पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४३०

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वली रम 5 २७हैं २. ‘बालपन बंसुरी लीला-( कृष्ण के ) बचपन की संगीत की क्रीड़ा : बही१४ पृष्ठ । वली राम१ रचयिता हैं : १. ‘राम गीता’—राम का गीत-के, जिसक्री एक हस्तलिखित प्रति केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के किंग्स कॉ रेंज के पुस्तकालय में है; २. ‘शान पोथी '—ज्ञान की पुस्तक-—के, कविता, ३ ३. मिस्बाह उहुदा—निर्देशन का दीपक के । * वल्लभ लक्ष्मण भट्टतैतय ब्राह्मणके पुत्र वल्लभ स्वामी, वल्लभा चारियों के संप्रदाय के संस्थापक हैं । उनका जन्म १५३५ संबल (१४७8 ) में चम्पारण्य में हुआ था।” वे पहले जमुना के बाएँ तट पर, मथुरा से लगभग पूर्व में तीन कोख पर, गोकुल गाँव में रहते थे, किन्तु उन्होंने भारत के सब तीर्थस्थानों की यात्रा की। वे बाद को बनारस में बस गए । अंत में, अपना धर्मप्रचार कार्य पूर्ण कर लेने पर उन्होंने हनुमान घाट पर गंगा में प्रवेश । किया, जहाँ वे यंवद्धन हो गए । कहा जाता है उस स्थान से एक तीन ज्वाला उठी थी । अपने लेखक के धार्मिक जीवन और प्रचारकार्य की सब बातों पर विचार करने से बहुत विस्तार हो जयगा, और न १ यह व्यक्तिवाचक नाम मिश्र प्रतीत होता है जिस का अर्थ राम का मित्र है । ३ जर्नल रॉयत्व एशियाटिक सोसायटी, नई सोरो, जि०३, भाग १, में, ई० एच० पामर द्वारा दिया गया इन हस्तलिखित प्रतियों की सूची देखिए। ४ पिछला नोट दे खेएम वहो . उनके अद्ध त समझे जाने वाले जन्म के संबध में विस्तार हिस्ट्री ऑव दि सेक्ट

ऑब महाराज ज़' में देखिए॰ ३६ ।

४ ।