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८६२. बजरंग कवि
८६३. बदन कवि

टि०—बदन कवि ने सं० १८०९ में 'रसदीप' की रचना की थी।

—सर्वेक्षण ५६०


८६४. बंसीधर मिसर—संडीला के। शांत रस के कवि।

टि०—सरोज में इनको 'सं० १६७२ में उ०' कहा गया है। यह इनका उपस्थिति काल है। महेशदत्त के अनुसार यह इनका मृत्युकाल है। न जाने कैसे ग्रियर्सन ने सरोज के इस स-तिथि कवि को अ-तिथि बना दिया।

—सर्वक्षण ५२५


८६५. बरग राय—गोपाचल कथा या ग्वालियर का इतिहास नामक ग्रंथ के रचयिता। देखिए गार्सो द तासी, भाग १, पृष्ठ ५१८

८६६. बाबू भट्ट कवि
८६७. बिदुख कवि—कृष्ण लीला वर्णन करने वाले कवि।
८६८. बिंदादत्त कवि—श्रृंगारी कवि।
८६९. बिसंभर कवि—श्रृंङ्गारी कवि।
८७०. बिसेसर कवि
८७१. बुद्धसेन कवि
८७२. बुद्ध सिङ्घ—पंजाबी। माधवानल या माधोनल की आख्यायिका का

भाषा में श्रेष्ठ अनुवाद करनेवाले। (मिलाइए सं० २१६, ६२९)
८७३. बुलाकीदास—घाटो अथवा विशेष रूप से चैत के महीने में गाए जानेवाले, भोजपुरी बोली में रचित, बहुत से गीतों के कर्ता। देखिए,

'सम भोजपुरी सांग्स'—जर्नल आफ़ एशियाटिक सोसाइटी आफ़ बंगाल, अंक २८.
८७४. वेनीमाधव भट्ट—

टि०—बेनीमाधव भट्ट उपनाम 'प्रवीण' संवत १७९८ के पूर्व उपस्थित थे।

—सर्वेक्षण ५८२

८७५. बैन कवि
८७६. बोधीराम कवि
८७७. ब्रजमोहन कवि—श्रृंङ्गारी कवि।
८७८. ब्रजेस कवि—बुन्देलखडी।

टि०—इनका जन्म सं० १७६० में हुआ। यह ओरछे के रहने वाले थे। इनका रचना काल सं० १७९० है।

—सर्वेक्षण ५२९