पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/४८१

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मैं इस घर में रहता था तू कहाँ रहता था ? भूतकाल में क्रिया की वर्तमानती। ‘तु काशी में पढ़ता था’---अर्थ यह कि जिस समय की चर्चा है, तेरा पढ़ना काशी में जारी था। “हो गा' लगा देने से क्रिया में सन्दिग्धता प्रकट होती है... वह इस समय सोता हो गा सता पौधे सींचती हो गी । सुम्भावना है। निश्चय की ओर झुकाव होने पर भी क्रिया सन्दिग्ध ही है। इसे सन्दिग्ध वर्तमान’ कहना ठीक नहीं । काल’ सन्दिग्ध नहीं है। क्रिया सन्दिग्ध है। भी-कभी ‘है। के योग से भी वर्तमान काल में क्रिया की वर्तमानत न प्रकट हो कर सामान्य प्रवृत्ति मात्र प्रकट होती है; जैसे- १-शेर मांस खाता है। २---इमें लोग अन्न खाते हैं। ३-तोते मनुष्य की तरह बोलते हैं । यहाँ क्रिया का वर्तमान काल में होना प्रकट नहीं है। शेर का हार क्या है और मनुष्य का क्या, यह बात ऊपर के दोनो वाक्यों में बताई गई है। शेर मांस खाता है' का मतलब यह नहीं कि शेर मांस इस समय खा ही रहा है। इसी लिए क्रिया की वर्तमाता प्रकट करने के लिए रहा' सहा- यक क्रिया के योग से प्रयोग होते हैं- १-रोम रोटी खा रहा है। २ सीता कपड़े धो रही है। ३---तुम सो रहे हो। रहा' में भूतकाल झा 'य' प्रत्यय यहाँ नहीं है। उस का क्षेत्र पृथक् है- 'मैं बहुत दिन काशी रहा' । यहाँ खा रहा है। श्रादि में रहा' मित्र चीन है। यह वर्तमान की चीज हैं। भूतकाल के लिए ‘थ लगाना हो गा-