पृष्ठ:हिंदी शब्दानुशासन.pdf/५८५

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बैसवाड़ी, भोजपुरी, मगही, मैथिली अादि । दाहिने हाथ 'बुंदेलखंडी प्रायः प्रतीच्य-उदीच्यू-वर्ग में है और बघेलखंडी, छत्तीसगढ़ी आदि 'प्राध्य’ वर्ग में हैं। ‘ालची' आदि का कदाचित् कोई पृथक् वर्ग बनाना पड़े । वैसे ‘कृदन्त'तिङन्त' इन दो ही वर्गों में सब का समावेश संभव है। अपनी-अपनी विशेषता तो सब में रहे गी ही। बोली ही भिन्न ठहरी !

खैर, इसे यहाँ कनौजी, यानी पाञ्चाली के बारे में कुछ कह रहे हैं। यह “प्राच्य’ वर्ग में है; यहीं से हिन्दी की प्राच्यता प्रारम्भ होती है। उत्तर प्रदेश के फरुखाबाद जिले का पश्चिमी भाग ब्रज से प्रभावित है और पूर्वी भाग कनौजी प्रारम्भ करता है । कन्नौज इसी जिले के पूर्वी भाग में है। कन्नौज से पाञ्चाली' भाषा शुरू होती हैं और कानपुर, फतेपुर, बाँदा तथा प्रयाग ( इलाहाबाद ) के पश्चिमी क्षेत्र में यह बोली जाती है । पाञ्चाली से मिला हुआ 'बैसवाड़ी' बोली का क्षेत्र है--रायबरेली-उन्नाव के जिले ।। यानी पाञ्चाली और अवधी के बीच में बैसवाड़ी पड़ती है। आचार्य पं० महावीर प्रसाद द्विवेदी की मातृभाषा बैसवाड़ी थी और मेरी अपनी मातृभाषा ‘पाञ्चाली है। ‘पाञ्चाली' की अपेक्षा इस बोली का नाम ‘कन्नौजी अधिक प्रसिद्ध है; क्योंकि कन्नौज एक बहुत बड़े साम्राज्य की राजधानी के रूप में एक युग तक जगमगाता रहा है । पाञ्चाल--प्रदेश का ही पुराना नाम ‘कान्यकुब्ज भी है । यहाँ ‘गार्गी मैत्रेयी' जैसी विदुषियाँ हुई हैं, जो कन्या ही रह कर अध्ययन-अध्यापन में कुब्जाएँ (कुबड़ी ) हो गई थीं-बुड़ियाँ हो गई थीं ! “कन्याः एव कुब्जाः ( अध्ययनाध्यापनेन ) भवन्ति यत्र, असौ कान्यकुब्जः प्रदेशः-कन्या ही रह कर अध्ययन-अध्यापन में जहाँ नारियाँ कुबड़ी हो। जाती थीं, वह प्रदेश ‘कान्यकुब्ज़' । कान्यकुब्ज की राजधानी कन्नौजू' । प्रदेश तथा रोजवानी के नामाक्षर मिलते-जुलते हैं । कन्नौज से ही कन्नौजी' नाम; यद्यपि इस बोली का मध्यवर्ती भाग कानपुर है ।। | पश्चिमी पाञ्चाली उधर ब्रज को प्रभावित करती है और स्वयं भी प्रभावित होती है । इधर पूर्वी पाञ्चाली अवघी को प्रभावित करती है और स्वयं भी प्रभावित होती है। पाञ्चोली, बैसवाड़ी तथा अवधी बालियाँ तिङन्त-प्रधान हैं। औरइतनीं मिलती-जुलती हैं किं इन के स्वरूप को स्पष्ट विवेचन-विभाजन बहुत सरले काम नहीं है। यह भी कह सकते हैं कि पश्चिमी अवधी का ही एक रून पूर्वीपाञ्चाल' है । बाँदा-जिला पाञ्चाली के क्षेत्र में ही है और