पृष्ठ:हिंदू राज्यतंत्र.djvu/११५

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1 (८४ ) होना चाहिए-आठ सदस्यों की न्यायकारी काउंसिल । अब तक इसका अर्थ किया जाता था-'आठ वर्गों या उपजातियों के प्रतिनिधि'* पर यह अर्थ ठीक नहीं है। 8 ५१. बौद्ध ग्रंथों और लेखों आदि के अनुसार विदेही और लिच्छवियों ने आपस में मिलकर एक 'संयुक्त लीग' स्थापित की थी और वे दोनों मिलकर संयुक्त काउंसिल संवजी कहलाते थे, जिसका अर्थ है आपस में मिले हुए वजो लोग। इन दोनों वज्जियों ने केवल आपस मे ही मिलकर संयुक्त लोग नहीं स्थापित की थी, बल्कि और लोगों के साथ भी इनका इस प्रकार का संयोग हुआ था। एक जैन सूत्र के अनुसार एक बार लिच्छवियों का इसी प्रकार का संयोग उनके पड़ोसी मल्लों के साथ हुआ था। इन लोगों का संयोग या मेल उस वर्ष तक बना हुआ था जिस वर्ष महावीर का निर्वाण हुआ था अर्थात् ई० पू० ५४५+ या ५२७ तक। इस संयुक्त काउंसिल के अठारह सदस्य थे जिनमे से नौ "लेच्छकी" और नौ "मल्लकी" थे। इस संयुक्त काउंसिल के सदस्य गण राजा कहे गए हैं। अमरसिह

  • रहीस डेविड्स कृत Buddhist India. पृ० २२. J. A.

S. B. भाग ७, पृ० १६३; टनर के लेख का नोट । + Buddhist India, पृ० २२.

  • कल्पसूत्र, १२८.

+J. BORS. १.१०२. xS. B. E. भाग २२, पृ० २६६.