पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/५२४

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१–मैं साथ-साथ उदाहरण भी देता जाता हैं। २–सीता जी मार्ग में राम से कुछ पूछती जाती थीं ३-हम साय-साथ वेद भी पढ़ते जाते हैं। ‘चलना' भी इसी तरह- १-मैं साथ-साथ उदाहरण मी देता चलता हूँ २---हम साथ-साथ वेद भी पढ़ते चलते हैं । 'सीता पूछती चलती थीं न हो । यदि लक्ष्मण के मुहँ से यह बात कृहलाई जाए, संस्मरण-कथा के रूप में, तो जरूर ठीक हो जा--सीता मार्ग में राम से कुछ पूछती चलती थीं । चलना’ क्रिया में लक्ष्मण भी साथ हैं । भूत काल में- १---मैं साथ साथ उदाहरण भी देता गया हूँ। २---हम साथ-साथ वेद भी पढ़ते गए थे बाना' क्रिया गत्यर्थक हैं; इस लिए भूतकाल में ( सफर्मक होने पर भी ) फर्तृवाच्यु प्रयोग–“मैं देता गया हूँ और हम पढ़ते गए थे' । यदि जाना क्रिया अलग कर लें, तो फिर ये सकर्मक क्रियाएँ { भूतकाल में ) कर्मवाच्य हो जाएँ गी- १-मैं ने साथ-साथ उदाहरण भी दिए हैं। २-राम ने साथ-साथ वेद भी पढ़े हैं। दोनो तरह के प्रयोगों में अर्थ-भैद तो है ही। यदि क्रिया में कर्ता की स्वाभाविक प्रवृत्ति, रुचि या आदत प्रकट करनी हो, तो फिर- कर सहायक क्रिया काम में लाई जाती है। मुख्य धातु का रूप ऐसी स्थिति में भावात्मक रहता है । 'य'-प्रत्यय भाववाच्य मुख्य धातु में लगता है। अन्य सब कुछ सहायक क्रिया कर' से प्रकट होता है । “य' प्रत्यय भाववाच्य होने के कारण सभी तरह के ( कर्ता-कर्म ) कारकों में और सभी झीलों में समान रूप से श्रन्वित हो जाता हैं-