पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५२८

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परिशिष्ट २ [ ३७३ की संख्या में, मेवाड़ नरेश के पुस्तकालय में हैं, और जिनमें से एक प्रति उन्होंने ली जो दो मोटी फोलिओ जिदों में हैं । ‘पन्नन की बात' --४१४ कथाओं का संग्रह ।बड़ा चौपेजी, नागरी अनुर । कर्नल टॉड द्वारा संग्रहीत हिन्दुई हस्तलिखित ग्रंथ । पहली पुस्तक’—पहली किताब, बच्चों की शिक्षा के लिए -- बनारस१८६४, २४ अठपेजी पृष्ठ । पांडव गीत'—पांडवों का गीत, हिन्दी कविता । ‘चरित्र-फूलों का चरित्र, भारतवर्ष के स्वासख़ास फूलों का वर्णन करने वाली छोटी कविता । हस्तलिखित ग्रंथ जो मेरे निजी सग्रह में है । ‘बद्री नाथ ओ फ़र्रुख़ाबाद की कहानी’—बद्रीनाथ और फ़र्रुखाबाद का इतिहास । यह रचना फ़क़ाबाद बद्रीनाथ की कहानी' के उलटे पिंक से भी बताई गई है। ।- ‘गरा गवर्नमेंट जुट ', पहली जून, १८५१ का अंक । बत मधो'—बन का शहदहिन्दी छन्द शाक 1- आगरा१८६४ । ‘बरण प्रकाश’ - वर्णमाला का स्पष्टीकरण के हिन्दी में । लखनऊ के नवल किशोर का जनवरी, १८६ का सूचीपत्र । ‘बरतम चरित्र' - बर्तन की कथाहिन्दी कहानी।- आगरा१८६४, २० ७० । बलदेव जी की बारहखड़ी- बल की खड़िया के बारह चिन्टू, हिन्दी कविता ।--८ बारहपेजी पृष्ठ। ‘बाग्वस्वेन्द्र वीर सिंह वर्णन, हिन्दी दोहों में |- बनारस, १८४8, छठपेजी ।