पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३६१

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२०६ 1 हिंदुई साहित्य का इतिहास विद्वानों के सहयोगियों में से एक में इस विषय पर अबुलफ़ज़ल से संबंधित लेख देखिए । माधोदास तथा अधिक उचित रूप में मधु दास" एक अत्यन्त प्रसिद्ध हिन्दी लेखक हैं, जिन्होंनेअन्य कविताओं के अतिरिक्त, गीत या भजन लिखे हैं जो भारत में बहुत प्रसिद्ध हो गए हैं। ‘भक्तमाल' में उनके संबन्ध में जो उल्लेख है उसका अनुवाद यहीं दिया जाता है : छपय। विनय ब्यास मनो२ प्रकट है- जग को हित माधव जियो । पहिले वेदविभाग कथित पुराण अष्टादश भारत आादि भागवत मथित उद्धारेड। हरि यश अब साध सत्र ग्रंथ अर्थ भाषा विस्तारेछ । लीला के जय जयति गाइ भव पार उतारेठ i श्री जगन्नाथ इष्ट बैराग सव करुणा रस भीड़यों हियो | बिनय ब्यास मनो प्रकट हदें जग को हित माधव किये ॥ टीका। ब्राह्माण माधोदास कन्नौज के रहने वाले थे, उन्होंने यह विचारा कि लड़का स्याना हो तो माता-नी की टल छोड़ कर नीलाचल’ चला १ भा० ‘कृष्ण का दास २ तासी ने सम्भवत: मनु(= मानो ) पाठ देखकर धर्मशा के प्रणेता मनु समझा। है। इसलिए उन्होंने क्षेत्र में Outre vyaca, Manu a fait..आदि लिखा है।—अनु० 3 अर्थातनीला पर्वत, यह पुराणों में उल्लिखित पहाड़ों में से हैं (“वष्णु पुराण, ५० १८४ )। उड़ीसा के तट पर, कटक जिले में वह बताया जlता है। इसमें और ‘नोलगिरि’ में श्रम नहीं होना चाहिए। ‘नॉलगिरि' का अर्थ वही है किन्तु वह मालाबार तट के घाट में है।