पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३५१

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१४६ हिंदुई साहित्य का इतिहास मासी राम के बारह महीने भी है और जो इस शीर्षक के अंतर्गत १६१६ पंक्तियों के आठ पृष्ठों में १८६ में आगेरे से मुद्रित हुई है। भादास ये कबीर के मुखशिष्यों में से एक और कबीरपंथियों के संप्रदाय की रचनाओं में से सबसे अधिक प्रचलित रचना लघु बीजक या वीजक के लेखक या संग्रहकर्ता हैं । दूसरी पुस्तक बयं कबीर ने बनारस के राजा को सुनाई थी । सामान्य कबीर पंथियों में भागूदास कृत बीजक सबसे अधिक प्रामाणिक समझा जाता है । वह अति मधुर छंदों में और एक अत्यन्त स्पष्ट व्याख्या के साथ लिखा गया है ! किन्तु लेखक अपना मत स्थापित करने के स्थान पर त अधिक करता है और अपने मत की व्याख्या करने की अपेक्षा वह अधिकतर अन्य प्रणालियों पर आक्रमण करता है । इस अंतिम उद्देश्य के लिए उसके विचार इतने हैं कि उसकी पुस्तक से कबीर के वास्तविक अस्पष्ट सिद्धान्त बड़ी मुश्किल से समझे जा सकते हैं मैं उसके शिष्य भी अनेक अंशों का प्रतिपादन भिन्नभिन्न रूप से करते हैं। उनमें से गुरु के पास एक छोटी रचना रहती है जो सबसे अधिक कठिन अशा । के लिए कुंजी के समान है ; किन्तु वह केवल थोड़े-से लोगों के हाथ में रहती है : तो भी उसका अधिक मूल्य नहीं है क्योंकि वह मूल की अपेक्षा शायद ही कम उलझन में डालने वाली होती है । १ ये बातें मैंने हिन्दुओं के धार्मिक संध्र दायों पर लिखे गएश्री विल्सन के विह ता पूर्ण विवरण से लो है , जो अनुवाद मैं यहाँ दे रहा हूँ वह भी वहीं से लिया गया है । देखिए ‘पशियाटक रिसर्च’, जिल्द १६, ४० ६० और उसके बाद ।