पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/५१९

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( ४७४ ) लड़को बुलाया जाएगा नौकर वहाँ भेजा जाएगा मुलजिम अदालत में पेश किया जाए गा ये सब कर्मकर्तृक क्रियाएँ हैं। कई कर्मकर्तृक क्रियाओं के भाववाच्य भी प्रयोग होते हैं- नौकरों को पहले भेजा जाए गा मुलजिमों को पहले पेश किया जाए या कर्मकर्तृक ( कर्तृवाच्य’ ) योंः- नौकर पहले भेज दिए जाएँ गे । मुलजिम पहले पेश किए जाएँगे । ६ ‘भेज दिए जाएँ गे' में ध्वनि है कि कोई भेजने वाला है। इसी तरह

  • पेश करनेवाला भी कोई है । पर, इस से क्या ? वह (कर्ता-‘भेजनेवाला'.
  • पेश करनेवाला') शब्दशः उपाच तो नहीं हैं न !

मैं ने नौकर पहले भेज दिए उन्हों ने चिट्ठी पहले भेज दी। ये साधारण क्रिया के कुर्मवाच्य प्रयोग हैं । कर्ता विद्यमान हैं; पर क्रियाएँ कर्म के अनुसार हैं । अकर्तृक क्रियाओं के ( यानी कर्मकर्तृक' रूप के } साथ कार्वा होता. ही नहीं । इसी लिए ‘अकर्तृक । कर्म के अनुसार क्रिया के रूप वाच्य में भी होते हैं, परन्तु ‘क’ कता के रूप में प्रयुक्त नहीं होती । कर्ता की उपस्थिति में कार्य को कौन कर्ता का खिताछ दे दे गई ! ‘राम ने रोटी खाई भाई से रोटी नहीं खाई जाती' में कर्मवाच्य क्रियाएँ हैं; पर कर्ता हूँ ‘राम' तथा 'भाई' । । 'कुर्म-कर्तृक' की तरह करणकर्तृक' क्रियाएँ भी होती है-जब कि कर्ता अनुपस्थित हौ । करण में विशेषता प्रकट करने के लिए ऐसे गौण प्रयोग होते है:--- १-फलस ने कमाल कर दिखाया २---शिवा जी की तलवार ने शत्रुओं के सिर उड़ा दिए