पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/४९४

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परिशिष्ट १ [ ३३8 * ‘दाय भाग्य' : उत्तराधिकारों का विभाजन । इस पुस्तक का अनुघाट, हिन्दी में, कतरों से प्रकाशित हुआ है।

  • ‘भाषा ॥

कनौज की बोली में रचना, वॉर्ड द्वारा उल्लिखितहिस्ट्री, लिट्रेचरएसीटा शव दि हिन्दू' ( हिन्दुओं का इतिहास साहित्य, आादि ), ०ि २, ७० ४८२ । & देहराराग’ ( फ़ारसी लिपि ) । संगीत के रागों का पद्यात्मक वएन ! मुहम्मद बख, आदि के पुस्तकालय में हस्तलिखित पोथी। % ‘धन्नःयी । कन्नौज की बोली में रचना, चर्ड द्वारा उल्लिलितहिस्ट्री, लिट्रेचर, ऐीटरा आव दि हिन्दू' ( हिन्दुओं का इतिहास साहित्य, आदि ), जि० २, ७ ४८२ ।

‘धर्म पुस्तक का सार’-ईसाई भजन ।

छोटी बारांदपेजी, हिन्दुई में, दोहा और चौपाई में रचित । ’ धर्म बुद्धि चतुष्पदि'। धार्मिक कर्त्तव्यों की * उपयुक्तता परचार" तयों के छन्द (ब्रजभाखा )। जैन रचना ( ‘एशियाटिंक रिसर्दी', जि% १७, ९ २४४ )। धर्म शास्त्र, अर्थात कानून की पुस्तक। होंलाँ द मैं-वारयेलेमी ( Paulin de Saint-bar-

Ghclfmy) द्वारा ‘Musei Borgiani anuscripti Av6

rnses etc., ० १५६ शीर्ष ग्रंथ में उल्लिखित हिन्दुस्तानी रचना । मुरे विचार से यह मनु के ग्रन्थ, जिसका शक है धर्म शास्त्र सनव',