पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/५७९

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का हिन्दी में ‘गौड़' हो गया है ! संस्कृत 'गुड' हिन्दी में गुड़ है । जिस् प्रदेश में 'गुड' ( गुड़ ) अधिक होता है, वह 'गौड' ( गौड़ ) । वहाँ के रहने वाले ब्राह्मण भी गौंड----‘गौड़। उत्तर प्रदेश के मेरठ डिवीजन, यानी ‘कुरुजनपद में गुड़ सब से अधिक होता है और गौड़ ब्राह्मण भी यहीं सब से ज्यादा आज भी हैं। एक सा गौड़ ब्राह्मण ही इस गुड़ वाले प्रदेश, यानी ‘गौड़ प्रदेश में हैं। ब्राह्मणों का और कोई भी भेद मूलतः यहाँ नहीं है। इस बात को भूल कर लोग गौड़ ब्राहाणों का निकास बंगाल से मानने लगे; क्योंकि बंगाल को किसी समय ‘गौड़ ( 'गौड' ) कहते थे। परन्तु बंगाल से इन गौड़ ब्राह्मणों का कोई दूर का भी संबन्ध नहीं, कोई मेल नहीं ! बंगाली ब्राह्मण मांसभ्ग्रेजी और गौड़ ब्राह्मण पूरे शाकाहारी । कोई रीतिरिवाज भी नहीं मिलता । बंगाली ब्राह्मण { चटर्जी, बनर्जी, भट्टाचार्य आदि ) अपने को कान्यकुब्ज का वंशज बतलाते हैं। फिर भी गौड़ ब्राह्मणों का संबन्ध लोग बंगाल से जोड़ते हैं ! कहते हैं, राजा लोगों ने यज्ञ के लिए बंगाल से इन्हें बुलाया था और फिर यहीं ये बस गए ! विद्या का केन्द्र काशी और विद्वान् ब्राह्मण बुलाए गए बंगाल से ! जिस देश में ‘त्रिवेणी के 'वेणी” शब्द को नदी का पर्याय समझ लिया गया और फिर यह कल्पना कर ली गई कि सरस्वती नदी भी प्रयाग में आकर गंगायमुना से मिलती थी, वहाँ गौड़ ब्राह्मणों का विकास बंगाल से और ब्रजभाषा का विकास तथोक ‘शौरसेन’ अपभ्रश से मानना कोई आश्चर्यजनक नहीं ।

परन्तु न गौड़ ब्राह्मण बंगाल के, न सरस्वती नदी ही कभी प्रयोग पहुँची, न ‘त्रिवेणी' के 'वेणी' शब्द का अर्थ ही नदी' और न ‘शौरसेन’ अपभ्रश से ब्रजभाषा का विकास । 'शौरसेन' नाम उस अपभ्रश का क्यों और बंगाल को ‘गौड़' नाम क्य; यह अलग सोचने की बात है । ब्रजभाषा और हिन्दी के कोश-ग्रन्थ जैसा कि पीछे कहा गया है, किसी समय ब्रजभाषा देश भर की सामान्य साहित्यिक भाषा थी, यानो साहित्यिक राष्ट्रभाषा | इससे पहले जो देश की साहित्यिक राष्ट्रभाषा थी, उसे साधारणतः ‘अपभ्रंश लोग कहते हैं। हम ते उसे तृतीय प्राकृत का श्राद्य रूप कहा है । परन्तु 'अपभ्रश या तृतीय प्राकृत का ‘म्य रूप भी तो प्रदेश-भेद से भिन्न-भिन्न होगा न ! यह हो नहीं सकता । कि इतने बड़े राष्ट्र में एक ही 'अपभ्रंश जन-व्यवहार में रहा हो । परन्तु • अपभ्रंश'-साहित्य देखने से जान पड़ता है कि मानो कोई खास भाषा-भेद