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हिंदुई सहित्य का इतिहास


से लिया गया बनारस ( काशी ) का इतिहास है और जो वास्तव में सौ भागों में हैं, जिनके शीर्षक ए० हैमिलटन और एल लैंगले ( L. Langles) द्वारा निर्मित 'कैटलौग ऑव दि संस्कृत मैन्सयुक्रिप्ट्स ऑव दि इंपीरियल लाइब्रेरी ('राजकीय पुस्तकालय में संस्कृत हस्तलिखित पोथियों का सूचीपत्र') में पाए जाते हैं,३३ तथा बाद के पृष्ठ।

           जवाँ ( काज़िम अली)

दिल्ली के मिर्जा काजिम अली जवाँ'हिन्दुस्तानी के एक अत्यंत प्रसिद्ध लेखक हैं |११६६(१७८१–१७५२) में वे लखनऊ में रहते थे। १८०० में वे कर्नल स्काँट के बुलाए जाने पर लखनऊ से कलकत्ते गए,और फोर्ट विलियम कॉलेज में हिनदुदस्तानी के प्रोफेसर डॉक्टर गिलक्राइस्ट के सहकारी के रूप में नियुक्त हुए। बेनी नारायण के अनुसार वे १८१४ में कलकत्ते में जीवित थे,जहाँ उनके लड़कों अयाँ और मुमताज ने भी, अपने पिता के अनुकरण पर,साहित्यिक जीवन में ख्याति प्राप्त की।

जवाँ लेखक हैं: १.भारतवासियों की प्रिय कथा,'शकुंतला', के आधार पर 'शकुनतला नाटक', या शकुंतला का नाटक, शीर्षक के अंतर्गत एक उर्दू कहानी के।यह कहानी जो पहले ब्रज-भाखा में लिखी गई थी,कालिदास कृत नाटक के अनुकरण पर नहीं है; वरन् उसमें 'महाभारत' की कथा का अनुकरण किया गया है । १८०२ में वह, नागरी

१.जवान आदमी २. दे०, दि हिन्दी रोमन ऑरथीपीग्रेफोकल अल्टीमेटम', पृ० २५ ३.दे० उनसे संबंधित लेख| ४. 'सकुन्तला नाटक' (फारसी लिपि से)