पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३९५

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२४० ] हिंदुई साहित्य का इतिहास १. ‘दास बोध -रामदास का ज्ञान के २, ‘समास यात्म राम। -सबकी आत्मा राम ; ३. ‘मान्ष स्लोक'-(शायद मनुष स्लोक’ पढ़ा जाना चाहिए मनुष्यों के लिए कविता ? ); ४. ‘राजनीति’ पर दो सौ बीस श्लोक ; ५. रास बिलास’-कृष्ण का राधा और गोपियों के साथ ‘नाचने की क्रीड़ा, लाहौर से १८६८ में मुद्रित हिन्दी कविता, ३०० अठखेजी पृष्ठ । T-साथ प्रधान प्रसिद्ध सामयिक हिन्दू , राम की कथा पर विचार राम कलेवा रहस्य' के रचयिता हैं, बनारस, १८६६, चित्रों सहित, २६२६ पंक्तियों के २४ आठफेजी पृथ्ठ । राम प्रसाद, लक्ष्मी लाल आहमदाबाद के, रचयिता हैं : १. धर्म तव सार, अर्थात् धर्म की वास्तविकता का निचोड़, के 1 श्री विल्सन के पास उसकी एक प्रति है; २. लोकप्रिय गीतों के ; ३. १८५५ में अहमदाबाद में मुद्रित हिन्दी कविता, विवेक सागर--दूसरे का अन्तर पहिचानने की विद्या का सागर—के; एक १२४ पृष्ठ । १ भा० ‘सबसे ऊंचे भगवान् राम २ राम प्रसाद राम का प्रसाद