पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२०५

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( १९२ ) टि-केशवराय ने सं० १७५३ में जैमुन की कथा लिखी थी। १६८२ ई० (सं० १७३९ ) इनका उपस्थिति काल है, जन्मकाल नहीं। .. . -सर्वेक्षण ६५ ३०१. कनक कवि-जन्म १६८३ ई० । शृंगारी कवि ! ३०२. मनसुख कवि-जन्म १६८३ ई० । हजारा। टि०-१६८३ ई० ( सं० १७४०) रचनाकाल है, जन्मकाल नहीं। .. -सर्वेक्षण ६५६ ३०३. मिसर कवि-जन्म १६८३ ई० ! हजारा। टि०-१६८३ ई० (सं० १७४० ) रचनाकाल है, जन्मकाल नहीं। -सर्वेक्षण ६५० ३०४. रविदत्त कवि-उपनाम बाबू सवितादत्त, जन्म १६८५ ई०। . र सत्कविगिरा विलास । टि-कवि का असल नाम सवितादत्त ही है, रविदत्त उपनाम है । सं० १७३५ में इन्होंने कृष्ण विलास की रचना की थी। अतः १६८५ ई० (सं० १७४२) इनका रचनाकाल है, न कि जन्मकाल। --सर्वेक्षण ९०३ ३०५. गोविंदजी कवि-१६९३ ई० । हजारा! टि.--१६९३ ई० रचनाकाल है। सरोज में इन्हें सं० १७५७ में 3. कहा गया है। ... .. ... .-सर्वेक्षण. १७८ ३०६. देवी बंदीजन-जन्म १६९३ ई० ।। इन्होंने हास्यरस का एक ग्रंथ सूरसागर लिखा है। . . . . टि–थ का नाम सूमपागर है। इसकी रचना सं० १७९९ में हुई। १६९३ ई० (सं० १७५०) कवि का जन्मकाल हो सकता है। -सर्वेक्षण ३६८ . . ३०७. देवीराम कवि-जन्म १६९३ ई० । . . . .. शांत रस के साधारण कवि । . ३०८. कुंदन कवि-बुंदेलखंडी । १६९५ ई० में उपस्थित ।