पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५२४

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परिशिष्ट २ T ३६ . लंका का इतिहास, अथवा राम और रावण की लड़ाई । सड़क रिशल्यू के पुस्तकालय का ब्रज भाखा का हस्तलिखित ग्रं, हैमिल्टन और लैंग्लै ( Hamilton and Langlts ) सूचीपत्र का नं० ४ । इस इंस्तलिखित ग्रन्थ के न तो आदि में और न अन्त में कोई हिन्दुस्तानी शीर्षक हैकेवल ग्रंथ के हाशिए पर कई बार ‘लंका' , शब्द लिखा हुआ है । , उसम विभिन्न प्रकार के पशु हैं, और संस्कृत के अनुसार, पूढ़ों की चौड़ाई के अनुसार लिखा गया है । मुझे यह बताया गया है कि यह पोथी रामायण’ का केवल एक अंश है, क्योंकि उसका प्रारंभ इन शब्दों से होता है-सिंधु है, बचन सुनि रा’ ‘विश्वकर्मा चरित्र’-विश्वकर्मा का इतिहास के हिन्दी में । शत्रुजय महात्म’ | ‘ऐनल्स शव राजंस्थान’ में, 2ॉड द्वारा लिखितजैन ग्रन्थ । ‘हमीररास'—चितौड़ के राजा हमीर का इतिहास । टॉड के ‘ऐनल्स व राजस्थान, जि० २, २६ तथा बाद के पृष्ठ, और मेरे हिन्दुई भाषा के प्राथमिक सिद्धान्त,’ ७ में उल्लिखित हिन्धुई पद्यों में इतिहास । ‘हरि चन्द्र लीला: राजा हरि चन्द्र की कथा। .मौंटेगोमरी मार्टिन, ईस्टर्न इंडिया', जि० २, ४० १०३। ‘हिन्दुस्तानी चरित्र ‘हिन्दुस्तानी इतिहास । . मद्रास की ‘उपय (Upay )युक्त ग्रन्थ करण सभा' कही . जाने ाली सोसायटी द्वारा प्रकाशित 4-6॰ मुलौड (J. Mull- och) कृत संतोफ़ाईड लौग श्रIव तiख प्रिन्टेड बुक्स ।’ फा०-२४