुसार ही रूप ग्रहण करे गा--लिङ्ग-वचन श्रादि कर्म के ही अनुसार चलें गे । 'राम टेढ़ा खम्भा गाड़ता हैं' में टेढा विशेष कर्म ( खम्भे } का है। खम्भा वह टेढ़ा है, जिसे राम गाड़ रहा है । परन्तु यदि खम्भा सीधा हो और उसे इधर-उधर झुका कर टेढ़ा-मेढ़ा राम गाड़ रहा हो, तो फिर यह (टेढ़ा) क्रिया-विशेषण हो गा-----राम खम्भा टेढ़ा गाड़ रही है। खम्भे कई हों, यानी कर्भ बहुवचन हो, तब क्या हो ग १ तन । क्रिया-विशेषण कर्म के अनुसार अपने लिङ्ग-वचन रखे गा-- ‘राम खम्भे टेढ़े गाड़ रहा है। | टेढ़े ‘गाड़ने' का रूप खम्भों पर स्पष्ट है। यानी खम्भे हैं तो सीधे; पर गाड़े गए हैं टेढ़े। ‘टेढे गाड़े गए हैं' में भी क्रिया-विशेषण कर्म के अनुसार ही है—जब कि कर्म ‘क’ की तरह दिखाई दे रहा है। इसे टेढ़े खम्भे गाड़ रही है' में टेढ़ा' कर्म का विशेषण है और राम खम्भे टेढे गाड़ रहा है' में टेढ़ा' ( कर्म के द्वारा ) क्रिया की विशेषता प्रकट कर रहा है । सबै खम्भे हैं; पर गाड़े जा रहे हैं टेढ़े । इसी तरह धोबी कपड़े अच्छे धोता है। यहाँ ‘अच्छे क्रिया-विशेषण है । ‘अच्छे कपड़े मैं स्वयं धोता हूँ’ और ‘रद्दी बुरे कपड़े मैं घोबी से धुनाता हूँ। में अच्छे और रद्दी-बुरे कर्म ( कपड़े ) के विशेषण हैं । कपड़े स्वरूपतः ‘अच्छे और बुरे' हैं । परन्तु ‘धोबी कपड़े