पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/३९१

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( ३४६ ) समय उसी छोटे से भूभाग के जन-प्रचलित शन्द इस की पूँजी थे। आगे इसे पूरे महान् प्रदेश ने साहित्यिक भाषा के रू में अहण कर लिया । उत्तर प्रदेश से फिर उसके चारो शोर बिहार, राजस्थान, विन्ध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश हिमाञ्चल आदि ने भी इसे अपनी साहित्यिक भाषा बना कर राष्ट्रभाषा होने का रास्ता साफ झर दियः । अाज तो युद्द असेतु-हिमाचल--- सम्पूर्ण राष्ट्रकी- साधारण भाषा है और केन्द्रीय सरकार की व्यवहार-भाषा भी है। ऐसी स्थिति में केवल उत्तर प्रदेश था जिंहार आदि की जान-बौलियों में ही प्रच- लिल शब्दों की भरमार यदि हिन्दी में की जाए, तो दूसरे प्रदेश के लोगों के लिए दुर्बोध हो जाए गी । हाँ, अपने ही प्रदेश के लिए, या प्रदेश के किसी अवान्तर भाग के लिए कोई कुछ लिखे, तो उस में स्थानीय चोलियों के शब्द मजे से दे सकता है--विशेषतः कविता-कहानी आदि में । परन्तु सार्वदेशिक चीज में तो सार्वदेशिक ही शब्द देने ठीक होंगे। हम इन प्रादेशिक या स्थानीय बोलियों के शब्दों को ही ‘ग्राम्य' शब्द से यहाँ ग्रह कर रहे हैं । जहाँ का जो शब्द प्रथमतः हिन्दी में गृहीत है, वह ग्राम्य नहीं रहा, उसे सम्पूर्ण राष्ट्र की ‘नागरिकता मिल गई। यही स्थिति पहले भी रही है। 'शिर' का तद्भव रूप ‘सिर' हिन्दी- साहित्य ने ग्रहण किया; परन्तु अपना--प्राकृत-अपभ्रंश की परम्परा से प्राप्त---.. ‘मूड़' शब्द नहीं लिया | यह इसी लिए कि संस्कृत शिर' का तद्भव होने के कारण ‘सिंर सर्वत्र लोग आसानी से समझने लगे और प्रदेश-विशेष में व्यवहृत ‘मूड' शब्द अन्यत्र दुर्बोध जान पड़ा। परन्तु मँवारूपन प्रकट करने के लिए---कविता आदि में----‘मूड़' शब्द' लाया गया...मूड मुड़ाय भए संन्यासी' ! निन्दात्मक ख है; इस लिए ग्राम्य शब्द फबती है । इस झी जगई ‘सिर मुड़वाय' न ठीक रहे गा } परन्तु अन्यत्र ‘सिर' ही चले गर । ब्रजभाषा तथा अवधी आदि के साहित्य में 'सीस’---‘सीस मुकट, कटि काछनी । मूड़ मुकट' न हो गा; यद्यपि इस में अनुप्रास भी चन अाता है । कबिंवर विहारी लाल के जनपद ( बुदेल खराद्ध-विन्ध्य प्रदेश ) में यद्यपि 'मूड़ शब्द ही प्रचलित है; तो भी साहित्य में उन्हों ने उसे नहीं दिया । ब्रज में सवेरे' को ‘धताएँ' कहते हैं, परन्तु ब्रजभाषा-साहित्य में यह शब्द् गृहीत नहीं, सर्वत्र प्रात' तथा 'सबेरे' आदि दिए गए हैं। अब में ‘बगदना' क्रिया प्रसिद्ध है, वापस लौटने के अर्थ में । परन्तु साहित्य में इसे भी नहीं लिया गया है।