पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/४७३

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( ४२८ ) ओर देखती है। राम पुस्तक पढ़े' इस श्रज्ञा या विधि से स्पष्ट है कि राम पढ़ नहीं रहा है, न पढ़े ही चुका है। आगे पढ़े गा; निर्देश पी कर । यही स्थिति आशीर्वाद, शाप आदि की है। सम्भाबना तो भविष्यत् की ही होती है । सी, विधि आदि के रूप में ही ग’ प्रत्यथ लगा कर भविष्यत् काल की क्रियाएँ बनाने में एक तत्व है । 'अन्न हो, वर्षा हो इस आशंसा में 'ग' प्रत्यय लगा देने से क्रिया में निश्चयात्मकता आ जाती है--‘अन्न हो ग’ ‘बप हो” । सब सुखी हों' आशीर्वाद । अभी सुखी नहीं है; कामना है । ‘सब सुखी होंगे' साधारण भविष्यत् काल । “सब सुखी रहें” कहने से स्पष्ट है कि सब सुखी हैं और इसी तरह आगे भी रहे । थो, यहाँ भी भविष्यत् है । हूँ वर्तमान काल की { उत्तम पुरुष, एक वचन ) क्रिया है। "हूँ गा’ भविष्यत् काल में लोग गलत लिखते हैं। विधि-प्रश्न आदि में “होऊँ प्रयोग होता है-सोऊँ' अदि की तरह । सो, भविष्यत् में प्रयोग हों गे–“सोऊँ गा' ‘होऊँ गा'। | इसी तरह पढ़े-पड़े गा, जाए-जाएगा, जाऊँ-जाऊँ गा, पढ़ो-पढ़ोगे आदि सब रूप निष्पन्न होते हैं। सारांश यह कि “हो’ को छोड़ शेष सभी धातुओं में 'इ' की उपस्थिति है । 'हो' के आगे से इ' लुप्त हो जाती हैं; अन्यत्र 'ए' हो जाती है.---'सोए-सोए गा’ ! अकारान्त धातुओं से 'गुण'. सन्धि-पढ़+इ = पढ़े। पढ़े-पढ़ेगा ! धोए-धोए गा। यानी यह “इ” प्रत्यय विधि आदि में अकेले रहता है, भविष्यत् में 'ग' के साथ ।। 'त' तथा 'य' आदि प्रत्यय प्रकृति से सटा कर लिखे जाते हैं—आता है-

  • अथा' श्रादि । परन्तु 'ग' प्रत्यय हटा कर भी लिखते हैं । हटा कर लिखने

की चाल शायद ‘था को देख कर पड़ी हो । जैसे ---था, थे, थी; उसी तरह

  • मा, गे, गी' | ‘या’ की नकल समझिए। ‘प्राण छटपटाएँगे में क्रिया की लम्बाई

देखिए ! इसी लिए ‘प्राण छटपटाएँ ये लोग लिखने लगे। बोलने में कोई अन्तर है ही नहीं। कोई-कोई प्रत्यय प्रकृति से हटा कर हिन्दी में लिखा भी जाता है । इसी तरह ‘n' पृथक् लिखा जाने लगा | इस पृथक् प्रयोग से ही यह कृल्पना की जा सकती है कि 'ग' भी 'थ' की ही तरह कोई स्वतंत्र क्रिया कभी हो ग, जो कि आज भविष्यतु में निश्चय प्रकट करने के लिए अन्य क्रियाओं का साथ देती है। परन्तु ‘था की तरह ‘गा' का स्वतंत्र प्रयोग तो होता नहीं । हब. कल्पना की गई कि स्वतंत्र प्रयोग नष्ट हो गया हौं गा ! क्या सम्भव है कि ई अझ हो मा के लिए 'अन्न गा' का चलन रहा हो ? कोई प्रयोग