पृष्ठ:हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास.pdf/२३९

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( २२०) सं० १८६५ तक चलता है। ऐसी स्थिति में ग्रियर्सन का संवत् अशुद्ध है। १७४६ ई० (सं० १८०३) के बहुत बाद इनका जन्म हुआ रहा होगा। --सर्वेक्षण २८२ ४३९. तालिच अली--उपनाम रसनायक। बिलग्राम, जिला हरदोई के । जन्म (? उपस्थिति )-१७४६ ई०।। शृंगारी कवि । शिव सिंह द्वारा उल्लिखित, १७११ ई० में उत्पन्न, तालिन अली भी संभवतः यही हैं। टि–रसनायक विलनामी का असल नाम तालिब अली है। यह सरोज (सर्वेक्षण ३२६ ) के तालिव से भिन्न हैं। सरोज के इन दूसरे कवि का नाम तालिव शाह है, न कि तालिब अली । ४४०. नाथ–जन्म १७४६ ई० । ? सुंदरी तिलक । यह मानिकचंद के दरबार में थे, जिनके पुत्रं इच्छन प्रतीत होते हैं । देखिए १६२ । ४४१. पझेस कवि-जन्म १७४६ ई०। ४४२. पूखी कवि-मैनपुरी, दोआव के ब्राह्मण । जन्म १७४६ ई० 1 शृङ्गार संग्रह । ४४३. ब्राह्मन नाथ-भोग सोंडी, जिला हरदोई के। जन्म ( १ उपस्थिति ) . १७४६ ई० । सोमनाथ (सं०४४७ ) के प्रसंग में शिव सिंह द्वारा उल्लिखित । टि०-इस नाम का कोई कवि नहीं हुआ। -यही ग्रंथ ४४७, सर्वेक्षण ९४२ ४४४. राम परसाद-बिलग्राम, जिला हरदोई के बंदीजन । जन्म ( ? उप- स्थिति)-१७४६ ई० । राग कल्पद्रुम । देखिए सं० ६३९ । टिलराम प्रसाद लखनऊ के नवाव मोहम्मद अली (सं० १८९४-९९ वि० ) के समय में अत्यंत वृद्ध रूप में जीवित थे। १७४३ ई० (सं० १८०३ ) इनका न तो जन्मकाल हो सकता है, न उपस्थिति काल । इनका जन्म सं. १८२५ के आसपास हुआ रहा होगा । -सर्वेक्षण ७८६ ४४५, राम भट्ट--फर्रुखाबाद के । जन्म १७४६ ई०। यह नवाब क्रियाम खों के दरबार में थे और (१) शृङ्गार सौरभ तथा (२) बरवै नायिकाभेद के रचयिता हैं । .