पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/५५१

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का लोप और किञ्चित् रूप-परिवर्तन। ‘मिदना' की प्रेरणा 'मिटाना' बनती है; इसी लिए साधारण स्थिति में ‘श्रा' को लोप। ‘मिटवाना' प्रेरणा की प्रेरणा है। ‘मिट' मूल धातु ही मानें, तो श्राप की मर्जी। परन्तु ‘मिट्टी' और ‘मिट' में साम्य कितना है! 'मिट्टी' संस्कृत ‘मृति' (का) से है।