पृष्ठ:हिंदुई साहित्य का इतिहास.pdf/५३०

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परिशिष्ट २ [ ३७. ने ‘रस राज- रस का राजा ( कवियों की रचनाओं से संग्रह )। आगरा१८६४, २०० ० । ‘रामायण गीत’ ‘‘रामायणक्रा गीत । उत्तरपश्चिम प्रदेश के स्कूलों के लाभार्थी हिन्दी कविता । ‘लज्मण शतक’ - लक्ष्मण पर सात पद्य ।- बनारस१८६७ अपेजी । लघु चन्द्रिका’ -( व्याकरण के ) चन्द्रमा की हलकी चाँदनी। , उतरपश्चिम प्रदेश के स्कूलों के लाभार्थ हिन्दी व्याकरण । ‘लड़कों की कहानी’-बच्चों के लिए कहानियाँ: हिन्दी में, नागरी अक्षर ।- मिर्जापुर । ‘लड़कों की पुस्तक’ -बच्चों की पुस्तक, हिन्दी बारहखड़ी । शिमला, १८५० । लेफ्टिनेंट कर्नल जेन (Lance) द्वारा अनुवाद, दृष्टान्त और

व्याख्या सहितमद्रास स्कूल बुक सोसायटी द्वारा प्रकाशित

हिन्दुस्तानी कहावतों का संग्रह (A), १८७७1. . ‘वाक्यों, कहानियों और कहावतों (का संग्रह)' के हिन्दुस्तानी में 1 कलकत्ता, १८०४अठपेजी । बिमतावली - गानों का संग्रह।’ बनारस१८६, ५२ अठपेजी पृष्ठ ।। शिक्षा की बात’ - जो शिक्षा के लिए प्रयुक्त होती है , हिन्दी मैं ।- लाहौर, ‘कोह-इ नूर मुद्रणालय’। शिक्षा प्रकार’ या प्रचार’ - शिक्षा की विधि, अर्थात् ईसप (Esope) , फेंद्र (Phedre) आदि की कहानियाँ अँगरेजी से अनूदित और इस भाषा के अध्ययन के उपयुक्त बनाई गई । आगरा१८५३५० बारपेजी पृष्ठ, चित्रों सहित । उत्तरपश्चिम प्रदेश के देशी स्कूलों के लाभार्थ नीति औौर शिक्षा-सबंधी रचना ।