पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/१५१

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१२४ ! हिंदुई साहित्य का इतिहास अवध के नवाब और बादशाह आसफुद्दोला, ग(जो उद्दीन हैदर और वाजिद अली । अंत में हिन्दुस्तानी के कवि समुदाय में से महिला कवयित्रियाँ अलग की जा सकती हैं, जिनमें से कई का मैंने एक विशेष लेख में उल्लेख किया है । जिनका मैंने उल्लेख नहीं किया उनमें से, मैं श३दो खुला अर्थात् माँ की बहन का उल्लेख कर सकता हूँ । वास्तव में उनका यह तखुल्लुस है, क्योंकि उनके भतीजे, फर्रुखाबाद के नवाब इमाद उल्पक्ष, के इरम में वे इसी सुएरीि वत नाम से पुकारी जाती हैं , किन्तु उनका आदसूचक उपनाम या ख़िताब’ था बद्र उन्निसा-—स्त्रियों में पूर्ण चन्द्र, अर्थात् स्त्रियों में बहुत असाधारण ।’ मैं, साहि तस्वूल्लुस से ज्ञात, तथा ‘जो साहिब’ या ‘साहिब जी’ -- ‘ओमती महिला का प्रचलित नाम धारण करने वाली, अम्त उल फातिमा बेगम का भी उल्लेख करू गा, जो विशेषतः अपनी गजलों के कारण, उर्दू लेखकों में प्रसिद्ध हैं ! वे अत्यन्त प्रसिद्ध कवि, सू नेम (Mani ) की, जो , उन जवमीलेखकों में से एक जिनसे मैंने अत्यधिक सहायता ली है, तथा अन्य कई लेखकों के भी उस्ताद थे, शिष्या हैं । वे बारीबारी से दिल्ली और लखनऊ में रही हैं, और मु। उन्ाह स्वाँ कृत कल-इ गम’ (Caul--gamin)-कोमल बात ---- शीर्षक एक मसनवी का विषय हैं । एक और महिला कवयित्रीहिन्दू नाम होने पर भी संभवतः मुसल मान, चंपा हैं, जिनका नाम michelic champaka के सुन्दर फूल १२ 'से कम परत द लिंद' ( भारत की मला कवयित्रियाँ , ‘‘यू द लौरिणेत्र’ की मई, १८५४ की संख्या। २ यह अरखाँ का शब्द है और अर्थ है-‘भाँ को बहन'। वह 'खाल' माँ का माई, मामा-—का स्त्रोलिग है।

  • इश्को, स्प्रंगर द्वारा उद्घत !