पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/३९६

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राम बस (पंडित ) [ २४१ राम बम( पंडित ) हिन्दी छन्दों में ईसा की जीवनी ( Life of Christ ) के रचयिता हैं जो १८३३ में श्रीरामपुर से मुद्रित हुई है, १२पेजी । यह . २६८ पृष्ठों का एक छोटा-सा सुंदर ग्रंथ है, जिसकी, जैसा कि प्रथम पृष्ठ के निचले भाग में दिए गए नोट से पता चलता है, वास्तव में, सितंबर १८३१, में दो हजार प्रतियाँ मुद्रित हुई । उसकी रचना . चौपाइयों Chaupais ) और दोहों में हुई है, और शीर्षक है. ‘नीष्ट चरितामृत पुस्तकर—ईसी की कथा के अमृत की पुस्तक । राम रतन३ शम ‘वाक़यात-इ हिंद' -भारतवर्ष की घटनाएँ अर्थात्मेरे विचार से इस शीर्षक की करीमुद्दीन की उर्दू रचना के हिन्दी अनु वाद के रचयिता हैं। उन्होंने हिन्दुई में ‘पीयर्सेज आउटलाइन्स ऑाँव ज्योग्रफ़ी ऐंड ऐस्ट्रोनॉमी' का, जो संभवतः बही रचना है । जो आउटलाइन्स आंव ब्यौमफ़ी ऐंड ऐस्ट्रोनोमी ऐंड आंव दि हिस्ट्री ऑॉव हिंदुस्तान’ है, कलकत्ता स्कूल बुक सोसायटी द्वारा प्रकाशितअनुवाद भी किया है; कलकत्तो, १८४०, अठपेजी। राम राड ( गुरु ) नानक के बंश के, नवीं पीढ़ी के,४ शिष्य हैं। उन्होंने हिन्दुई । - भ० ‘राम का शरारत' (बंगाल Aन्त उरण के अनुसार रम बॉक) २ भा० ‘राम का र’ 3 'राउड' राना या राजा का समानार्थवाची है । ४ इस सम्बन्ध में जो सुना जाता है वह इस प्रकार है : तीसरी पीढ़ी तक स्वय नानक के शिष्य रहे । तत्पश्चात् बाद की पीढ़ियों से उनके पुत्र रहे, राम राउ का सम्बन्ध नवीं से है। फ --१६