पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३६०

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सही पति [२०४ बेग कृत ‘न्यू स्ट्रौनौमिकल टेबिल्स’ (नवीन नक्षत्र तालिका’) का हिन्दुई अनुवाद करने वाले सहकारियों में से एक । मही पति' एक परम धार्मिक ब्राह्माण थे जिनका उल्लेख जनार्दन ने किया है, और जिन्होंने उनकी रचनाओं के शीर्षक इस प्रकार दिए हैं। १. भक्त लीलामृत-भक्तों की लीला का अमृत; २. भक्ति विजय’-धर्म की जीत ; ३. ‘सन्त विजय -संतों की जीत के ४, 'सन्त लीलामृत’ -सन्तों की लीला का अमृत ; ५. 'कथ'मृत' ‘क का अमृत ; ६. ‘डण्डर स्तोत्र’--नरक-संबंधी गाथा ; ‘शनि महाकुंग-शनि का सूचेच्च ; ८, ‘कृष्ण लीला कृष्ण की लीलाओं का अमृत ; 8. ‘तुक राम चरित्र' -—पयों में राम की कथा । ‘लीलामृत, जिसे उन्होंने शालिवाहन शक् संवत् १६६६ ( १७७४ ) में समाप्त कियालिखने के कुछ समय बाद ही, ८० वर्ष की अवस्था में उनका देहान्त हो गया। महेश उलु बेग़ा कृत ‘न्यू ऐस्ट्रोनौमिकल टेविल्स('नवीन नक्षत्र तालिका ’ ) के, हिन्दुई में, अनुवाद कार्य में अबुलफ़जल तथा अन्य -. १ भा० ‘पृथ्वा का स्मा २ इसी शीर्षक की दो रचनाएँ वोधले भाव त कही जाती है ( जि० प्रथम१० ३५१ ); और इस जिदद में उल्लिखित केशवदास भों एक 'भक लीलामृतके रचयिता हैं, पृ० १८२ । 3 भा० ठीक-ठोक महंस या महेशरा, बड़े ईश, शिव के नामों में से एक